Correct Answer: (a) अनुस्मृति
Solution:महर्षि पतंजलि ने योग को 'चित्त की वृत्तियों के निरोध' (योग : चित्तवृत्ति निरोधः) के रूप में परिभाषित किया है। लगभग 200 ई.पू. में महर्षि पतंजलि ने योग को लिखित रूप में संगृहीत किया और योग-सूत्र की रचना की। योग-सूत्र की रचना के कारण पतंजलि को योग का जनक कहा जाता है। उन्होंने योग के आठ अंग यथा यम, नियम, आसन, प्राणायाम, प्रत्याहार, धारणा, ध्यान और समाधि का वर्णन किया है। यही आष्टांग योग है। अतः स्पष्ट है कि 'अनुस्मृति' अष्टांग योग का अंश नहीं है।