Correct Answer: (c) अगम सूत्र
Solution:भगवान महावीर की शिक्षाओं के संकलन को अगम सूत्र (या केवल आगम) कहा जाता है। ये जैन धर्म के पवित्र ग्रंथ हैं,- जिनमें महावीर द्वारा दिए गए उपदेश और धार्मिक सिद्धांत शामिल हैं।
- इन ग्रंथों को मौखिक रूप से पीढ़ी दर पीढ़ी आगे बढ़ाया गया और बाद में जैन मुनियों द्वारा संकलित किया गया।
- भगवान महावीर के उपदेशों को उनके शिष्यों ने मौखिक रूप से कई ग्रंथों में संकलित किया।
- ये ग्रंथ जैन  आगम सूत्र के नाम से जाने जाते हैं। आगम सूत्र सभी प्रकार के जीवन के प्रति गहरी श्रद्धा, शाकाहार के सख्त नियम, तपस्या, करुणा, अहिंसा और युद्ध के विरोध की शिक्षा देते हैं।
- अंग-आगम को सबसे पुराने धार्मिक ग्रंथ और जैन साहित्य की रीढ़ माना जाता है।
- भगवान महावीर जैन धर्म के चौबीसवें और अंतिम तीर्थंकर थे।
- उनका जन्म चैत्र मास के अर्द्धचंद्र के तेरहवें दिन 599 BCE पूर्व में हुआ था। यह दिन मार्च/अप्रैल में आता है
-  उनके जन्मदिन को महावीर जयंती के रूप में मनाया जाता है।
- उनके माता-पिता राजा सिद्धार्थ और रानी त्रिशला थे, जिन्होंने उनका नाम पहले वर्धमान रखा था, जिसका अर्थ है "जो बढ़ता है" या "जो उन्नति करता है।"
- भगवान महावीर का जन्म एक राजसी परिवार में हुआ था,
- उन्होंने सुख-सुविधा से भरा जीवन जिया। लेकिन बचपन से ही उनका झुकाव आध्यात्म की ओर था।
- 30 वर्ष की आयु में भगवान महावीर ने अपना राजसी जीवन, धन और परिवार त्यागकर आध्यात्मिक ज्ञान और विकास का मार्ग चुना।
-  बच्चों के लिए भगवान महावीर की कुछ महत्वपूर्ण शिक्षाएँ प्रस्तुत करता है, ताकि वे दया, ईमानदारी और सभी जीवों के प्रति सम्मान का महत्व समझ सकें।
 अहिंसाः अहिंसा जीवन का मूल सिद्धांत है
- भगवान महावीर ने सिखाया कि किसी भी जीव को शारीरिक या मानसिक रूप से नुकसान नहीं पहुँचाना चाहिए