चुनाव आयोग (भारतीय राजव्यवस्था एवं शासन)

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41. लोक प्रतिनिधित्व (संशोधन) अधिनियम 1996 द्वारा निर्वाचित विधि में हुए हाल के संशोधनों के विषय में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए- [I.A.S. (Pre)1999]

1. भारतीय राष्ट्रीय ध्वज अथवा भारत के संविधान के अपमान के अपराध के लिए किसी दोषसिद्धि के होने पर दोषसिद्धि की तिथि से 6 वर्षों के लिए संसद और राज्य विधानमंडलों के चुनाव लड़ने की अयोग्यता हो जाएगी।

2. लोक सभा के लिए चुनाव लड़ने हेतु अभ्यर्थी द्वारा जमा किए जाने वाले प्रतिभूति निक्षेप में वृद्धि की गई है।

3. कोई अभ्यर्थी अब एक से अधिक संसदीय निर्वाचन क्षेत्र से निर्वाचन के लिए खड़ा नहीं हो सकता।

4. चुनाव लड़ने वाले किसी अभ्यर्थी की मृत्यु हो जाने पर अब किसी निर्वाचन को प्रत्यादिष्ट नहीं किया जा सकता।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-से सही हैं?

Correct Answer: (b) 1, 2 और 4
Solution:प्रश्नगत कथन 1, 2 और 4 लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 में 1996 के संशोधन अधिनियम द्वारा किए गए संशोधनों के संदर्भ में सही हैं, जबकि कथन 3 सही नहीं है। 1996 का लोक प्रतिनिधित्व (संशोधन) अधिनियम दिनेश गोस्वामी समिति की सिफारिशों पर आधारित था। अब कोई अभ्यर्थी किसी आम चुनाव अथवा साथ-साथ कराए गए दो या अधिक सीटों के उप-निर्वाचन में 2 से अधिक क्षेत्रों से चुनाव नहीं लड़ सकता है। यदि किसी प्रत्याशी की मृत्यु हो जाए तो चुनाव प्रत्यादिष्ट या रद्द नहीं होगा, बल्कि मान्यता प्राप्त दल के प्रत्याशी की मृत्यु की स्थिति में संबंधित दल को नया प्रत्याशी चुनाव मैदान में उतारने का विकल्प दिया जाएगा।

42. दिनेश गोस्वामी समिति ने सिफारिश की थी- [I.A.S. (Pre) 1997]

Correct Answer: (c) लोक सभा के चुनाव के सरकारी निधीयन की।
Solution:दिनेश गोस्वामी 1990 की संयुक्त मोर्चा सरकार के दौरान विधि मंत्री थे। इनकी अध्यक्षता में वर्ष 1990 में चुनाव सुधारों पर समिति का गठन किया गया। इस समिति ने लोक सभा चुनाव में प्रत्याशियों की गाड़ियों के लिए ईंधन की निर्धारित मात्रा, मतदाता सूचियों की अतिरिक्त प्रतियां उपलब्ध कराने, प्रत्याशियों के द्वारा प्रयुक्त माइक्रोफोनों की निर्धारित संख्या के किराए का भुगतान आदि के संदर्भ में सरकारी निधीयन की सिफारिश की थी।

43. दिनेश गोस्वामी समिति का संबंध था- [I.A.S. (Pre) 1995]

Correct Answer: (b) निर्वाचन सुधारों से
Solution:दिनेश गोस्वामी 1990 की संयुक्त मोर्चा सरकार के दौरान विधि मंत्री थे। इनकी अध्यक्षता में वर्ष 1990 में चुनाव सुधारों पर समिति का गठन किया गया। इस समिति ने लोक सभा चुनाव में प्रत्याशियों की गाड़ियों के लिए ईंधन की निर्धारित मात्रा, मतदाता सूचियों की अतिरिक्त प्रतियां उपलब्ध कराने, प्रत्याशियों के द्वारा प्रयुक्त माइक्रोफोनों की निर्धारित संख्या के किराए का भुगतान आदि के संदर्भ में सरकारी निधीयन की सिफारिश की थी।

44. लोक सभा एवं विधानसभा में सीटों के आरक्षण से संबंधित निम्नलिखित कथनों को पढ़िए तथा सही विकल्प को चुनिए- [Chhattisgarh P.C.S. (Pre) 2020]

कथन I: लोक सभा की 543 निर्वाचित सीटों में से 84 सीटें अनुसूचित जातियों एवं 44 सीटें अनुसूचित जनजातियों के लिए आरक्षित हैं।

कथन II : किसी निर्वाचन क्षेत्र को आरक्षित करने का निर्णय परिसीमन आयोग द्वारा लिया जाता है।

कथन III : परिसीमन आयोग की नियुक्ति लोक सभा के स्पीकर द्वारा की जाती है।

Correct Answer: (c) कथन I एवं III गलत हैं, लेकिन कथन II सही है।
Solution:वर्ष 2008 के परिसीमन के तहत वर्तमान में लोक सभा की कुल 543 निर्वाचित सीटों में से 84 सीटें अनुसूचित जातियों के लिए तथा 47 सीटें अनुसूचित जनजातियों के लिए आरक्षित हैं। अतः कथन I सही नहीं है। परिसीमन आयोग का गठन संविधान के अनुच्छेद 82 के तहत संसद द्वारा बनाई गई विधि के अधीन केंद्र सरकार द्वारा किया जाता है। किसी निर्वाचित क्षेत्र के सीमांकन एवं उसे आरक्षित करने का निर्णय परिसीमन आयोग द्वारा लिया जाता है। इस प्रकार कथन II सही है, जबकि कथन III गलत है।

45. परिसीमन आयोग के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए : [I.A.S. (Pre) 2012]

1. परिसीमन आयोग के आदेशों को किसी न्यायालय में चुनौती नहीं दी जा सकती।

2. परिसीमन आयोग के आदेश जब लोक सभा अथवा राज्य विधानसभा के सम्मुख रखे जाते हैं, तब उन आदेशों में कोई संशोधन नहीं किया जा सकता।

उपर्युक्त में से कौन-सा/से कथन सही है / हैं?

Correct Answer: (c) 1 और 2 दोनों
Solution:परिसीमन अधिनियम के अंतर्गत परिसीमन आयोग की स्थापना भारत सरकार द्वारा की जाती है। इसका मुख्य कार्य विगत जनगणना के आधार पर चुनाव क्षेत्रों की सीमा निर्धारित करना होता है।

यह आयोग एक शक्तिशाली संस्था है, जिसके आदेशों को किसी कानूनी न्यायालय में चुनौती नहीं दी जा सकती है। इसके आदेश लोक सभा एवं संबंधित राज्य विधानसभाओं के समक्ष रखे जाते हैं, किंतु इन्हें आयोग के आदेशों में सुधार की अनुमति नहीं दी जाती है। अब तक भारत में 5 बार (1952, 1963, 1973, 2002 एवं 2020 में) परिसीमन आयोग का गठन किया गया है।

46. नीचे दो कथन दिए गए हैं, एक को कथन (A) तथा दूसरे को कारण (R) कहा गया है- [U.P. Lower Sub. (Mains) 2013]

कथन (A) : आनुपातिक प्रतिनिधित्व की प्रणाली अल्पसंख्यकों के प्रतिनिधित्व की समस्या का कुछ हद तक समाधान कर सकती है।

कारण (R) : आनुपातिक प्रतिनिधित्व की प्रणाली नृजातीयता, लिंग, हितों और विचारधाराओं पर आधारित सभी प्रकार के समूहों के यथोचित प्रतिनिधित्व को सुलभ बनाती है।

नीचे दिए कूटों से सही उत्तर का चयन कीजिए-

Correct Answer: (a) (A) तथा (R) दोनों सही हैं और (R) सही व्याख्या है (A) की।
Solution:आनुपातिक प्रतिनिधित्व की व्यवस्था, निर्वाचन क्रियाप्रणाली के रूप में अल्पसंख्यक समूहों का उनकी संख्या के अनुपात में यथोचित प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करती है। इस प्रणाली से सभी वर्गों का समुचित प्रतिनिधित्व सुनिश्चित होता है। अतः (A) तथा (R) दोनों सही हैं और (R), (A) की सही व्याख्या है।

47. आनुपातिक प्रतिनिधित्व की व्यवस्था, निर्वाचन क्रियाप्रणाली के रूप में सुनिश्चित करती है- [U.P. Lower Sub. (Pre) 2013 U.P.P.C.S. (Pre) 2013]

Correct Answer: (d) अल्पसंख्यकों के प्रतिनिधित्व को
Solution:आनुपातिक प्रतिनिधित्व की व्यवस्था, निर्वाचन क्रियाप्रणाली के रूप में अल्पसंख्यक समूहों का उनकी संख्या के अनुपात में यथोचित प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करती है। इस प्रणाली से सभी वर्गों का समुचित प्रतिनिधित्व सुनिश्चित होता है। अतः (A) तथा (R) दोनों सही हैं और (R), (A) की सही व्याख्या है।

48. उस देश में आनुपातिक प्रतिनिधित्व आवश्यक नहीं है, जहां- [I.A.S. (Pre) 1997]

Correct Answer: (b) द्वि-दलीय प्रणाली विकसित हुई है।
Solution:आनुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली का उद्देश्य समाज के प्रत्येक समूह को समुचित अनुपात में प्रतिनिधित्व उपलब्ध कराना है। अतः जहां देश में मात्र दो दल हैं या द्वि-दलीय प्रणाली विकसित हुई है, वहां यह महत्वहीन हो जाती है।

49. भारत में मतदान के लिए प्रयोग की जाने वाली मशीन VVPAT का संस्करण क्या है? [65th B.P.S.C. (Pre) 2019]

Correct Answer: (c) M3
Solution:पारदर्शी व्यवस्था की आधिकारिक पुष्टि के लिए निर्वाचन आयोग द्वारा वोटर वैरिफाइड पेपर ऑडिट ट्रेल VVPAT का प्रयोग हो रहा है। वर्तमान समय में मतदान के लिए VVPAT युक्त EVM का M2/ M3 संस्करण आयोग द्वारा प्रयोग में लाया जा रहा है। अतः विकल्प (c) सही उत्तर है।

50. निर्वाचन आयोग को 'तीन सदस्यीय आयोग' किस वर्ष से बनाया गया? [U.P. P.C.S. (Mains) 2006]

Correct Answer: (c) 1989
Solution:भारत के निर्वाचन आयोग में मूलतः एक मुख्य निर्वाचन आयुक्त ही होता था। 16 अक्टूबर, 1989 को सर्वप्रथम निर्वाचन आयोग में दो अतिरिक्त निर्वाचन आयुक्तों की नियुक्ति की गई परंतु 1 जनवरी, 1990 तक ही ये पद पर रहे। 1 अक्टूबर, 1993 को पुनः दो अतिरिक्त निर्वाचन आयुक्तों की नियुक्ति की गई और तब से यह आयोग तीन-सदस्यीय है।