1. यह प्रकृति में घटित होने वाली जैवनिम्नीकरण प्रक्रिया का ही संवर्धन कर प्रदूषण को स्वच्छ करने की तकनीक है।
2. कैडमियम और लेड जैसी मारी धातुओं से युक्त किसी भी संदूषक को सूक्ष्मजीवों के प्रयोग से जैवोपचारण द्वारा सहज ही और पूरी तरह उपचारित किया जा सकता है।
3. जैवोपचारण के लिए विशेषतः अभिकल्पित सूक्ष्मजीवों को सृजित करने के लिए आनुवंशिक इंजीनियरी (जेनेटिक इंजीनियरिंग) का उपयोग किया जा सकता है।
नीचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिए-
Correct Answer: (c) केवल 1 और 3
Solution:सूक्ष्म जीवों के प्रयोग द्वारा पर्यावरण से विषैले (Toxic) प्रदूषक पदार्थों के निष्कासन की प्रक्रिया जैवोपचारण (Bio-remediation) कहलाती है। यह प्रकृति में घटित होने वाली जैवनिम्नीकरण प्रक्रिया का ही संवर्धन कर प्रदूषण को स्वच्छ करने की तकनीक है। परंतु कई प्रकार की भारी धातुओं से युक्त प्रदूषकों को जैवोपचारण विधि द्वारा नहीं उपचारित किया जा सकता है। उदाहरण के लिए कैडमियम व लेड जैसी भारी धातुओं से युक्त किसी भी संदूषक को सूक्ष्मजीवों के प्रयोग से जैवोपचारण द्वारा सहज ही और पूरी तरह उपचारित नहीं किया जा सकता है। जैवोपचारण के लिए विशेषतः अभिकल्पित सूक्ष्मजीवों को सृजित करने के लिए आनुवंशिक इंजीनियरी (जेनेटिक इंजीनियरिंग) का उपयोग किया जा सकता है। उदाहरणतया, सुपरबग (Pseudomonas putida) जो जेनेटिक इंजीनियरिंग तकनीक द्वारा निर्मित किया गया है, समुद्र में फैले तैलीय पंक (Oil Spill) को समाप्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।