जैन धर्म (UPPSC)

Total Questions: 58

51. संप्रदाय, जो नियति की अटलता में विश्वास करता था- [R.A.S./R.T.S. (Pre) (Re-Exam) 2013]

Correct Answer: (b) आजीवक
Solution:मक्खलिगोसाल प्रारंभ में महावीर के शिष्य थे, किंतु बाद में मतभेद के चलते इन्होंने महावीर की शिष्यता त्याग दी। विभिन्न स्रोत नंदवच्छ एवं किससंकिच्च नामक आजीवक आचार्यों का उल्लख करते हैं, जो मक्खलिपुत्त गोसाल से पूर्व भी कार्यरत थे। इसका अभिप्राय है। कि गोसाल से पहले भी आजीवक संप्रदाय उपस्थित था। संभवतः इसे सर्वप्रथम लोकप्रियता गोसाल द्वारा दिलाई गई। अतः इन्हें ही परंपरानुसार आजीवक संप्रदाय का प्रवर्तक माना गया। इनका मत 'नियतिवाद' या भाग्यवाद कहा जाता है, जिसके अनुसार संसार की प्रत्येक वस्तु भाग्य द्वारा पूर्व नियंत्रित एवं संचालित होती है।

52. "आत्मा केवल जंतु और पादप जीवन की संपदा नहीं है, बल्कि शिलाओं, प्रवाहित जलधाराओं और अन्य अनेक प्राकृतिक वस्तुओं की भी है, जिन्हें अन्य धार्मिक संप्रदाय जीवित नहीं मानते।" [I.A.S. (Pre) 2023]

उपर्युक्त कथन प्राचीन भारत के निम्नलिखित में से किस एक धार्मिक संप्रदाय के एक मूलभूत विश्वास को प्रतिबिंबित करता है?

Correct Answer: (b) जैन परंपरा
Solution:जैन परंपरा के अंतर्गत यह माना गया है कि सभी प्राणियों में एक तत्व निहित है, जिसे आत्मा कहते हैं। जैन आचार्य, गुरुदेव चित्रभानु लिखते हैं कि "ब्रह्मांड केवल मानवता के लिए नहीं है, यह सभी प्राणियों के विकास का क्षेत्र है।" पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु और स्पर्श संवेदना वाले पौधों में भी आत्माएं होती हैं। जैन धर्म एक प्राचीन भारतीय धर्म है, जो अहिंसा एवं करुणा के सिद्धांत पर जोर देता है। जैन धर्म के अनुसार संसार के कण-कण में आत्मा का वास है। यह सजीव वस्तुओं के साथ-साथ निर्जीव वस्तुओं (शिलाओं आदि) में भी व्याप्त है।

53. सूची 1 को सूची II से सुमेलित कीजिए और सूचियों के नीचे दिए गए कूट से सही उत्तर चुनिए - [U.P.R.O./A.R.O. (Pre) 2017]

सूची - I (आचार्य)सूची - II (सिद्धांत)
A. लकुलीश1. आजीवक
B. नागार्जुन2. शून्यवाद
C. भद्रबाहु3. पाशुपत
D. गोसाल4. जैन
Code.
ABCD
(a)2341
(b)3241
(c)1234
(d)3142

 

Correct Answer: (b)
Solution:सूची I का सूची II से सुमेलन इस प्रकार है -
सूची - I (आचार्य)सूची - II (सिद्धांत)
लकुलीशपाशुपत
नागार्जुनशून्यवाद
भद्रबाहुजैन
गोसालआजीवक

54. बराबर की गुफाओं का उपयोग किसने आश्रयगृह के रूप में किया? [40th B.P.S.C. (Pre) 1995]

Correct Answer: (a) आजीवकों ने
Solution:मौर्य युग में गुफाओं को काटकर निवास स्थान बनाने की कला का पूर्ण विकास हुआ। अशोक तथा उसके पौत्र दशरथ के समय में बराबर तथा नागार्जुनी पहाड़ियों को काटकर आजीवक सम्प्रदाय के अनुयायियों के लिए आश्रयगृह बनाए गए थे।

55. उत्तर प्रदेश में बौद्ध एवं जैनियों दोनों की प्रसिद्ध तीर्थस्थली है- [R.A.S./R.T.S. (Pre) 2007 & U.P.U.D.A./L.D.A. (Mains) 2010]

Correct Answer: (b) कौशाम्बी
Solution:प्रयागराज (इलाहाबाद) के दक्षिण-पश्चिम में लगभग 55 किमी. (34.17 मील) की दूरी पर स्थित कोसम नामक स्थान ही प्राचीन काल का कौशाम्बी था। वैदिक एवं जैन साहित्य में अनेक बार कौशाम्बी का उल्लेख हुआ है। पुराणों के अनुसार, हस्तिनापुर के राजा निचक्षु ने हस्तिनापुर के गंगा के प्रवाह में बह जाने के बाद इस नगर की स्थापना करवाई थी। जैन ग्रंथ के अनुसार, कुशाम्ब नामक वृक्षों के अधिकता के कारण इस नगर का नाम कौशाम्बी पड़ा। यह नगर जैन तथा बौद्ध दोनों की प्रसिद्ध तीर्थस्थली है। महात्मा बुद्ध ने इस नगर में जाकर कई बार धर्मोपदेश दिया तथा लोगों को अपना शिष्य बनाया। यहां अनेक विहार थे। सर्वप्रमुख घोषिताराम विहार था, जिसका निर्माण श्रेष्ठि घोषित ने करवाया था तथा जैन धर्म के छठे तीर्थंकर पद्मप्रभ का प्रसिद्ध मंदिर प्रभाषगिरि (पाभोसा) यहीं अवस्थित है।

56. निम्नलिखित में से कौन-सा एक कथन सही नहीं है? [I.A.S. (Pre) 2002]

Correct Answer: (a) श्रवणबेलगोला स्थित गोमतेश्वर की प्रतिमा जैनियों के अंतिम तीर्थंकर को दर्शाती है।
Solution:श्रवणबेलगोला, कर्नाटक राज्य में स्थित है। यहां गंग शासक रचमल्ल चतुर्थ (पंचमल्ल) के शासनकाल में चामुंडराय नामक मंत्री ने लगभग 981 ई. में बाहुबली (गोमतेश्वर) की विशालकाय (लगभग 18 मीटर ऊंची) जैन मूर्ति का निर्माण कराया। बाहुबली प्रथम जैन तीर्थंकर ऋषभनाथ के पुत्र माने जाते हैं। अन्य तीनों कथन सही हैं।

57. श्रवणबेलगोला में गोमतेश्वर की विशाल प्रतिमा किसने स्थापित करवाई थी ? [U.P. Lower Sub.(Pre) 2009 & I.A.S. (Pre) 1994]

Correct Answer: (a) चामुंडराय ने
Solution:श्रवणबेलगोला, कर्नाटक राज्य में स्थित है। यहां गंग शासक रचमल्ल चतुर्थ (पंचमल्ल) के शासनकाल में चामुंडराय नामक मंत्री ने लगभग 981 ई. में बाहुबली (गोमतेश्वर) की विशालकाय (लगभग 18 मीटर ऊंची) जैन मूर्ति का निर्माण कराया। बाहुबली प्रथम जैन तीर्थंकर ऋषभनाथ के पुत्र माने जाते हैं। अन्य तीनों कथन सही हैं।

58. महान धार्मिक घटना, महामस्तकाभिषेक, निम्नलिखित में से किससे संबंधित है और किसके लिए की जाती है? [I.A.S. (Pre) 2009]

Correct Answer: (a) बाहुबली
Solution:महामस्तकाभिषेक, जैन धर्म का एक महत्वपूर्ण उत्सव है, जो 12 वर्ष के अंतराल पर कर्नाटक राज्य के श्रवणबेलगोला में आयोजित किया जाता है। यहां पर भगवान (संत) गोमतेश्वर बाहुबली की 18 मीटर ऊंची मूर्ति स्थापित है।