Correct Answer: (b) लॉर्ड कैनिंग
Solution:ईश्वरचंद्र विद्यासागर के अथक प्रयासों के फलस्वरूप लॉर्ड कैनिंग (फरवरी, 1856 - मार्च, 1862) के समय 26 जुलाई, 1856 को 'हिंदू विधवा पुनर्विवाह अधिनियम' 1856 अधिनियमित हुआ। इस अधिनियम को लॉर्ड डलहौजी के समय प्रारूपित और प्रस्तुत किया गया था। इस अधिनियम के नियम 15 (XV) के तहत विधवा विवाह को वैध मान लिया गया और उस विवाह से उत्पन्न हुए बालक वैध घोषित किए गए।