जैव विकास

Total Questions: 4

1. निम्नलिखित कथनों पर विचार करें। [दिल्ली पुलिस कांस्टेबिल 21 नवंबर, 2023 (II-पाली)]

(1) जीवीय और अजीवीय घटक वाली प्रणाली को पारितंत्र के रूप में जाना जाता है।

(2) पारितंत्र के सभी घटक परस्पर संबंधित हैं।

(3) पारितंत्र की हमेशा स्पष्ट सीमाएं होती हैं। कौन-सा/से कथन सही है/हैं?

Correct Answer: (b) (1) और (2) दोनों कथन सही हैं।
Solution:पारितंत्र वह घटक है, जो जीवीय (उदाहरण-उत्पादक, उपभोक्ता एवं अपघटक) और अजीवीय घटक (उदाहरण- प्रकाश, ताप, हवा, जल आदि) वाली प्रणाली के रूप में जाना जाता है। पारितंत्र के सभी घटक परस्पर संबंधित होते हैं, लेकिन पारितंत्र की सीमाएं सदैव स्पष्ट नहीं होती और यह देखना मुश्किल हो सकता है कि एक पारितंत्र कहां समाप्त होता है और दूसरा पारितंत्र कहां शुरू होता है। अतः कथन (1) और (2) सही हैं।

2. ऐनिमेलिया जगत के किस समूह में अखंडित, द्विपार्श्विक रूप में सममित, कोमल शरीर होते हैं, जिनमें एक त्रिकोरकी संरचना (कोशिकाओं की तीन परतें होती हैं) और यह किसी प्रगुहा, कंकाल और गुदा से रहित होती है? [CGL (T-I) 24 जुलाई, 2023 (III-पाली)]

Correct Answer: (a) चपटे कृमि
Solution:ऐनिमेलिया जगत के चपटे कृमि (फ्लैट वर्म) में अखंडित द्विपार्श्विक रूप में सममित, कोमल शरीर होते हैं, जिनमें एक त्रिकोरकी संरचना (कोशिकाओं की तीन परतें) होती हैं और यह किसी प्रगुहा, कंकाल और गुदा से रहित होती है। फ्लैटवर्म का पाचन तंत्र अधूरा होता है एवं शरीर में केवल एक ही द्वार होता है। ये प्रायः परजीवी होते हैं। इस प्रकार विकल्प (a) सही उत्तर है।

3. प्राणियों में पाए जाने वाले अंतः परजीवी की पहचान कीजिए। [CGL (T-I) 27 जुलाई, 2023 (I-पाली)]

Correct Answer: (c) चपटे कृमि
Solution:प्राणियों में पाए जाने जाने वाले अंतःपरजीवी प्रायः प्राणियों के शरीर के अंदर रहते हैं; उदाहरण के लिए आंत, फेफड़े तथा रक्त वाहिकाओं में पाए जाने वाले परजीवी। ये अपना पोषण इन्हीं से प्राप्त करते हैं और गंभीर बीमारी के कारण बन सकते हैं। अंतःपरजीवी के उदाहरण हैं-चपटे कृमि (फ्लैटवॉर्म), टेपवॉर्म, राउंडवॉर्म आदि।

4. ....... ने जैव विकास की अवधारणा को अपनी पुस्तक 'दि ओरिजिन ऑफ स्पीशीज' (The origin of species) में दिया। [MTS (T-I) 09 मई, 2023 (II-पाली), CGL (T-I) 06 सितंबर, 2016 (II-पाली)]

Correct Answer: (c) चार्ल्स डार्विन
Solution:चार्ल्स डार्विन ने जैव विकास की अवधारणा को अपनी पुस्तक 'दि ओरिजिन ऑफ स्पीशीज' (The origin of species) में दिया। चार्ल्स डार्विन एक प्रकृतिवादी, जीवविज्ञानी एवं भू-विज्ञानी थे, उन्होंने प्राकृतिक वातावरण का अध्ययन किया था, जिसका उल्लेख इन्होंने अपनी पुस्तक में किया है।