Total Questions: 46
बिंबिसार के शासनकाल में मगध ने विशिष्ट स्थान प्राप्त किया। य हर्यक वंश का शासक था तथा बुद्ध का समकालीन था।
कथन 1-बिंबिसार ने वैवाहिक संबंधों के माध्यम से अपनी सि को मजबूत किया।
कथन 2- बिंबिसार की प्रथम पत्नी, कोसलराज प्रसेनजित पुत्री थी।
उपर्युक्त में से सत्य कथन/कथनों का चुनाव करें।
बिंबिसार ने वैवाहिक संबंधों से भी अपनी स्थिति को मजबूत किया। बिंबिसार ने तीन विवाह किए उसकी प्रथम पत्नी कोसलराज की पुत्री और प्रसेनजित की बहन थी। अतः कथन (2) असत्य है।
अवंति के राजा प्रद्योत को पीलिया रोग हो गया तो बिंबिसार, जो कि मगध का शासक था, ने अवंति के राजा के अनुरोध पर अपने राजवैध जीवक को उज्जैन भेजा था।
कथन 1-अजातशत्रु ने अपने पिता की हत्या करके सिंहासन पर कब्जा किया था।
कथन 2- अजातशत्रु ने विस्तार की आक्रामक नीति जारी रखी।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से कथन सत्य है। हैं?
अजातशत्रु 492-460 ई.पू. में सिंहासन पर बैठा। अजातशत्रु ने अपने पिता की हत्या करके सिंहासन पर कब्जा किया था। अपने समूचे शासनकाल में उसने विस्तार की आक्रामक नीति जारी रखी। अजातशत्रु के शासन में बिंबिसार राजकुल का वैभव चरमोत्कर्ष पर पहुंच गया।
कथन 1- अजातशत्रु ने पत्थर फेंकने वाले एक युद्ध-तंत्र का इस्तेमाल किया।
कथन 2- अजातशत्रु के पास ऐसा रथ था जिसमें गदा के आकार का हथियार जुड़ा हुआ था।
अजातशत्रु को वैशाली को नष्ट करने में सोलह साल का लंबा समय लगा। अंत में उसे इसलिए सफलता मिली कि उसने पत्थर फेंकने वाले एक युद्ध-तंत्र का इस्तेमाल किया तथा उसके पास एक ऐसा रथ था, जिसमें गदा जैसा हथियार जुड़ा हुआ था। जिससे युद्ध में लोगों को बड़ी संख्या में मारा जा सकता था।
उदायिन के शासन का सबसे महत्वपूर्ण कार्य था कि उसने पटना में गंगा और सोन के संगम पर एक किला बनवाया, जिसका कारण था कि पटना मगध साम्राज्य के केंद्र भाग में पड़ता था। इसलिए उदायिन ने अपनी राजधानी पटना बना ली थी।
गिरिव्रज या राजगृह और पाटलिपुत्र प्राचीन काल में क्रमशः मगध साम्राज्य की राजधानी थी। जबकि कौशाम्बी पर वत्स राज्य का शासन था। हर्यक वंश के शासन के दौरान मगध की राजधानी राजगृह से पाटलिपुत्र (पटना) स्थानांतरित हुई।
बौद्ध साहित्य के अनुसार, उदायिन और उसके तीनों उत्तराधिकारी, शासन कार्य के लिए अयोग्य साबित हुए। इसलिए जनता ने शिशुनाग को जो अंतिम राजा का मंत्री था; राजा चुन लिया और इस प्रकार हर्यक वंश के पश्चात नाग वंश का शासन चला।
नंदों ने सर्वप्रथम कलिंग को जीत कर मगध की शक्ति को बढ़ाया था। इसके साक्ष्य विजय स्मारक के रूप में वे नंदों ने कलिंग से 'जिन' की मूर्ति उठा लाए थे। यह घटना महापद्मनंद के शासनकाल में घटित हुई। उसने अपने आप को एकराट् कहा था।
बौद्ध ग्रंथ अंगुत्तर निकाय में छठीं शताब्दी ई.पू. के 16 महाजनपदों की सूचना मिलती है