Solution:एक सितार या किसी भी तार वाले वाद्य यंत्र में:
अप्रगामी तरंगें (Standing waves or Stationary waves) उत्पन्न होती हैं। ये तब बनती हैं जब दो समान तरंगें (एक मूल और एक परावर्तित) विपरीत दिशाओं में यात्रा करती हैं और एक दूसरे पर अध्यारोपित होती हैं। सितार के तार पर, ये तरंगें तार के निश्चित सिरों पर नोड्स (शून्य विस्थापन) और बीच में एंटीनोड्स (अधिकतम विस्थापन) बनाती हैं।
सितार का तार अनुप्रस्थ तरंगें (Transverse waves) उत्पन्न करता है। इसका अर्थ है कि तार के कणों का कंपन तरंग के संचरण की दिशा के लंबवत होता है (यानी, तार ऊपर और नीचे कंपन करता है जबकि तरंग तार की लंबाई के साथ यात्रा करती है)। हालाँकि, यह अनुप्रस्थ कंपन हवा में अनुदैर्ध्य ध्वनि तरंगों को उत्पन्न करता है जिन्हें हम सुनते हैं। लेकिन सितार के तार में उत्पन्न होने वाली तरंगें स्वयं अनुप्रस्थ होती हैं।