चुनाव आयोग (भारतीय राजव्यवस्था एवं शासन)

Total Questions: 55

21. संसद के सदस्य की निरर्हताओं से संबंधित प्रश्न का विनिश्चय करते समय राष्ट्रपति निम्नलिखित में से किसकी राय प्राप्त करेगा? [U.P.P.C.S. (Pre) 2015]

Correct Answer: (b) भारत के निर्वाचन आयोग की
Solution:संविधान के अनुच्छेद 102 के खंड (1) के तहत संसद के सदनों का सदस्य चुने जाने और सदस्य होने के लिए निरर्हताओं का उल्लेख है। इनके संदर्भ में संविधान के अनु. 103 के तहत सांसदों की अयोग्यता/ निरर्हता संबंधी विवाद का विनिश्चय राष्ट्रपति, निर्वाचन आयोग के परामर्श के अनुसार करता है, जबकि दल-परिवर्तन के आधार पर निरर्हता

संबंधी प्रश्नों का विनिश्चय संविधान की 10वीं अनुसूची के प्रावधानों के तहत सदन के सभापति / अध्यक्ष द्वारा किया जाता है।

22. भारत के संविधान के अनुच्छेद 103 के तहत, राष्ट्रपति लोक सभा सदस्यों की निरर्हताओं से संबंधित किसी भी प्रश्न पर कोई निर्णय देने से पूर्व निम्नांकित में से किसकी राय लेगा? [R.A.S./R.T.S. (Pre) 2021]

Correct Answer: (b) निर्वाचन आयोग
Solution:संविधान के अनुच्छेद 102 के खंड (1) के तहत संसद के सदनों का सदस्य चुने जाने और सदस्य होने के लिए निरर्हताओं का उल्लेख है। इनके संदर्भ में संविधान के अनु. 103 के तहत सांसदों की अयोग्यता/ निरर्हता संबंधी विवाद का विनिश्चय राष्ट्रपति, निर्वाचन आयोग के परामर्श के अनुसार करता है, जबकि दल-परिवर्तन के आधार पर निरर्हता

संबंधी प्रश्नों का विनिश्चय संविधान की 10वीं अनुसूची के प्रावधानों के तहत सदन के सभापति / अध्यक्ष द्वारा किया जाता है।

23. यदि किसी राज्य विधानसभा के निर्वाचन में निर्वाचित घोषित होने वाला प्रत्याशी अपनी निक्षिप्त राशि (जमानत राशि) खो देता है, तो उसका अर्थ है कि - [I.A.S. (Pre) 1995]

Correct Answer: (d) निर्वाचन लड़ने वाले प्रत्याशियों की संख्या बहुत अधिक थी
Solution:प्रत्येक उम्मीदवार को निर्वाचन में निक्षिप्त (जमानत) राशि रखनी पड़ती है और यदि वह कुल पड़े वैध मतों का न्यूनतम 1/6 मत नहीं प्राप्त करता है, तो यह राशि खो बैठता है। दिए गए विकल्पों के अनुसार, यदि चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशियों की संख्या काफी अधिक हो तो ऐसा संभव हो सकता है।

24. न्यायालय द्वारा अपराधी घोषित किए गए व्यक्ति को चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य करार देने का निर्णय किया गया है- [I.A.S. (Pre) 2009]

Correct Answer: (d) संसद द्वारा
Solution:न्यायालय द्वारा अपराधी घोषित किए गए व्यक्ति को चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य करार देने का निर्णय संसद द्वारा किया गया है। संसद द्वारा बनाए गए लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 8 (3) के अनुसार, यदि किसी व्यक्ति को न्यायालय द्वारा अपराधी करार देते हुए 2 वर्ष या अधिक की सजा सुनाई गई है, तो वह सजा के दौरान तथा उसके पश्चात अगले 6 वर्षों की अवधि के लिए सदन की सदस्यता तथा चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य हो जाता है। इसके अतिरिक्त इसी अधिनियम की धारा 8(1) के तहत वर्णित विशिष्ट अपराधों के लिए दोषसिद्ध कोई व्यक्ति मात्र जुर्माना होने पर भी 6 वर्षों की अवधि हेतु तथा कोई भी सजा होने पर सजा के दौरान तथा उसके बाद 6 वर्षों की अवधि हेतु सदन की सदस्यता तथा चुनाव लड़ने के अयोग्य हो जाता है।

25. नीचे दो वक्तव्य दिए गए हैं- [U.P.P.C.S. (Pre) 2017]

अमिकथन (A) : चुनाव की घोषणा होते ही राजनीतिक दलों को आदर्श आचार संहिता का पालन करना होता है।

कथन (R) : आदर्श आचार संहिता को संसद ने अधिनियमित किया था।

नीचे दिए गए कूट से सही उत्तर का चयन कीजिए-

Correct Answer: (c) (A) सत्य, पर (R) असत्य है।
Solution:आदर्श आचार संहिता राजनैतिक दलों तथा उम्मीदवारों के मार्गदर्शन हेतु उन मानदंडों का एक दस्तावेज है, जो उनके आचरण और व्यवहार को नियंत्रित करता है। यह राजनीतिक दलों की सहमति से विकसित किया जाता है तथा उन पर बाध्यकारी होता है। आदर्श आचार संहिता निर्वाचन आयोग द्वारा निर्मित की जाती है। यह निर्वाचन आयोग द्वारा चुनाव की तिथियों की घोषणा संबंधी प्रेस विज्ञप्ति जारी होने के समय से लागू होती है तथा चुनाव पूरे होने तक प्रभावी रहती है (भारत संघ बनाम हरबंस सिंह जलाल व अन्य, SC)। उपर्युक्त से स्पष्ट है कि कथन (A) सत्य है, किंतु (R) गलत है। अतः विकल्प (c) सही उत्तर है।

26. भारत में मताधिकार और निर्वाचित होने का अधिकार- [U.P.U.D.A./L.D.A. (Pre) 2013]

Correct Answer: (d) विधिक अधिकार है
Solution:लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 79 (d) में निर्वाचक अधिकार (Electoral Rights) को परिभाषित किया गया है, जिसमें किसी व्यक्ति के किसी 'चुनाव में एक उम्मीदवार होने या न होने' अथवा 'उम्मीदवार होने से नाम वापस लेने या न लेने' तथा 'चुनाव में मतदान करने' या 'मतदान करने से विरत रहने' के अधिकार को शामिल किया गया है। ज्योति बसु एवं अन्य बनाम देबी घोषाल एवं अन्य वाद में सर्वोच्च न्यायालय ने निर्वाचित होने के अधिकार को विधिक अधिकार के रूप में घोषित किया है। इसी प्रकार लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 62 में मताधिकार का वर्णन किया गया है। सर्वोच्च न्यायालय द्वारा भी मताधिकार को विधिक / वैधानिक अधिकार घोषित किया गया है। अतः स्पष्ट है कि भारत में मताधिकार और निर्वाचित होने का अधिकार एक विधिक/वैधानिक अधिकार है।

27. भारत में मताधिकार और निर्वाचित होने का अधिकार है- [U.P.P.C.S. (Mains) 2010]

Correct Answer: (c) विधिक अधिकार (एक अधिनियम के अंतर्गत)
Solution:लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 79 (d) में निर्वाचक अधिकार (Electoral Rights) को परिभाषित किया गया है, जिसमें किसी व्यक्ति के किसी 'चुनाव में एक उम्मीदवार होने या न होने' अथवा 'उम्मीदवार होने से नाम वापस लेने या न लेने' तथा 'चुनाव में मतदान करने' या 'मतदान करने से विरत रहने' के अधिकार को शामिल किया गया है। ज्योति बसु एवं अन्य बनाम देबी घोषाल एवं अन्य वाद में सर्वोच्च न्यायालय ने निर्वाचित होने के अधिकार को विधिक अधिकार के रूप में घोषित किया है। इसी प्रकार लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 62 में मताधिकार का वर्णन किया गया है। सर्वोच्च न्यायालय द्वारा भी मताधिकार को विधिक / वैधानिक अधिकार घोषित किया गया है। अतः स्पष्ट है कि भारत में मताधिकार और निर्वाचित होने का अधिकार एक विधिक/वैधानिक अधिकार है।

28. भारत में मत देने का अधिकार निम्नलिखित अधिकारों में से कौन- सा है? [U.P.P.C.S. (Pre) (Re-Exam) 2015]

Correct Answer: (d) वैधानिक अधिकार
Solution:लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 के तहत भारत में मताधिकार और निर्वाचित होने का अधिकार मिलता है। चूंकि यह संसद द्वारा बनाए गए एक अधिनियम के तहत मिला हुआ है, अतः यह एक विधिक अधिकार है। हालांकि लोक सेवा आयोग, उ.प्र. ने पूर्व में दी गई अपनी उत्तर-कुंजी में मताधिकार को संवैधानिक अधिकार (Constitutional Right) माना था। इसका आधार संविधान के अनु. 326 के तहत वयस्क मताधिकार का उल्लेख होना हो सकता है।

29. नवयुवकों द्वारा 18 वर्ष की आयु पर मताधिकार का पहली बार प्रयोग किया गया, आम चुनाव में - [U.P.P.C.S. (Pre) 2011]

Correct Answer: (c) 1989 के
Solution:61वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1988 द्वारा मताधिकार की आयु को 21 वर्ष से घटाकर 18 वर्ष किया गया था जो कि 28 मार्च, 1989 से प्रभावी हुआ। नवयुवकों द्वारा 18 वर्ष की आयु पर मताधिकार का पहली बार प्रयोग नवंबर, 1989 में संपन्न 9वीं लोक सभा के आम चुनाव में किया गया।

30. केंद्र और राज्य की व्यवस्थापिकाओं के लिए मतदान की न्यूनतम उम्र की सीमा 21 वर्ष से घटाकर 18 वर्ष की गई- [U.P.P.C.S. (Spl.) (Mains) 2004 48th to 52nd B.P.S.C. (Pre) 2008 41st B.P.S.C. (Pre) 1996 Chhattisgarh P.C.S. (Pre) 2011]

Correct Answer: (c) 61 वें संशोधन (1989) से
Solution:61वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1988 द्वारा मताधिकार की आयु को 21 वर्ष से घटाकर 18 वर्ष किया गया था जो कि 28 मार्च, 1989 से प्रभावी हुआ। नवयुवकों द्वारा 18 वर्ष की आयु पर मताधिकार का पहली बार प्रयोग नवंबर, 1989 में संपन्न 9वीं लोक सभा के आम चुनाव में किया गया।