गुप्त एवं गुप्तोत्तर युग (UPPCS) (Part-3)

Total Questions: 50

31. 'हर्षचरित' नामक पुस्तक किसने लिखी? [47th B.P.S.C. (Pre) 2005]

Correct Answer: (b) बाणभट्ट
Solution:'हर्षचरित' ग्रंथ की रचना सुप्रसिद्ध लेखक बाणभट्ट ने की थी। यह वर्द्धन वंश के इतिहास का प्रमुख स्रोत है। इसमें लेखक अपने समकालीन शासक तथा उसके पूर्वजों के जीवनवृत्त का वर्णन प्रस्तुत करता है।

32. हर्ष के साम्राज्य की राजधानी थी- [U.P.P.C.S. (Pre) 1993]

Correct Answer: (a) कन्नौज
Solution:चीनी स्रोतों से पता चलता है कि हर्ष एवं राज्यश्री दोनों साथ-साथ कन्नौज के राजसिंहासन पर बैठते थे। हर्ष की प्रारंभिक राजधानी थानेश्वर थी। बाद में हर्ष ने अपनी राजधानी थानेश्वर से कन्नौज स्थानांतरित की, ताकि वह राज्यश्री को प्रशासनिक कार्यों में पूरी सहायता प्रदान कर सके। यह हर्ष के विस्तृत साम्राज्य पर शासन करने के लिए भी उपयुक्त था। उ.प्र. लोक सेवा आयोग ने इसका उत्तर विकल्प (a) को माना है।

33. सम्राट हर्ष ने अपनी राजधानी थानेश्वर से कहां स्थानांतरित की थी? [U.P.P.C.S. (Pre) 1992]

Correct Answer: (c) कन्नौज
Solution:चीनी स्रोतों से पता चलता है कि हर्ष एवं राज्यश्री दोनों साथ-साथ कन्नौज के राजसिंहासन पर बैठते थे। हर्ष की प्रारंभिक राजधानी थानेश्वर थी। बाद में हर्ष ने अपनी राजधानी थानेश्वर से कन्नौज स्थानांतरित की, ताकि वह राज्यश्री को प्रशासनिक कार्यों में पूरी सहायता प्रदान कर सके। यह हर्ष के विस्तृत साम्राज्य पर शासन करने के लिए भी उपयुक्त था। उ.प्र. लोक सेवा आयोग ने इसका उत्तर विकल्प (a) को माना है।

34. सम्राट हर्षवर्धन ने दो महान धार्मिक सम्मेलनों का आयोजन किया था- [U.P.U.D.A./L.D.A. (Pre) 2001]

Correct Answer: (a) कन्नौज तथा प्रयाग में
Solution:अन्य धर्मों से महायान की उत्कृष्टता सिद्ध करने के लिए हर्ष ने कन्नौज में विभिन्न धर्मों एवं संप्रदायों के आचार्यों की एक विशाल सभा बुलवाई थी। चीनी साक्ष्यों के अनुसार, इस सभा में बीस देशों के राजा अपने देशों के प्रसिद्ध ब्राह्मणों, श्रमणों, सैनिकों, राजपुरुषों आदि के साथ उपस्थित हुए थे। इस सभा की अध्यक्षता ह्वेनसांग ने की थी। साथ ही हर्ष के समय प्रति पांचवें वर्ष प्रयाग के संगम क्षेत्र में एक समारोह का आयोजन किया जाता था, जिसे 'महामोक्ष परिषद' कहा गया है। ह्वेनसांग स्वयं छठे समारोह में उपस्थित था। इसमें 18 देशों के राजा सम्मिलित हुए थे।

35. उत्तर प्रदेश में स्थित वह स्थल जहां हर्षवर्धन ने बौद्ध महासम्मेलन का आयोजन किया था- [U.P. Lower (Sub.) (Pre) 2004]

Correct Answer: (b) प्रयाग
Solution:अन्य धर्मों से महायान की उत्कृष्टता सिद्ध करने के लिए हर्ष ने कन्नौज में विभिन्न धर्मों एवं संप्रदायों के आचार्यों की एक विशाल सभा बुलवाई थी। चीनी साक्ष्यों के अनुसार, इस सभा में बीस देशों के राजा अपने देशों के प्रसिद्ध ब्राह्मणों, श्रमणों, सैनिकों, राजपुरुषों आदि के साथ उपस्थित हुए थे। इस सभा की अध्यक्षता ह्वेनसांग ने की थी। साथ ही हर्ष के समय प्रति पांचवें वर्ष प्रयाग के संगम क्षेत्र में एक समारोह का आयोजन किया जाता था, जिसे 'महामोक्ष परिषद' कहा गया है। ह्वेनसांग स्वयं छठे समारोह में उपस्थित था। इसमें 18 देशों के राजा सम्मिलित हुए थे।

36. नर्मदा नदी पर सम्राट हर्ष के दक्षिणवर्ती अग्रगमन को रोका- [I.A.S. (Pre) 2003]

Correct Answer: (b) पुलकेशिन II ने
Solution:हर्ष की विजयों के फलस्वरूप उसके राज्य की पश्चिमी सीमा नर्मदा नदी तक पहुंच गई। इधर पुलकेशिन II भी उत्तर की ओर राज्य का विस्तार करना चाहता था, ऐसी स्थिति में दोनों के बीच युद्ध अवश्यंभावी हो गया। फलतः नर्मदा के तट पर दोनों के बीच युद्ध हुआ, जिसमें पुलकेशिन II ने हर्ष को पराजित किया। पुलकेशिन II की ऐहोल प्रशस्ति एवं ह्वेनसांग का विवरण इस युद्ध के साक्ष्य हैं।

37. निम्नलिखित शासकों में से किसने हर्षवर्धन को पराजित किया था? [U.P.P.C.S (Mains) 2016]

Correct Answer: (d) पुलकेशिन द्वितीय
Solution:हर्ष की विजयों के फलस्वरूप उसके राज्य की पश्चिमी सीमा नर्मदा नदी तक पहुंच गई। इधर पुलकेशिन II भी उत्तर की ओर राज्य का विस्तार करना चाहता था, ऐसी स्थिति में दोनों के बीच युद्ध अवश्यंभावी हो गया। फलतः नर्मदा के तट पर दोनों के बीच युद्ध हुआ, जिसमें पुलकेशिन II ने हर्ष को पराजित किया। पुलकेशिन II की ऐहोल प्रशस्ति एवं ह्वेनसांग का विवरण इस युद्ध के साक्ष्य हैं।

38. चालुक्य शासक पुलकेशिन की हर्ष पर विजय का वर्ष था- [Jharkhand P.C.S. (Pre) 2016]

Correct Answer: (b) 618 ई.
Solution:पुलकेशिन द्वितीय चालुक्य वंश का शक्तिशाली राजा था। हर्ष की विजयों के फलस्वरूप उसके राज्य की पश्चिमी सीमा नर्मदा नदी तक पहुंच गई। उधर पुलकेशिन भी उत्तर की ओर राज्य का विस्तार चाहता था। ऐसी स्थिति में दोनों के बीच युद्ध अवश्यंभावी हो गया। फलस्वरूप हर्ष और पुलकेशिन द्वितीय के बीच नर्मदा नदी के तट पर युद्ध हुआ, जिसमें संभवतः हर्ष की पराजय हुई। अल्टेकर का विचार है कि हर्ष और पुलकेशिन का युद्ध 630 से 634 ई. के बीच कभी हुआ था। इसका पहला कारण तो यह है कि वल्लभी का युद्ध 630 ई. के पहले नहीं हो सकता और यह युद्ध उसी का परिणाम था। पुनश्च पुलकेशिन का 630 ई. का लोहनारा से प्राप्त लेख उसके द्वारा पराजित जिन शत्रुओं का उल्लेख करता है, उसमें हर्ष का नाम नहीं है। परंतु 634 ई. का ऐहोल प्रशस्ति इस युद्ध का उल्लेख करता है। अप्रैल, 2016 में भंडारकर ओरिएंटल रिसर्च इंस्टीट्यूट (BORI) के अनुसंधानकर्ताओं ने एक ताम्रपत्र लेख के आधार पर यह विचार व्यक्त किया है कि चालुक्य शासक पुलकेशिन तथा हर्ष का युद्ध 618 ई. में निश्चित किया जा सकता है। इंपीरियल गजेटियर ऑफ इंडिया में इस युद्ध का समय 620 ई. के लगभग बताया गया है। अतः इस युद्ध का समय 618 ई. मानना अधिक युक्तियुक्त है। झारखंड लोक सेवा आयोग ने भी विकल्प (b) को सही उत्तर माना है।

39. कवि बाण, निवासी था- [41st B.P.S.C. (Pre) 1996]

Correct Answer: (d) उपर्युक्त में कोई नहीं
Solution:बाणभट्ट का जन्म बिहार में सोन नदी के किनारे अवस्थित प्रीतिकूटा नामक गांव में हुआ था। इनके पिता का नाम चित्रभानु तथा माता का नाम राजदेवी था।

40. ह्वेनसांग किसके शासनकाल में भारत आया था? [U.P.P.C.S. (Pre) 1990 & U.P. P.C.S. (Mains) 2012]

Correct Answer: (b) सम्राट हर्ष
Solution:हर्षवर्धन के समय की सर्वप्रमुख घटना चीनी यात्री ह्वेनसांग के भारत आगमन की है। उसकी उत्कट अभिलाषा महात्मा बुद्ध के चरण-चिह्नों द्वारा पवित्र किए स्थानों को देखने एवं पवित्र बौद्ध ग्रंथों का अध्ययन करने की थी, जो उन दिनों भारत में सुलभ थे। इस उद्देश्य की पूर्ति हेतु उसने तांग शासकों की राजधानी चंगन से भारतवर्ष के लिए 629 ई. में प्रस्थान किया। अपनी भारत यात्रा के ऊपर उसने एक ग्रंथ लिखा, जिसे 'सी-यू-की' कहा जाता है।