ज्वार/भाटा

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1. कथन : [I.A.S. (Pre) 1998]

कथन (A): लघु ज्वार-भाटाओं के समय, उच्च ज्वार सामान्य से निम्नतर तथा निम्न ज्वार सामान्य से उच्चतर होता है।

कारण (R): लघु ज्वार-भाटा, वृहद ज्वार-भाटा के विपरीत, पूर्णचंद्र के स्थान पर नवचंद्र के समय होता है।

नीचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर का चयन कीजिए-

Correct Answer: (c) (A) सही है, परंतु (R) गलत है
Solution:लघु ज्वार-भाटाओं के समय, उच्च ज्वार सामान्य से 20 प्रतिशत निम्नतर तथा निम्न ज्वार (भाटा) सामान्य से उच्चतर होता है। लघु ज्वार-भाटा वृहद ज्वार-भाटा के विपरीत पूर्णचंद्र या नवचंद्र को नहीं बल्कि शुक्ल पक्ष तथा कृष्ण पक्ष की सप्तमी या अष्टमी को आता है। अतः कथन (A) सही है, परंतु कारण (R) गलत है।

2. रेखाचित्र में दिखाई गई निम्नलिखित स्थितियों में से किस एक में समुद्र ज्वार की ऊंचाई अधिकतम होगी ? [I.A.S. (Pre) 1999]

Correct Answer: (d) M
Solution:मश्नगत चित्र में M, की स्थिति पूर्णचंद्र की स्थिति तथा M. की स्थिति नवचंद्र की स्थिति को व्यक्त करती है। इन दोनों परिस्थितियों में सूर्य, चंद्र और पृथ्वी एक सीध में होते हैं तथा ये 'सिजिगी (Syzygy) या 'युति-वियुति' की स्थिति कहलाती है। इन दोनों ही स्थितियों में वृहद ज्वार (Spring Tides) की उत्पत्ति होती है। उपभू वृहत ज्वार (Perigean Spring Tide) नवचंद्र (New Moon) या पूर्ण चंद्र (Full Moon) को घटित होता है जब चंद्रमा पृथ्वी के निकटतम स्थिति (Perigee) में होता है। तथापि नवचंद्र की स्थिति में जब चंद्रमा पृथ्वी के असमान्य निकट स्थिति (Perigee) में होता है तब अधिक ऊंचे वृहद् ज्वार (Spring Tide) आते हैं।

3. वृहद ज्यार आता है- [U.P.P.C.S. (Pre) 199]

Correct Answer: (a) जब सूर्य, पृथ्वी तथा चंद्रमा एक सीधी रेखा में होते हैं।
Solution:मश्नगत चित्र में M, की स्थिति पूर्णचंद्र की स्थिति तथा M. की स्थिति नवचंद्र की स्थिति को व्यक्त करती है। इन दोनों परिस्थितियों में सूर्य, चंद्र और पृथ्वी एक सीध में होते हैं तथा ये 'सिजिगी (Syzygy) या 'युति-वियुति' की स्थिति कहलाती है। इन दोनों ही स्थितियों में वृहद ज्वार (Spring Tides) की उत्पत्ति होती है। उपभू वृहत ज्वार (Perigean Spring Tide) नवचंद्र (New Moon) या पूर्ण चंद्र (Full Moon) को घटित होता है जब चंद्रमा पृथ्वी के निकटतम स्थिति (Perigee) में होता है। तथापि नवचंद्र की स्थिति में जब चंद्रमा पृथ्वी के असमान्य निकट स्थिति (Perigee) में होता है तब अधिक ऊंचे वृहद् ज्वार (Spring Tide) आते हैं।

4. महासागर में ऊंची जल तरंगें कैसे होती हैं? [47th B.P.S.C. (Pre) 2005]

Correct Answer: (d) चंद्रमा से
Solution:चंद्रमा अन्य तारों की अपेक्षा पृथ्वी के ज्यादा नजदीक है, अतः वह पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण बल को ज्यादा प्रभावित करता है। इसी से महासागरों में ऊंची जल तरंगें उत्पन्न होती हैं। चंद्रमा की ज्वारोत्पादक शक्ति सूर्य की तुलना में 2.17 गुना अधिक होती है। यद्यपि समुद्र के नीचे तीव्र भूकंप आने पर ऊंची सुनामी तरंगें भी उत्पन्न होती हैं।

5. महासागर में ज्वार-भाटा की उत्पत्ति के क्या कारण हैं? [U.P.P.C.S. (Pre) 1991]

Correct Answer: (d) गुरुत्वाकर्षण, अभिकेंद्रीय बल तथा अपकेंद्रीय बल से
Solution:ज्वार-भाटा की उत्पत्ति सूर्य एवं चंद्रमा के आकर्षण बल तथा पृथ्वी पर उत्पन्न होने वाले दो बलों अभिकेंद्रीय बल/केंद्रोन्मुख बल (Cen- trepetal) एवं अपकेंद्रीय बल/केंद्रोपसारित बल (Centrifugal) के परिणामी बल के फलस्वरूप होती है। अर्थात पृथ्वी का जो गोलार्द्ध चंद्रमा के सम्मुख पड़ता है, वहां चंद्रमा का आकर्षण बल पृथ्वी के केंद्रोपसारित बल की अपेक्षा अधिक मात्रा में होता है। फलस्वरूप उच्च ज्वार का अनुभव किया जाता है। दूसरी ओर पृथ्वी का जो गोलार्द्ध चंद्रमा के विमुख होता है, वहां केंद्रोपसारित बल का परिणाम चंद्रमा के आकर्षण बल से अधिक होता है। फलस्वरूप वहां भी उच्च ज्वार (अप्रत्यक्ष ज्यार) का अनुभव किया जाता है। इसी कारण पृथ्वी पर प्रत्येक 24 घंटों में सामान्यतः दो बार ज्वार व दो बार भाटा का अनुभव किया जाना चाहिए; परंतु वास्तविकता में यह समय 24 घंटे 50 मिनट होता है।

6. महासागरों और समुद्रों में ज्वार-भाटाएं किसके / किनके कारण होता होते हैं? [I.A.S. (Pre) 2015]

(1) सूर्य का गुरुत्वीय बल

(2) चंद्रमा का गुरुत्वीय बल

(3) पृथ्वी का अपकेंद्रीय बल

नीचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिए।

Correct Answer: (d) 1, 2 और 3
Solution:ज्वार-भाटा की उत्पत्ति सूर्य एवं चंद्रमा के आकर्षण बल तथा पृथ्वी पर उत्पन्न होने वाले दो बलों अभिकेंद्रीय बल/केंद्रोन्मुख बल (Cen- trepetal) एवं अपकेंद्रीय बल/केंद्रोपसारित बल (Centrifugal) के परिणामी बल के फलस्वरूप होती है। अर्थात पृथ्वी का जो गोलार्द्ध चंद्रमा के सम्मुख पड़ता है, वहां चंद्रमा का आकर्षण बल पृथ्वी के केंद्रोपसारित बल की अपेक्षा अधिक मात्रा में होता है। फलस्वरूप उच्च ज्वार का अनुभव किया जाता है। दूसरी ओर पृथ्वी का जो गोलार्द्ध चंद्रमा के विमुख होता है, वहां केंद्रोपसारित बल का परिणाम चंद्रमा के आकर्षण बल से अधिक होता है। फलस्वरूप वहां भी उच्च ज्वार (अप्रत्यक्ष ज्यार) का अनुभव किया जाता है। इसी कारण पृथ्वी पर प्रत्येक 24 घंटों में सामान्यतः दो बार ज्वार व दो बार भाटा का अनुभव किया जाना चाहिए; परंतु वास्तविकता में यह समय 24 घंटे 50 मिनट होता है।

7. अप्रत्यक्ष उच्च ज्वार (Indirect High Tide) उत्पन्न होने का कारण है- [R.A.S./R.T.S. (Pre) 1999]

Correct Answer: (c) पृथ्वी का अपकेंद्रीय बल
Solution:ज्वार-भाटा की उत्पत्ति सूर्य एवं चंद्रमा के आकर्षण बल तथा पृथ्वी पर उत्पन्न होने वाले दो बलों अभिकेंद्रीय बल/केंद्रोन्मुख बल (Cen- trepetal) एवं अपकेंद्रीय बल/केंद्रोपसारित बल (Centrifugal) के परिणामी बल के फलस्वरूप होती है। अर्थात पृथ्वी का जो गोलार्द्ध चंद्रमा के सम्मुख पड़ता है, वहां चंद्रमा का आकर्षण बल पृथ्वी के केंद्रोपसारित बल की अपेक्षा अधिक मात्रा में होता है। फलस्वरूप उच्च ज्वार का अनुभव किया जाता है। दूसरी ओर पृथ्वी का जो गोलार्द्ध चंद्रमा के विमुख होता है, वहां केंद्रोपसारित बल का परिणाम चंद्रमा के आकर्षण बल से अधिक होता है। फलस्वरूप वहां भी उच्च ज्वार (अप्रत्यक्ष ज्यार) का अनुभव किया जाता है। इसी कारण पृथ्वी पर प्रत्येक 24 घंटों में सामान्यतः दो बार ज्वार व दो बार भाटा का अनुभव किया जाना चाहिए; परंतु वास्तविकता में यह समय 24 घंटे 50 मिनट होता है।