जल प्रदूषण

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1. जैविक ऑक्सीजन आवश्यकता (बी.ओ.डी.) एक प्रकार का प्रदूषण सूचकांक है- [Uttarakhand U.D.A./L.D.A. (Mains) 2007]

Correct Answer: (a) जलीय वातावरण में
Solution:बीओडी (BOD: Biological Oxygen Demand) जल प्रदूषण मापने की मुख्य इकाई है। कार्बनिक एवं अकार्बनिक अपशिष्ट अपघटित होने के लिए जल निकायों में घुलनशील ऑक्सीजन का उपयोग करते है, जिससे जल में घुलनशील ऑक्सीजन की मात्रा घट जाती है। घुलनशील ऑक्सीजन की मात्रा घटने से उसकी मांग बढ़ जाती है। बीओडी का अधिक होना, जल के संक्रमित होने को दर्शाता है। ध्यातव्य है कि कार्बनिक अपशिष्ट (जैसे-सीवेज) की मात्रा बढ़ने से अपघटन की दर बढ़ जाती है तथा 0, का उपयोग भी इसी के साथ-साथ बढ़ जाता है। इसके फलस्वरूप घुली ऑक्सीजन (Dissolved Oxygen- DO) की मात्रा घट जाती है। अतः 0, की मांग का बढ़ते अपशिष्ट की मात्रा से सीधा संबंध है। इसी मांग को जैव रासायनिक ऑक्सीजन मांग (Biological Oxygen Demand- BOD) कहते हैं। BOD ऑक्सीजन का मापक है। अतः जहां उच्च BOD होगा वहां निम्न DO होगा।

2. किसी जल क्षेत्र में बी.ओ.डी. की अधिकता संकेत देती है कि उसका जल- [U.P.P.C.S. (Pre) 2007]

Correct Answer: (c) सीवेज से प्रदूषित हो रहा है।
Solution:बीओडी (BOD: Biological Oxygen Demand) जल प्रदूषण मापने की मुख्य इकाई है। कार्बनिक एवं अकार्बनिक अपशिष्ट अपघटित होने के लिए जल निकायों में घुलनशील ऑक्सीजन का उपयोग करते है, जिससे जल में घुलनशील ऑक्सीजन की मात्रा घट जाती है। घुलनशील ऑक्सीजन की मात्रा घटने से उसकी मांग बढ़ जाती है। बीओडी का अधिक होना, जल के संक्रमित होने को दर्शाता है। ध्यातव्य है कि कार्बनिक अपशिष्ट (जैसे-सीवेज) की मात्रा बढ़ने से अपघटन की दर बढ़ जाती है तथा 0, का उपयोग भी इसी के साथ-साथ बढ़ जाता है। इसके फलस्वरूप घुली ऑक्सीजन (Dissolved Oxygen- DO) की मात्रा घट जाती है। अतः 0, की मांग का बढ़ते अपशिष्ट की मात्रा से सीधा संबंध है। इसी मांग को जैव रासायनिक ऑक्सीजन मांग (Biological Oxygen Demand- BOD) कहते हैं। BOD ऑक्सीजन का मापक है। अतः जहां उच्च BOD होगा वहां निम्न DO होगा।

3. नदी में जल प्रदूषण के निर्धारण के लिए घुली हुई मात्रा मापी जाती है- [U.P.P.C.S. (Mains) 2011]

Correct Answer: (d) ऑक्सीजन की
Solution:बीओडी (BOD: Biological Oxygen Demand) जल प्रदूषण मापने की मुख्य इकाई है। कार्बनिक एवं अकार्बनिक अपशिष्ट अपघटित होने के लिए जल निकायों में घुलनशील ऑक्सीजन का उपयोग करते है, जिससे जल में घुलनशील ऑक्सीजन की मात्रा घट जाती है। घुलनशील ऑक्सीजन की मात्रा घटने से उसकी मांग बढ़ जाती है। बीओडी का अधिक होना, जल के संक्रमित होने को दर्शाता है। ध्यातव्य है कि कार्बनिक अपशिष्ट (जैसे-सीवेज) की मात्रा बढ़ने से अपघटन की दर बढ़ जाती है तथा 0, का उपयोग भी इसी के साथ-साथ बढ़ जाता है। इसके फलस्वरूप घुली ऑक्सीजन (Dissolved Oxygen- DO) की मात्रा घट जाती है। अतः 0, की मांग का बढ़ते अपशिष्ट की मात्रा से सीधा संबंध है। इसी मांग को जैव रासायनिक ऑक्सीजन मांग (Biological Oxygen Demand- BOD) कहते हैं। BOD ऑक्सीजन का मापक है। अतः जहां उच्च BOD होगा वहां निम्न DO होगा।

4. नदी का जल प्रदूषण मापा जाता है - [U.P.R.O./.A.R.O. (Pre) 2021]

Correct Answer: (d) जल में घुली ऑक्सीजन की मात्रा से
Solution:बीओडी (BOD: Biological Oxygen Demand) जल प्रदूषण मापने की मुख्य इकाई है। कार्बनिक एवं अकार्बनिक अपशिष्ट अपघटित होने के लिए जल निकायों में घुलनशील ऑक्सीजन का उपयोग करते है, जिससे जल में घुलनशील ऑक्सीजन की मात्रा घट जाती है। घुलनशील ऑक्सीजन की मात्रा घटने से उसकी मांग बढ़ जाती है। बीओडी का अधिक होना, जल के संक्रमित होने को दर्शाता है। ध्यातव्य है कि कार्बनिक अपशिष्ट (जैसे-सीवेज) की मात्रा बढ़ने से अपघटन की दर बढ़ जाती है तथा 0, का उपयोग भी इसी के साथ-साथ बढ़ जाता है। इसके फलस्वरूप घुली ऑक्सीजन (Dissolved Oxygen- DO) की मात्रा घट जाती है। अतः 0, की मांग का बढ़ते अपशिष्ट की मात्रा से सीधा संबंध है। इसी मांग को जैव रासायनिक ऑक्सीजन मांग (Biological Oxygen Demand- BOD) कहते हैं। BOD ऑक्सीजन का मापक है। अतः जहां उच्च BOD होगा वहां निम्न DO होगा।

5. जैव ऑक्सीजन मांग (BOD) किसके लिए एक मानक मापदंड है? [I.A.S. (Pre) 2017, U.P.P.C.S.(Pre) 2023]

Correct Answer: (c) जलीय पारिस्थितिक तंत्रों में प्रदूषण के आमापन के लिए
Solution:जैव ऑक्सीजन मांग (Biological Oxygen Demand : BOD) जल प्रदूषण मापने की मुख्य इकाई है। कार्बनिक एवं अकार्बनिक अपशिष्ट अपघटित होने के लिए जल निकायों में घुलनशील ऑक्सीजन का उपयोग करते हैं, जिससे जल में घुलनशील ऑक्सीजन की मात्रा घट जाती है। घुलनशील ऑक्सीजन की मात्रा घट जाने से उसकी मांग बढ़ जाती है। BOD का अधिक होना जल के संक्रमित होने को दर्शाता है। अतः ऑक्सीजन की मांग का बढ़ते अपशिष्ट की मात्रा से सीधा संबंध है। इसी मांग को जैव ऑक्सीजन मांग (BOD) कहते हैं। जहां उच्च BOD है, वहां निम्न घुली ऑक्सीजन (Dissovled Oxygen- DO) होगा।

BOD x 1/DO

6. गंगा नदी में बी.ओ.डी. सर्वाधिक मात्रा में पाया जाता है- [U.P.P.C.S. (Spl.) (Mains) 2008]

Correct Answer: (b) कानपुर एवं इलाहाबाद के मध्य
Solution:बी.ओ.डी. की सर्वाधिक मात्रा गंगा नदी में कानपुर एवं इलाहाबाद (अब प्रयागराज) के मध्य पाया जाता है। वस्तुतः कानपुर से गंगा नदी में भारी मात्रा में प्रदूषित पदार्थ डाले जाने के कारण यहां बी.ओ.डी. अधिक होता है।

7. भारतीय रेल द्वारा उपयोग में लाए जाने वाले जैव शौचालयों (बायो- टॉयलेट्स) के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए। [I.A.S. (Pre) 2015]

1. जैव शौचालयों में मानव अपशिष्ट का अपघटन फंगल इनॉकुलम (Fungal Inoculum) द्वारा उपक्रमित (इनिशिएट) होता है।

2. इस अपघटन के अंत्य उत्पाद केवल अमोनिया एवं जल-वाष्प होते हैं, जो वायुमंडल में निर्मुक्त हो जाते हैं।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?

Correct Answer: (d) न तो 1 और न ही 2
Solution:वर्तमान में शत-प्रतिशत ट्रेनों के कोचों में जैव शौचालयों का समावेश है। जैव शौचालय प्रणाली में अवायवीय जीवाणु अपशिष्ट पदार्थों को विखंडित कर उसे पानी और गैस (मीथेन) में परिवर्तित कर देता है। पानी को टैंक में जमा कर उसे क्लोरीन की मदद से साफ कर दिया जाता है, जबकि गैस वाष्पीकृत हो जाती है। स्पष्ट है कि न तो कथन (1) और न ही कथन (2) सत्य हैं।

8. उत्तर प्रदेश की निम्नलिखित नदियों में कौन-सी पर्यावरण प्रदूषण के कारण 'जैविक आपदा' घोषित हो गई है? [U.P.P.C.S. (Pre) 2018]

Correct Answer: (b) गोमती
Solution:पब्लिक डोमेन में जैविक आपदा घोषित नदी की सूचना नहीं प्राप्त है। जल गुणता के आधार पर यमुना नदी का जल गुणता सूचकांक अधिक अशुद्धता की ओर है, जबकि इस दृष्टि से दूसरे क्रम पर गोमती नदी है। लोक सेवा आयोग द्वारा जारी उत्तर कुंजी में विकल्प (b) को सही माना गया है।

9. निम्नलिखित में से कौन-से भारत के कुछ भागों में पीने के जल में प्रदूषक के रूप में पाए जाते हैं? [I.A.S. (Pre) 2013]

1. आर्सेनिक

2. सारबिटॉल

3. फ्लुओराइड

4. फार्मेल्डिहाइड

5. यूरेनियम

नीचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिए।

Correct Answer: (c) केवल 1, 3 और 5
Solution:देश में मणिपुर, त्रिपुरा, ओडिशा, मेघालय, झारखंड और मध्य प्रदेश में पेयजल की गुणवत्ता का स्तर अत्यधिक चिंताजनक है। भारत की लगभग 85 प्रतिशत ग्रामीण जनसंख्या भू-जल पर निर्भर है। शेष 15 प्रतिशत जनसंख्या खुले कुओं या जल के खुले स्रोतों से पेयजल प्राप्त करती है। भू-जल में आर्सेनिक, फ्लोराइड और यूरेनियम जैसे जानलेवा रसायन मिले होते हैं।

10. 'नॉक-नी संलक्षण' उत्पन्न होता है- [U.P.P.C.S. (Mains) 2016 M.P.P.C.S. (Pre) 2019]

Correct Answer: (d) फ्लुओराइड के प्रदूषण द्वारा
Solution:'नॉक-नी संलक्षण' फ्लुओराइड के प्रदूषण के द्वारा उत्पन्न होता है। यद्यपि फ्लुओराइड तत्व पानी में अल्प मात्रा में उपलब्ध होता है, जो मसूड़ों और दांतों को संरक्षण प्रदान करता है, परंतु इसका अत्यधिक सांद्रण (Excess Concentration) फ्लुओरोसिस (Fluorosis) नामक रोग का कारण बनता है। अत्यधिक फ्लुओराइड को ग्रहण (Intake) करने के परिणामस्वरूप कूबड़पीठ (Humped back) होने की संभावना बढ़ जाती है। इसके लगातार उपभोग से हड्डियों के जोड़ विशेषकर मेरुरज्जु में कमजोरी आती है। उच्च फ्लुओराइड संग्रहण ही पैरों के मुड़ने (Bending) का कारण होता है, जिसे 'नॉक-नी संलक्षण' कहते हैं।