ऐतिहासिक परिदृश्य (छत्तीसगढ़) Part -2

Total Questions: 15

1. निम्नलिखित कथन पढ़िए- [Chhattisgarh P.C.S. (Pre), 2018]

1. 8 अगस्त, 1941 को व्यक्तिगत सत्याग्रह में माग लेने वाले छत्तीसगढ़ के कार्यकर्ताओं को ललितपुर के पास गिरफ्तार किया गया।

2. इन कार्यकर्ताओं में ज्वाला प्रसाद मिश्र एवं यदुनंदन प्रसाद श्रीवास्तव सम्मिलित थे।

3. पं. रविशंकर शुक्ल ने इन कार्यकर्ताओं का नेतृत्व किया था।

सही उत्तर चुनिए-

Correct Answer: (b) 1 एवं 2 सही हैं
Solution:8 अगस्त, 1941 को व्यक्तिगत सत्याग्रह में भाग लेने वाले छत्तीसगढ़ के कार्यकर्ताओं को ललितपुर के पास गिरफ्तार कर लिया गया। इन लोगों में प्रमुख राजाराम साहू और रामेश्वर साहू थे। बिलासपुर से रामगोपाल तिवारी, ज्वाला प्रसाद मिश्र, यदुनंदन प्रसाद श्रीवास्तव, ठाकुर छेदीलाल, चिंतामणि ओसवाल, डॉ. आर.पी. राय और किशन चंद्र कायस्थ प्रमुख थे। पं. रविशंकर शुक्ल ने 27 नवंबर, 1940 को रायपुर जिले में वैयक्तिक सत्याग्रह प्रारंभ किया, उन्हें गिरफ्तार कर 1 वर्ष की सजा दी गई।

2. भारत के संविधान निर्माण सभा में छत्तीसगढ़ के निम्न व्यक्ति ब्रिटिश क्षेत्रों से निर्वाचित हुए थे- [Chhattisgarh P.C.S. (Pre), 2013]

1. रविशंकर शुक्ल          2. ई. राघवेंद्र राव

3. ठाकुर छेदीलाल         4. घनश्याम सिंह गुप्त

सही उत्तर चुनिए-

Correct Answer: (d) 1, 3 एवं 4
Solution:भारत के संविधान निर्माण सभा में ब्रिटिशों के अधीन छत्तीसगढ़ क्षेत्र से रविशंकर शुक्ल, ठाकुर छेदीलाल एवं घनश्याम सिंह गुप्त निर्वाचित हुए थे।

3. निम्नलिखित कथन पढ़िए- [Chhattisgarh P.C.S. (Pre), 2016]

1. 29 जुलाई, 1938 को छत्तीसगढ़ के पं. रविशंकर शुक्ल ने मध्य प्रांत के द्वितीय कांग्रेस मंत्रिमंडल का गठन किया।

2. इस मंत्रिमंडल ने प्रांत में 'विद्या मंदिर' योजना प्रारंभ की।

3. 8 नवंबर, 1939 को इस मंत्रिमंडल ने त्यागपत्र दे दिया।

सही उत्तर चुनिए-

Correct Answer: (d) 1 एवं 3 सही हैं
Solution:14 जुलाई, 1937 को डॉ. एन.बी. खरे के नेतृत्व में मध्य प्रांत एवं बरार में प्रथम मंत्रिमंडल का गठन किया गया था। इस प्रथम मंत्रिमंडल में पं. रविशंकर शुक्ल को शिक्षामंत्री नियुक्त किया गया, जिन्होंने इस प्रांत में विद्या मंदिर योजना को प्रारंभ किया था। 29 जुलाई, 1938 को मुख्यमंत्री डॉ. एन.बी. खरे ने इस्तीफा दे दिया। इसके बाद पं. रविशंकर शुक्ल मुख्यमंत्री बने, जिन्होंने मध्य प्रांत एवं बरार के द्वितीय मंत्रिमंडल का गठन किया। द्वितीय विश्व युद्ध की घोषणा 1 सितंबर, 1939 को हुई। इस युद्ध में भारतीयों की राय लिए बिना युद्ध में शामिल किया गया, जिसके विरोध में 8 नवंबर, 1939 को सभी प्रांतों के मंत्रिमंडलों ने त्यागपत्र दे दिया, जिसमें मध्य प्रांत एवं बरार भी शामिल था।

4. सन् 1937 के चुनाव के पश्चात मध्य प्रांत एवं बरार के विधानसभा के प्रथम मंत्रिमंडल में पं. रविशंकर शुक्ल किस पद पर थे? [Chhattisgarh P.C.S. (Pre), 2023]

Correct Answer: (d) शिक्षामंत्री
Solution:14 जुलाई, 1937 को डॉ. एन.बी. खरे के नेतृत्व में मध्य प्रांत एवं बरार में प्रथम मंत्रिमंडल का गठन किया गया था। इस प्रथम मंत्रिमंडल में पं. रविशंकर शुक्ल को शिक्षामंत्री नियुक्त किया गया, जिन्होंने इस प्रांत में विद्या मंदिर योजना को प्रारंभ किया था। 29 जुलाई, 1938 को मुख्यमंत्री डॉ. एन.बी. खरे ने इस्तीफा दे दिया। इसके बाद पं. रविशंकर शुक्ल मुख्यमंत्री बने, जिन्होंने मध्य प्रांत एवं बरार के द्वितीय मंत्रिमंडल का गठन किया। द्वितीय विश्व युद्ध की घोषणा 1 सितंबर, 1939 को हुई। इस युद्ध में भारतीयों की राय लिए बिना युद्ध में शामिल किया गया, जिसके विरोध में 8 नवंबर, 1939 को सभी प्रांतों के मंत्रिमंडलों ने त्यागपत्र दे दिया, जिसमें मध्य प्रांत एवं बरार भी शामिल था।

5. निम्नलिखित कथन पढ़िए- [Chhattisgarh P.C.S. (Pre), 2016]

1.  20 जून, 1915 को रायपुर के टाउनहॉल में छत्तीसगढ़ के लगभग 300 मालगुजारों का सम्मेलन हुआ।

2.  इस सम्मेलन की अध्यक्षता रावसाहेब दानी ने की।

3.  सम्मेलन में राष्ट्रीय मुद्दों पर विचार-विमर्श किया गया।

सही उत्तर चुनिए-

Correct Answer: (e) केवल 1 सही है
Solution:स्वदेशी आंदोलन तथा उग्र राष्ट्रीयता के फलस्वरूप मध्य प्रांत में विश्वविद्यालय की स्थापना, मालगुजारी, कृषि संहिता में संशोधन हेतु सम्मेलन हुआ। इस संदर्भ में 20 जून, 1915 को रायपुर के टाउनहॉल में छत्तीसगढ़ के लगभग 300 मालगुजारों का सम्मेलन हुआ।

6. "भौगोलिक परिस्थिति, सामाजिक व्यवस्था, भूमि की व्यवस्था के कारण छत्तीसगढ़ में जमींदारों का अस्तित्व नैसर्गिक व अनिवार्य रहा।" यह कथन किसका है? [Chhattisgarh P.C.S. (Pre), 2021]

Correct Answer: (a) मि. जेन्किन्स
Solution:छत्तीसगढ़ के ब्रिटिश निवासी मि जेन्किन्स ने सूबेदारी प्रथा को समाप्त किया और ब्रिटिश अधीक्षकों की नियुक्ति किया था। उन्होंने कहा था कि "भौगोलिक स्थिति, सामाजिक व्यवस्था, भूमि की व्यवस्था के कारण छत्तीसगढ़ में जमींदारों का अस्तित्व नैसर्गिक व अनिवार्य बना रहा।"

7. राजनांदगांव रियासत के शासक महंत घासीदास को ब्रिटिश शासन ने शासक होने का सनद कब प्रदान किया था? [Chhattisgarh P.C.S. (Pre), 2022]

Correct Answer: (b) 1865
Solution:1865 ई. में अंग्रेजों ने तत्कालीन शासक महंत घासीदास को राजनांदगांव के शासक के रूप में मान्यता दी। उन्हें राजनांदगांव के फ्यूडल चीफ का खिताब दिया गया और बाद में उचित समय पर गोद लेने का अधिकार भी दिया गया। उल्लेखनीय है कि ब्रिटिश शासन के तहत उत्तराधिकार वंशानुगत द्वारा पारित किया जाता था।

8. निम्नलिखित में से कौन राजनांदगांव के राष्ट्रीय विद्यालय की स्थापना से संबंधित नहीं हैं? [Chhattisgarh P.C.S. (Pre), 2021]

Correct Answer: (a) राजूलाल शर्मा
Solution:राजनांदगांव के राष्ट्रीय विद्यालय की स्थापना में मुख्य योगदान, ठाकुर प्यारेलाल सिंह, बलदेव प्रसाद मिश्र एवं पदुमलाल पुन्नालाल बख्शी का था।

9. जनवरी, 1858 में रायपुर में हुए सिपाही विद्रोह के नेता थे- [Chhattisgarh P.C.S. (Pre), 2013]

Correct Answer: (a) हनुमान सिंह
Solution:18 जनवरी, 1858 को हनुमान सिंह के नेतृत्व में रायपुर में विद्रोह हुआ तथा एक ब्रिटिश अधिकारी को मार डाला गया। इससे पूर्व छत्तीसगढ़ में 1857 के विद्रोह की शुरुआत वीर नारायण सिंह के नेतृत्व में हुई थी। 10 दिसंबर, 1857 को वीर नारायण सिंह अंग्रेजों द्वारा मार डाले गए।

10. छत्तीसगढ़ का वह विद्रोह कौन-सा है जिसे 'बस्तर का मुक्ति संग्राम' के नाम से भी जाना जाता है? [Chhattisgarh P.C.S. (Pre), 2020]

Correct Answer: (b) लिंगागिरी विद्रोह
Solution:लिंगागिरी विद्रोह 1856 ई. में घुरवाराम माड़िया के नेतृत्व में प्रारंभहुआ। यह विद्रोह बस्तर को अंग्रेजी साम्राज्य में शामिल किए जाने के विरोध में किया गया था, जिसे 'बस्तर का मुक्ति संग्राम' की संज्ञा दी गई। इस विद्रोह के नेता धुरवाराम को फांसी दी गई थी।