छन्द (Part-2)

Total Questions: 37

11. कुण्डलिया छन्द किन दो छन्दों से मिलकर बनता है? [UPSSSC आबकारी सिपाही परीक्षा, 2016 (द्वितीय पाली)]

Correct Answer: (b) दोहा और रोला
Solution:कुण्डलिया छन्द दोहा और रोला छन्दों से मिलकर बनता है। इसमें छः चरण और प्रत्येक चरण में 24 मात्राएँ होती हैं।

12. कुण्डलिया छन्द में कितने चरण होते है? [उ.प्र. पुलिस कांस्टेबल पुनर्परीक्षा 25 अक्टूबर, 2018 (11-पाली)]

Correct Answer: (b) छह
Solution:कुण्डलिया छन्द में कुल छह चरण होते हैं। छप्पय छन्द में भी छह चरण होते हैं।

13. "मैं राज्य की चाह नहीं करूँगा। है जो तुम्हें इष्ट वहीं करूँगा। सन्तान जौ-सत्यवती जनेगी। राज्याधिकारी वह ही बनेगी।।" उपर्युक्त पंक्तियों में प्रयुक्त छन्द है [U.P.P.S.C. (एल.टी. ग्रेड) परीक्षा, 2018]

Correct Answer: (a) इन्द्रवज्रा
Solution:इन्द्रवज्रा छन्द के प्रत्येक चरण में तगण, तगण एवं एक जगण के साथ दो गुरु के क्रम में कुल 11 वर्ण होते हैं। प्रस्तुत छन्द की प्रत्येक पंक्ति में 11 वर्ण हैं। अतः यह इन्द्रवज्रा है।

14. निम्नलिखित में से कौन-सा वर्णिक छन्द है? [G.I.C. (प्रवक्ता) परीक्षा, 2012]

Correct Answer: (c) उपेन्द्रवज्रा
Solution:जिन छन्दों की पहचान हेतु वर्णों के क्रम का विचार कर उसी आधार पर वर्णों की गणना की जाती है और वर्णों की संख्या क्रम तथा स्थान इत्यादि निश्चित रहते हैं, वे वर्णिक छन्द कहलाते हैं। इस श्रेणी में हरिगीतिका, इन्द्रवज्रा, उपेन्द्रवज्रा तथा सवैया इत्यादि आते हैं। वर्णिक छन्द के तीन प्रकार होते हैं- सम, अर्ध-सम तथा विषम।

15. "हे शरणदायिनी देवी! तू करती सबका त्रान है। तू मातृभूमि, सन्तान हमें, तू जननी, तू प्राण है।" में कौन-सा छन्द है? [UP SI-2021]

Correct Answer: (a) उल्लाला
Solution:उपर्युक्त काव्य पंक्तियों में 'उल्लाला छन्द' है।

16. निम्नलिखित पंक्तियों में कौन-सा छन्द है? रे मन हरि भज विषय तजि, सजि सत संगति रैन दिनु। काटता भव के फन्द को, और न कोऊ राम विनु ।। [MPSI (SI) Exam, 28 Oct 2017 (09:00 AM)]

Correct Answer: (b) उल्लाला छन्द
Solution:उपर्युक्त पंक्ति में उल्लाला छन्द है। उल्लाला हिन्दी छन्दशास्त्र का एक पुरातन सम मात्रिक छन्द है। वीरगाथा काल में उल्लाला तथा रोले को मिश्रित कर छप्पय की रचना किए जाने से इसकी प्राचीनता विदित होती है।

17. छन्द का नाम बताओ- [MPSI (SI) Exam, 28th oct 2017 (02:00 PM)]

प्रेम नेम हित चतुरई, जे न विचारत नेकु मन सपनेहुँ न विलम्बियै, छिन तिग हिंग आनन्द घन

 

Correct Answer: (c) उल्लाला
Solution:प्रश्नगत् छन्द उल्लाला छन्द का उदाहरण है। उल्लाला हिन्दी छन्दशास्त्र का एक पुरातन छन्द है। उल्लाला 13-13 मात्राओं के 2 सम चरणों का छन्द है। उल्लाला 15-15 मात्राओं का विषम चरणी छन्द है, जिसे हेमचन्द्राचार्य ने 'कर्पूर' नाम से वर्णित किया है। दोहा के चार विषम चरणों से उल्लाला छन्द निर्मित होता है।

18. आल्हा छन्द में कितनी मात्राएँ होती हैं? [U.P. SI-2021]

Correct Answer: (c) 31
Solution:आल्हा छन्द में 31 मात्राएँ पायी जाती हैं। आल्हा छन्द को 'वीर छन्द' भी कहते हैं, जो दो पदों के चार चरणों में रचा जाता है तथा इसमें 16-15 मात्रा पर 'यति' होती है। आल्हा छन्द को 'मात्रिक सवैया' छन्द भी कहते हैं। 'आल्हा' आदिकालीन कवि जगनिक द्वारा रचित परमाल रासो महाकाव्य का एक खण्ड है, जो बुन्देली बोली की उपबोली 'बनाफरी' में रचित है।

19. "या लकुटी अरु कामरिया पुर राज तिहूँ, पुर को तजि डारौ" में प्रयुक्त छन्द है- [P.G.T. परीक्षा, 2003]

Correct Answer: (b) सवैया
Solution:प्रस्तुत पंक्ति में सवैया छन्द है। यह चार चरणों का सम पद वर्ण छन्द है।

20. "नेही महा ब्रजभाषा प्रवीन' और सुन्दरतानि के भेद को जाने। [डायट (प्रवक्ता) परीक्षा, 2014]

भाषा प्रवीन सुछन्द सदा रहै, सो घनजी के कवित्त बखाने ।'

कवि प्रशस्ति में लिखा गया उक्त सवैया किसका है?

Correct Answer: (a) ब्रजनाथ का
Solution:उपर्युक्त सवैया छन्द घनानन्द और उनकी रचना की प्रशस्ति में ब्रजनाथ ने बखान करते हुए कहा है।