1. भारतीय राष्ट्रीय ध्वज अथवा भारत के संविधान के अपमान के अपराध के लिए किसी दोषसिद्धि के होने पर दोषसिद्धि की तिथि से 6 वर्षों के लिए संसद और राज्य विधानमंडलों के चुनाव लड़ने की अयोग्यता हो जाएगी।
2. लोक सभा के लिए चुनाव लड़ने हेतु अभ्यर्थी द्वारा जमा किए जाने वाले प्रतिभूति निक्षेप में वृद्धि की गई है।
3. कोई अभ्यर्थी अब एक से अधिक संसदीय निर्वाचन क्षेत्र से निर्वाचन के लिए खड़ा नहीं हो सकता।
4. चुनाव लड़ने वाले किसी अभ्यर्थी की मृत्यु हो जाने पर अब किसी निर्वाचन को प्रत्यादिष्ट नहीं किया जा सकता।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-से सही हैं?
Correct Answer: (b) 1, 2 और 4
Solution:प्रश्नगत कथन 1, 2 और 4 लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 में 1996 के संशोधन अधिनियम द्वारा किए गए संशोधनों के संदर्भ में सही हैं, जबकि कथन 3 सही नहीं है। 1996 का लोक प्रतिनिधित्व (संशोधन) अधिनियम दिनेश गोस्वामी समिति की सिफारिशों पर आधारित था। अब कोई अभ्यर्थी किसी आम चुनाव अथवा साथ-साथ कराए गए दो या अधिक सीटों के उप-निर्वाचन में 2 से अधिक क्षेत्रों से चुनाव नहीं लड़ सकता है। यदि किसी प्रत्याशी की मृत्यु हो जाए तो चुनाव प्रत्यादिष्ट या रद्द नहीं होगा, बल्कि मान्यता प्राप्त दल के प्रत्याशी की मृत्यु की स्थिति में संबंधित दल को नया प्रत्याशी चुनाव मैदान में उतारने का विकल्प दिया जाएगा।