जैव उवर्रक

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11. निम्न में से कौन-सा सही सुमेलित नहीं है? [U.P. P.C.S. (Pre) Exam. 2017]

Correct Answer: (d) एजोला - मक्का
Solution:एजोला, एनाबिना, नास्टॉक, नील-हरित शैवाल आदि धान की फसल में नत्रजन स्थिरीकरण को बढ़ावा देते हैं। ये जैव उर्वरक की तरह कार्य करते हैं। राइजोबियम लेग्यूमिनिसेरम मटर (पाइसम सेटाइवम) की फसल में, जबकि एजोटोबैक्टर गेहूं की फसल में नत्रजन स्थिरीकरण कारक (Nitrogen fixing agent) है। सामान्यतः एजोला मक्का की फसल में नत्रजन स्थिरीकरण कारक के रूप में प्रयुक्त नहीं होता है। अतः विकल्प (d) सही उत्तर होगा।

12. निम्न के साथ मिलाने से एजोला एक अच्छा उर्वरक होता है: [Uttarakhand P.C.S. (Pre) 2007]

Correct Answer: (a) नील हरित शैवाल
Solution:नील हरित शैवाल (सायनोबैक्टीरिया) एजोला का सहचारी है और इसे साथ में मिलाने से अच्छी उर्वरकता प्राप्त होती है। नील हरित शैचाल (Blue Green Algae) एक अति सूक्ष्म प्रोकैरियाटिक शैवाल (सायनोबैक्टीरिया) होते हैं, जबकि एजोला (Azolla) एक जलीय फर्न (Aquatic Fern) है, जिसकी पत्तियों की पृष्ठीय सतह पर पाई जाने वाली गुहिकाओं में रहने वाले जीवाणु एनाबीना एजोली की मदद से यह नाइट्रोजन का स्थिरीकरण कर उपज क्षमता की वृद्धि में सहायक होते हैं।

13. एजोला बहुधा जैव उर्वरक के रूप में प्रयोग किया जाता है, क्योंकि इसका सहचारी है- [U.P.P.C.S (Mains) 2011]

Correct Answer: (a) नील हरित शैवाल
Solution:नील हरित शैवाल (सायनोबैक्टीरिया) एजोला का सहचारी है और इसे साथ में मिलाने से अच्छी उर्वरकता प्राप्त होती है। नील हरित शैचाल (Blue Green Algae) एक अति सूक्ष्म प्रोकैरियाटिक शैवाल (सायनोबैक्टीरिया) होते हैं, जबकि एजोला (Azolla) एक जलीय फर्न (Aquatic Fern) है, जिसकी पत्तियों की पृष्ठीय सतह पर पाई जाने वाली गुहिकाओं में रहने वाले जीवाणु एनाबीना एजोली की मदद से यह नाइट्रोजन का स्थिरीकरण कर उपज क्षमता की वृद्धि में सहायक होते हैं।

14. एजोला है, एक- [U.P. U.D.A./L.D.A. (Spl.) (Mains) 2010]

Correct Answer: (a) जलीय फर्न
Solution:नील हरित शैवाल (सायनोबैक्टीरिया) एजोला का सहचारी है और इसे साथ में मिलाने से अच्छी उर्वरकता प्राप्त होती है। नील हरित शैचाल (Blue Green Algae) एक अति सूक्ष्म प्रोकैरियाटिक शैवाल (सायनोबैक्टीरिया) होते हैं, जबकि एजोला (Azolla) एक जलीय फर्न (Aquatic Fern) है, जिसकी पत्तियों की पृष्ठीय सतह पर पाई जाने वाली गुहिकाओं में रहने वाले जीवाणु एनाबीना एजोली की मदद से यह नाइट्रोजन का स्थिरीकरण कर उपज क्षमता की वृद्धि में सहायक होते हैं।

15. जलीय फर्न, जिसे जैव उर्वरक के रूप में प्रयुक्त किया जाता है, वह है - [U.P.R.O./A.R.O. (Mains) 2014]

Correct Answer: (b) एजोला
Solution:नील हरित शैवाल (सायनोबैक्टीरिया) एजोला का सहचारी है और इसे साथ में मिलाने से अच्छी उर्वरकता प्राप्त होती है। नील हरित शैचाल (Blue Green Algae) एक अति सूक्ष्म प्रोकैरियाटिक शैवाल (सायनोबैक्टीरिया) होते हैं, जबकि एजोला (Azolla) एक जलीय फर्न (Aquatic Fern) है, जिसकी पत्तियों की पृष्ठीय सतह पर पाई जाने वाली गुहिकाओं में रहने वाले जीवाणु एनाबीना एजोली की मदद से यह नाइट्रोजन का स्थिरीकरण कर उपज क्षमता की वृद्धि में सहायक होते हैं।

16. निम्नलिखित में से कौन-से सूक्ष्म जीव, जैव उर्वरक के रूप में प्रयोग होते हैं? [U.P.R.O./A.R.O. (Mains) 2016 U.P.P.C.S. (Mains) 2012]

Correct Answer: (d) सायनोबैक्टीरिया
Solution:नील हरित शैवाल (सायनोबैक्टीरिया) एजोला का सहचारी है और इसे साथ में मिलाने से अच्छी उर्वरकता प्राप्त होती है। नील हरित शैचाल (Blue Green Algae) एक अति सूक्ष्म प्रोकैरियाटिक शैवाल (सायनोबैक्टीरिया) होते हैं, जबकि एजोला (Azolla) एक जलीय फर्न (Aquatic Fern) है, जिसकी पत्तियों की पृष्ठीय सतह पर पाई जाने वाली गुहिकाओं में रहने वाले जीवाणु एनाबीना एजोली की मदद से यह नाइट्रोजन का स्थिरीकरण कर उपज क्षमता की वृद्धि में सहायक होते हैं।

17. निम्नलिखित में से कौन-सा फॉस्फेटीक जैव उर्वरक है? [U.P.B.E.O. (Pre) 2019]

Correct Answer: (d) वैस्कुलर अरबुस्कुलर माइकोराइजा
Solution:राइजोबियम, नील हरित शैवाल तथा एजोला ये सभी नाइट्रोजन स्थरीकरण करते हैं, जबकि वैस्कुलर अरबुस्कुलर माइकोराइजा फॉस्फोरस का स्थिरीकरण करता है।

18. खेती में बायोचार का क्या उपयोग है? [I.A.S. (Pre) 2020]

1. बायोचार ऊर्ध्वाधर खेती (vertical farming) में वृद्धिकर माध्यम के अंश के रूप में प्रयुक्त किया जा सकता है।

2. जब बायोचार वृद्धिकर माध्यम के अंश के रूप में प्रयुक्त किया जाता है, तो वह नाइट्रोजन यौगिकीकारी सूक्ष्म जीवों की वृद्धि को बढ़ावा देता है।

3. जब बायोचार वृद्धिकर माध्यम के अंश के रूप में प्रयुक्त किया जाता है, तब वह उस वृद्धिकर माध्यम की जलधारण क्षमता को अधिक लंबे समय तक बनाए रखने में सहायक होता है।

उपर्युक कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?

Correct Answer: (d) 1,2 और 3
Solution:बायोचार (Biochar) उच्च कार्बन युक्त चारकोल का एक रूप है, जो मृदा में प्रयुक्त होता है। इसे प्रायः कृषि अपशिष्ट (धान, गेहूं, ज्वार की मूसी, कुक्कुट अपशिष्ट इत्यादि) के पायरोलिसिस द्वारा तैयार किया जाता है। इसके उपयोग से मृदा की उर्वरा शक्ति व जलधारण क्षमता तथा फसल उत्पादकता में वृद्धि होती है। बायोचार पर्यावरण अनुकूल पदार्थ होता है तथा मृदा से ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन को कम करने में सहायक होता है। जब बायोचार वृद्धिकर माध्यम के अंश के रूप में प्रयुक्त किया जाता है, तो वह नाइट्रोजन यौगिकीकारी सूक्ष्म जीवों की वृद्धि को बढ़ावा देता है।

19. निम्नलिखित में से कौन सा-कथन कंपोस्ट के संदर्भ में सही नहीं है? [R.A.S/R.T.S. (Pre) 2018]

Correct Answer: (c) गड्डों में अपशिष्ट पदार्थों की निम्नीकरण प्रक्रिया को केंचुए धीमा कर देते हैं।
Solution:कंपोस्ट निर्माण के समय गड्‌ढों में अपशिष्ट पदार्थों की निम्नीकरण प्रक्रिया को केंचुए व अन्य सूक्ष्म जीव जैसे कवक, जीवाणु आदि तेज करने में सहायक होते हैं, न कि धीमा करने में। प्रश्नगत अन्य विकल्य सही है।

20. फसलोत्पादन में 'नत्रजन उपयोग क्षमता' की वृद्धि की जा सकती है [U.P.P.C.S. (Pre) 2009]

Correct Answer: (d) उपरोक्त सभी के द्वारा
Solution:फसलोत्यादन में 'नत्रजन उपयोग क्षमता (Nitrogen Use Efficiency NUE) में वृद्धि उर्वरक की मात्रा के बार-बार प्रयोग (Split Application), नत्रजन अवरोधक (Nitrogen Inhibitors) के प्रयोग, नत्रजन धीरे छोड़ने (Slow release) वाले उर्वरकों के प्रयोग आदि के द्वारा की जा सकती है।