जैन धर्म

Total Questions: 5

1. जैनों के अंतिम तीर्थंकर कौन थे ? [MTS (T-I) 16 मई. 2023 (II-पाली)]

Correct Answer: (c) वर्धमान महावीर
Solution:जैन धर्म ग्रंथ के आधार पर भगवान महावीर का जन्म वर्तमान समय के बिहार राज्य के कुंडग्राम या कुंडलपुर में लगभग 599 ई.पू. में हुआ माना जाता है। इनके बचपन का नाम वर्द्धमान था। इनको ऋजुपालिका नदी के तट पर साल वृक्ष के नीचे ज्ञान की प्राप्ति हुई थी। ये जैन धर्म के 24वें एवं अंतिम तीर्थकर थे।

2. भगवान महावीर का जन्म वर्तमान समय के ..... राज्य में हुआ था - [JE इलेक्ट्रिकल परीक्षा 10 दिसंबर, 2020 (II-पाली)]

Correct Answer: (c) बिहार
Solution:जैन धर्म ग्रंथ के आधार पर भगवान महावीर का जन्म वर्तमान समय के बिहार राज्य के कुंडग्राम में हुआ माना जाता है। इनके बचपन का नाम वर्द्धमान था। इनको ऋजुपालिका नदी के तट। घर साल के वृक्ष के नीचे ज्ञान की प्राप्ति हुई थी। ये जैन धर्म के 24वें एवं अंतिम तीर्थंकर थे।

3. भगवान महावीर की शिक्षाओं के संकलन को क्या कहा जाता है ? [कांस्टेबल GD 2 मार्च, 2019 (I-पाली)]

Correct Answer: (c) अगम सूत्र
Solution:भगवान महावीर की शिक्षाओं के संकलन को 'आगम (अगम) सूत्र' कहा जाता है। भगवान महावीर के उपदेश को उनके शिष्यों द्वारा कई ग्रंथों (शास्त्रों) में संकलित किया गया था, जिन्हें जैन आगम या आगम सूत्र के नाम से जाना जाता है।

4. राजस्थान के माउंट आबू में दिलवाड़ा मंदिर (Dilwara Temple) ..... मंदिर शैली (temple architecture) का एक जीता-जागता उदाहरण है। [MTS (T-I) 12 मई, 2023 (III-पाली)]

Correct Answer: (c) जैन
Solution:माउंट आबू स्थित मशहूर दिलवाड़ा मंदिर (सिरोही, राजस्थान) जैन धर्म का पवित्र तीर्थस्थल है। यहां स्थित मंदिर समूहों में सबसे प्रसिद्ध विमल वासाही मंदिर है। चालुक्य शासक भीमदेव प्रथम (1022-1063 ई.) के सामंत विमलशाह ने इसे बनवाया था। दिलवाड़ा जैन मंदिर संगमरमर के बने हैं।

5. निम्नलिखित में से किस राजपूत राजवंश के शासकों ने जैन धर्म का संरक्षण किया था और जिनमें से एक के जैन विद्वान हेमचंद्र से प्रेरित होकर जैन धर्म को अपना लेने की जानकारी भी मिलती है ? [CHSL (T-I) 14 अगस्त, 2023 (I-पाली)]

Correct Answer: (b) चालुक्य
Solution:चालुक्य राजवंश या सोलंकी राजवंश के शासकों द्वारा जैन धर्म का संरक्षण किया गया था। चालुक्य शासकों में से कुमारपाल प्रसिद्ध जैन भिक्षु हेमचंद्र के प्रभाव में जैन धर्म को अपना लिया। कुमारपाल प्रारंभ में शैव धर्म का अनुयायी था। हेमचंद्र ने जैन साहित्य, व्याकरण पर अनेक रचनाएं कीं।