Correct Answer: (d) राष्ट्रकूट
Solution:पट्टदकल (कर्नाटक) बादामी के चालुक्यों की एक महत्वपूर्ण धार्मिक और शाही स्थल था। यहाँ के मंदिरों में जैन मंदिर (जिसे जैन नारायण मंदिर भी कहते हैं) भी शामिल है,- जो चालुक्य वास्तुकला की नागर और द्रविड़ शैलियों के मिश्रण को दर्शाता है।
- राष्ट्रकूट राजवंश ने 6वीं और 10वीं शताब्दी के बीच भारतीय उपमहाद्वीप के बड़े हिस्से पर शासन किया।
- एलोरा का कैलासा मंदिर, जो यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल है, उनकी स्थापत्य विरासत का एक प्रमुख उदाहरण है।
- जैन नारायण मंदिर का निर्माण 9वीं शताब्दी में राष्ट्रकूटों द्वारा किया गया था।
- यह हिंदू मंदिरों की तुलना में अलंकरण में अधिक सांदा है और इसमें जैन तीर्थकर की छवि है।
Other Information
- चोलः- चोल राजवंश दक्षिणी भारत में सबसे लंबे समय तक शासन करने वाले राजवंशों में से एक था।
- तंजावुर में वृहदीश्वर मंदिर और गंगईकोंडा चोलपुरम में मंदिर द्रविड़ वास्तुकला में उनके योगदान के दो उदाहरण है।
 
- राष्ट्रकूटः- राष्ट्रकूट राजवंश ने 6वीं और 10वीं शताब्दी के बीच भारतीय उपमहाद्वीप के बड़े हिस्से पर शासन
- किया।
- एलोरा का कैलासा मंदिर, जो UNESCO की विश्व धरोहर स्थल है, उनकी स्थापत्य विरासत का एक प्रमुख उदाहरण है।
 
- होयसलः- होयसल साम्राज्य एक प्रमुख दक्षिण भारतीय कन्नडिगा साम्राज्य था जिसने 10वीं और 14वीं शताब्दी के बीच आधुनिक कर्नाटक राज्य के अधिकांश हिस्से पर शासन किया था।
- विशेष रूप से बेलूर में चेन्नाकेशवा मंदिर और हलेबिदु में होयसलेश्वर मंदिर, वे अपनी मंदिर वास्तुकला के लिए प्रसिद्ध हैं।