कृषि एवं उत्पादन : (छत्तीसगढ़)

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1. कथन: छत्तीसगढ़ को 'धान का कटोरा' कहा जाता है। [Chhattisgarh P.C.S. (Pre), 2008]

कारण : यहां धान की उपज भारत के अन्य प्रांतों से अधिक है।

Correct Answer: (c) कथन सही है, परंतु कारण गलत है।
Solution:छत्तीसगढ़ में धान की उपज अधिक होती है, इसलिए छत्तीसगढ़ को 'धान का कटोरा' कहा जाता है। तथापि भारतीय प्रांतों में धान की सर्वाधिक उपज पश्चिम बंगाल में होती है। अतः कथन सत्य है, किंतु कारण गलत है। इसलिए विकल्प (c) सही उत्तर है।

2. किस राज्य को देश का 'धान का कटोरा' कहा जाता है? [Chhattisgarh P.C.S. (Pre), 2003]

Correct Answer: (a) छत्तीसगढ़
Solution:छत्तीसगढ़ में धान की उपज अधिक होती है, इसलिए छत्तीसगढ़ को 'धान का कटोरा' कहा जाता है। तथापि भारतीय प्रांतों में धान की सर्वाधिक उपज पश्चिम बंगाल में होती है।

3. छत्तीसगढ़ राज्य में कृषि यांत्रिकीकरण पर सबमिशन योजना कब से क्रियान्वित की जा रही है? [Chhattisgarh P.C.S. (Pre), 2017]

Correct Answer: (c) 2014-15
Solution:छत्तीसगढ़ आर्थिक सर्वेक्षण, 2016-17 के अनुसार, छत्तीसगढ़ राज्य में कृषि यांत्रिकीकरण पर सबमिशन योजना वर्ष 2014-15 से क्रियान्वित की जा रही है, जिसके अंतर्गत 8 बी.एच.पी. एवं अधिक के पॉवर टिलर, शक्ति चलित/बैल चलित / हस्त चलित कृषि यंत्रों को 40-50 प्रतिशत अनुदान पर वितरित किया जा रहा है।

4. जनगणना 2001 के अनुसार, छत्तीसगढ़ राज्य में कुल कार्यशील जनसंख्या में से कृषकों का प्रतिशत है। [Chhattisgarh P.C.S. (Pre), 2013]

Correct Answer: (b) 44.54%
Solution:जनगणना 2001 के अनुसार, छत्तीसगढ़ राज्य में कुल कार्यशील जनसंख्या में कृषकों (Cultivators) का प्रतिशत 44.54 है। 2011 की जनगणना के अनुसार, यह 32.88 प्रतिशत के स्तर पर है।

5. छत्तीसगढ़ में शून्य ब्याज पर कृषि ऋण किसानों को किस वर्ष को दिया जा रहा है? [Chhattisgarh P.C.S. (Pre), 2017]

Correct Answer: (d) 2014-15
Solution:छत्तीसगढ़ में वर्ष 2014-15 से किसानों को शून्य ब्याज पर कृषि ऋण प्रदान किए जा रहे हैं।

6. कृषि संगणना 2010-11 के अनुसार, छत्तीसगढ़ में लघु एवं सीमांत कृषकों का प्रतिशत क्या है? [Chhattisgarh P.C.S. (Pre), 2015]

Correct Answer: (e) इनमें से कोई नहीं
Solution:कृषि संगणना, 2010-11 और वर्तमान कृषि संगणना, 2015-16 के अनुसार भी, छत्तीसगढ़ में लघु प्रचालनगत जोतों (Small Oprational Holdings) एवं सीमांत प्रचालनगत जोतों (Marginal Oprational Holdings) का प्रतिशत क्रमशः 22.18 एवं 58.26 है। इस प्रकार लघु एवं सीमांत कृषकों का कुल 80.44 (22.18 + 58.26) है, जबकि अर्द्ध मध्यम, मध्यम एवं बड़े (Large) जोतों का प्रतिशत क्रमशः 13.43, 5.39 एवं 0.74 है। छत्तीसगढ़ आर्थिक सर्वेक्षण, 2023-24 के अनुसार, छत्तीसगढ़ के 40.10 लाख कृषक परिवारों में से 82 प्रतिशत लघु एवं सीमांत श्रेणी में आते हैं।

7. छत्तीसगढ़ के धान की किस किस्म को सन् 2021 में भौगोलिक संकेतक (जी.आई. टैग) प्रदान किया गया है? [Chhattisgarh P.C.S. (Pre), 2021]

Correct Answer: (c) जीराफूल
Solution:छत्तीसगढ़ में धान की किस्म 'जीराफूल' को वर्ष 2021 में भौगोलिक संकेतक (जी.आई. टैग) प्रदान किया गया। यह छत्तीसगढ़ राज्य के सरगुजा जिले की एक प्राचीन चावल की किस्म है। यह चावल सुगंधित और बहुत ही नरम तथा जीरा के समान होता है।

8. कथन (A): वर्ष 2017-18 में कृषि वृद्धि बहुत कम (-10.90%) दर्ज की गई। [Chhattisgarh P.C.S. (Pre), 2021]

कथन (R) : 2017-18 में कई जनपद सूखे की समस्या से जूझ रहे थे।

Correct Answer: (a) दोनों कथन (A) एवं कारण (R) सत्य हैं। कथन (A) कारण (R) को स्पष्ट करता है।
Solution:वर्ष 2017 के खरीफ में वर्षा की कमी से छत्तीसगढ़ में लगभग 11 लाख से अधिक किसान प्रभावित हुए। 10 साल के औसत की तुलना में छत्तीसगढ़ में वर्ष 2017 के खरीफ में 12.8 प्रतिशत कम वर्षा हुई। 21 जिलों की 96 तहसीलों को सूखागस्त घोषित किया गया था। वर्ष 2017-18 में कृषि वृद्धि बहुत कम (-10.90%) दर्ज की गई थी।

9. विपणन वर्ष 2019-20 में क्रमशः किस जिले में सर्वाधिक व सबसे कम धान खरीदी की गई (कृषि विभाग के अनुसार)? [Chhattisgarh P.C.S. (Pre), 2021]

Correct Answer: (a) जांजगीर-चाम्पा, दंतेवाड़ा
Solution:विपणन वर्ष 2019-20 में सर्वाधिक धान जांजगीर-चाम्पा जिले में खरीदी गई, जो 7 लाख 86 हजार 679 मैट्रिक टन था, जबकि सबसे कम धान दंडेवाड़ा जिले में खरीदी गई। विपणन वर्ष 2022-23 में सर्वाधिक धान महासमुंद जिले में खरीदी गई, जो 8 लाख 24 हजार 43 मीट्रिक टन थी। दूसरे स्थान पर बेमेतरा तथा तीसरे स्थान पर बलौदाबाजार जिला है।

10. छत्तीसगढ़ राज्य में किस दलहन का वर्ष 2015-16 में सबसे अधिक उत्पादन हुआ था? [Chhattisgarh P.C.S. (Pre), 2017]

Correct Answer: (d) चना
Solution:छत्तीसगढ़ आर्थिक सर्वेक्षण, 2016-17 के अनुसार, वर्ष 2015-16 में दलहन के फसलों में सबसे अधिक उत्पादन चना का था, जो 299.32 हजार मैट्रिक टन था, अरहर का 74.6 मैट्रिक टन, तथा मूंग का 10.94 हजार मैट्रिक टन का उत्पादन हुआ। वहीं उड़द का 47.05 हजार मैट्रिक टन का उत्पादन हुआ। वर्ष 2021-22 में भी विकल्पगत दलहनों में सर्वाधिक उत्पादन 260.33 हजार मैट्रिक टन चना का ही है।