गुप्त एवं गुप्तोत्तर युग (UPPCS)

Total Questions: 50

41. भारत ने दक्षिण-पूर्वी एशिया के साथ अपने आरंभिक सांस्कृतिक संपर्क तथा व्यापारिक संबंध बंगाल की खाड़ी के पार बना रखे थे। निम्नलिखित में से कौन-सी बंगाल की खाड़ी के इस उत्कृष्ट आरंभिक समुद्री इतिहास की सबसे विश्वसनीय व्याख्या/व्याख्याएं हो सकती है/हैं? [I.A.S. (Pre) 2011]

Correct Answer: (c) बंगाल की खाड़ी में चलने वाली मानसूनी हवाओं ने समुद्री यात्राओं को सुगम बना दिया था
Solution:भारत ने दक्षिण-पूर्वी एशिया के साथ अपने आरंभिक सांस्कृतिक संपर्क तथा व्यापारिक संबंध बंगाल की खाड़ी के पार बना रखे थे। इसका प्रमुख कारण बंगाल की खाड़ी में चलने वाली मानसूनी हवाओं के द्वारा समुद्री यात्रा का सुगम होना था। अतः सर्वाधिक उपयुक्त उत्तर विकल्प (c) है।

42. प्राचीन भारत में देश की अर्थव्यवस्था में अत्यन्त महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली 'श्रेणी' संगठन के संदर्भ में निम्नलिखित में से कौन-सा/से कथन सही है/हैं? [I.A.S. (Pre) 2012]

1. प्रत्येक 'श्रेणी' राज्य के एक केंद्रीय प्राधिकरण के साथ पंजीकृत होती थी और प्रशासनिक स्तर पर राजा उनका प्रमुख होता था।

2. 'श्रेणी' ही वेतन, काम करने के नियमों, मानकों और कीमतों को सुनिश्चित करती थी।

3. 'श्रेणी' का अपने सदस्यों पर न्यायिक अधिकार होता था।

निम्नलिखित कूटों के आधार पर सही उत्तर चुनिए :

Correct Answer: (c) केवल 2 और 3
Solution:प्राचीन भारत की अर्थव्यवस्था में श्रेणियों का विशेष महत्व था। ये संगठन व्यापारियों के द्वारा उनके व्यापार के समुचित संचालन के लिए स्थापित किए जाते थे। श्रेणियों का अपने सदस्यों पर न्यायिक अधिकार होता था तथा श्रेणियों के द्वारा ही सदस्यों के वेतन, काम करने के नियमों, मानकों एवं कीमतों का निर्धारण किया जाता था। प्रत्येक श्रेणी का अपना एक प्रमुख होता था। राजा का श्रेणियों के संचालन में कोई हस्तक्षेप नहीं होता था, श्रेणियां अपने नियम स्वयं बनाती थीं। स्थानीय प्रशासन में भी श्रेणियों को काफी महत्व प्राप्त होता था।

43. गुप्त काल में गुजरात, बंगाल, दक्कन एवं तमिल राष्ट्र में स्थित केंद्र किससे संबंधित थे? [R.A.S./R.T.S. (Pre) 2010]

Correct Answer: (a) वस्त्र उत्पादन
Solution:गुप्त काल में गुजरात, बंगाल, दक्कन एवं तमिलनाडु वस्त्र उत्पादन के लिए प्रसिद्ध थे। अतः विकल्प (a) सही उत्तर है। वस्त्रोद्योग, गुप्तकाल का प्रमुख उद्योग था।

44. प्राचीन काल में किस वर्ण को 'सार्थवाह' भी कहा जाता था? [M.P.P.C.S. (Pre) 2018]

Correct Answer: (c) वैश्य
Solution:अमरकोष के टीकाकार क्षीरस्वामी ने लिखा है कि 'जो पूंजी द्वारा व्यापार करने वाले पांथों (व्यापारियों) का अगुआ हो, वह सार्थवाह हैं। (सार्थान सधनान् सरतो वा पांथान् वहति सार्थवाहः) । वस्तुतः सार्थ का अभिप्राय था 'समान या सहयुक्त अर्थ (पूंजी) वाले व्यापारी, जो बाहरी मंडियों के साथ व्यापार करने के लिए एक साथ कारवां बनाकर चलते थे, वे 'सार्थ' कहलाते थे। इन व्यापारियों का नेता 'सार्थवाह' कहलाता था। अतः प्राचीन काल में वैश्य वर्ण को सार्थवाह के साथ संबंधित किया जाता था।

45. निम्नलिखित में से कौन गुप्तकाल में अपनी आयुर्विज्ञान विषयक रचना के लिए जाना जाता है? [I.A.S. (Pre) 1996 & U.P. Lower Sub. (Spl.) (Pre) 2002]

Correct Answer: (d) सुश्रुत
Solution:सुश्रुत को शल्यक्रिया का जनक कहा जाता है। यह काशी के रहने वाले थे, इनका काल लगभग 600 ई.पू. माना जाता है। 'शौनक' ऋग्वेदकालीन ऋषि थे। 'शूद्रक' गुप्तकालीन नाटककार (साहित्यकार) थे। 'सौमिल्ल' गुप्तकालीन नाटककार हैं, जिसे कालिदास ने भास और कविपुत्र के साथ याद किया है। इस प्रकार गुप्त काल में औषधि के क्षेत्र में उपर्युक्त में किसी ने कार्य नहीं किया था। चूंकि गुप्त काल का प्रारंभ 275 ई. (श्री गुप्त) से प्रारंभ होता है, जो सुश्रुत के मान्यकाल (प्रायः 600 ई.पू.) से बाद का है; इसलिए सुश्रुत को गुप्त काल के समकालीन मानना औचित्यपूर्ण नहीं है।

46. इनमें से कौन गुप्तकाल में औषधि के क्षेत्र में अपने कार्य के लिए जाने जाते हैं? [65th B.P.S.C. (Pre) 2019]

Correct Answer: (e) उपर्युक्त में से कोई नहीं/ उपर्युक्त में से एक से अधिक
Solution:उपर्युक्त प्रश्न की व्याख्या देखें। ज्ञातव्य है कि बिहार लोक सेवा आयोग ने अपने अंतिम उत्तर-पत्रक में इस प्रश्न का सही उत्तर विकल्प (a) माना है।

47. निम्नलिखित में से किसका प्राचीन भारत के आयुर्वेद शास्त्र से संबंध नहीं है? [I.A.S. (Pre) 1993]

Correct Answer: (b) भास्कराचार्य
Solution:धन्वंतरि, चंद्रगुप्त II 'विक्रमादित्य' के नवरत्नों में से एक थे। ये आयुर्वेद शास्त्र के प्रकांड पंडित थे। चरक एवं सुश्रुत भी आयुर्वेद के विख्यात विद्वान थे। चरक कनिष्क के राजवैद्य थे, जिन्होंने 'चरक संहिता' की रचना की थी। जबकि भास्कराचार्य प्रख्यात खगोलज्ञ एवं गणितज्ञ थे। उन्होंने 'सिद्धांत शिरोमणि' नामक ग्रंथ की रचना की। इस ग्रंथ में गणित तथा खगोल विज्ञान संबंधी विषयों पर प्रकाश डाला गया है।

48. लीलावती के लेखक थे- [U.P. G.I.C. प्रवक्ता, 2017]

Correct Answer: (c) भाष्कराचार्य
Solution:'लीलावती' की रचना प्रसिद्ध भारतीय गणितज्ञ और खगोलशास्त्री भाष्कराचार्य ने की थी। यह गणित विषय का महत्वपूर्ण ग्रंथ है और संस्कृत भाषा में काव्यात्मक शैली में श्लोकबद्ध है। वस्तुतः लीलावती भाष्कराचार्य द्वारा रचित ग्रंथ 'सिद्धांत शिरोमणि' का एक भाग है।

49. प्राचीनकालीन भारत में हुई वैज्ञानिक प्रगति के संदर्भ में निम्नलिखित में से कौन-से कथन सही हैं? [I.A.S. (Pre) 2012]

1. प्रथम शती ईस्वी में विभिन्न प्रकार के विशिष्ट शल्य औजारों का उपयोग आम था।

2. तीसरी शती ईस्वी के आरंभ में मानव शरीर के आंतरिक अंगों का प्रत्यारोपण शुरू हो चुका था।

3. पांचवीं शती ईस्वी में कोण के ज्या का सिद्धांत ज्ञात था।

4. सातवीं शती ईस्वी में चक्रीय चतुर्भुज का सिद्धांत ज्ञात था।

निम्नलिखित कूटों के आधार पर सही उत्तर चुनिए :

 

Correct Answer: (c) केवल 1, 3 और 4
Solution:'प्राचीन काल' वैज्ञानिक प्रगति के संदर्भ में उल्लेखनीय रहा है। इस काल में प्रथम शताब्दी ईस्वी तक शल्य क्रिया में काम आने वाले विभिन्न प्रकार के उपकरणों का उपयोग होता था; किंतु उस काल या उसके बाद अंग प्रत्यारोपण संभव नहीं हो सका था। गुप्त काल में गणित के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति हुई। 5वीं शती ई. तक भारत में त्रिकोणमिति में ज्या (Sine), कोज्या (Cosine) और उत्क्रम ज्या (Inverse Sine) के सिद्धांत ज्ञात हो चुके थे। 'सूर्य सिद्धांत' और 'आर्यभट्टीयम' में इनका उल्लेख है। सातवीं शती ई. में ब्रह्मगुप्त द्वारा चक्रीय चतुर्भुज के सिद्धांत का वर्णन मिलता है।

50. भारतीय यात्रा में 'फाह्यान' ने एक अस्पताल का उल्लेख किया है, यह स्थित था- [Chhattisgarh P.C.S. (Pre), 2019]

Correct Answer: (d) पाटलिपुत्र
Solution:चीनी यात्री फाह्यान गुप्त काल में भारत आया था। उसने उल्लेख किया है कि पाटलिपुत्र नगर के धनिकों ने एक बड़े अस्पताल की स्थापना की थी, जहां निर्धनों को निःशुल्क दवाएं और भोजन उपलब्ध कराया जाता था। यहां देशभर से रोगी इलाज के लिए आते थे।