दक्षिण भारत (चोल, चालुक्य, पल्लव एवं संगम युग) (UPPCS) (Part-2)

Total Questions: 41

11. निम्नलिखित तमिल ग्रंथों में किसे 'लघुवेद' की संज्ञा दी गई है? [U.P.R.O./A.R.O. (Mains) 2013]

Correct Answer: (d) कुरल
Solution:'कुरल' तमिल साहित्य का 'बाइबिल' तथा 'लघुवेद' माना जाता है। इसे 'मुप्पाल' भी कहा जाता है। इसकी रचना सुप्रसिद्ध कवि तिरुवल्लुवर ने की थी। अनुश्रुतियों के अनुसार, तिरुवल्लुवर ब्रह्मा के अवतार थे।

12. निम्नलिखित में से कौन-सा एक, संगम कविताओं में यथावर्णित 'वटकिरुतल' की प्रथा को स्पष्ट करता है? [I.A.S. (Pre) 2023]

Correct Answer: (d) युद्ध में पराजित राजा का आमरण अनशन कर आनुष्ठानिक मृत्युवरण करना
Solution:वटकिरुतल प्रथा, आमरण अनशन करने का एक तमिल अनुष्ठान था। यह प्रथा मुख्यतः संगम काल में प्रचलित थी। यह युद्ध में पराजित राजा का आमरण अनशन कर आनुष्ठानिक मृत्युवरण करने का एक तरीका था।

13. निम्नलिखित में से कौन तमिल रामायणम या रामावतारम का लेखक था? [U.P.U.D.A./L.D.A. (Mains) 2010]

Correct Answer: (a) कंबन
Solution:कंबन द्वारा रचित कंब रामायणम या रामावतारम तमिल भाषा में है।

14. मध्यकालीन भारत के सांस्कृतिक इतिहास के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए- [I.A.S. (Pre) 2016]

1. तमिल क्षेत्र के सिद्ध (सित्तर) एकेश्वरवादी थे तथा मूर्तिपूजा की निंदा करते थे।

2. कन्नड़ क्षेत्र के लिंगायत पुनर्जन्म के सिद्धांत पर प्रश्नचिह्न लगाते थे तथा जाति अधिक्रम को अस्वीकार करते थे।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?

Correct Answer: (c) 1 और 2 दोनों
Solution:तमिल क्षेत्र के सिद्ध (सित्तर) एकेश्वरवादी थे तथा मूर्तिपूजा की निंदा करते थे। लिंगायतों ने जाति की अवधारणा तथा कुछ समुदायों के 'दूषित' होने की ब्राह्मणीय अवधारणा का विरोध किया। इनका विश्वास था कि मरणोपरांत भक्त शिव में लीन हो जाएंगे तथा इस संसार में पुनः नहीं लौटेंगे। इन्होंने पुनर्जन्म के सिद्धांत को नकार दिया था।

15. सूची-1 और सूची-II को सुमेलित कीजिए और सूचियों के नीचे दिए हुए कूट का प्रयोग करते हुए सही उत्तर का चयन कीजिए- [I.A.S. (Pre) 1997]

Correct Answer: (a) A-4, B-3, C-1, D-2
Solution:सूची-1 और सूची-II का सही सुमेलन है -
सूची-Iसूची-II
गुप्तदेवगढ़
चंदेलखजुराहो
चालुक्यबादामी
पल्लवपनमलै

उत्तर प्रदेश के ललितपुर जिले में देवगढ़ नामक स्थान पर गुप्तकालीन दशावतार मंदिर स्थित है। खजुराहो (छतरपुर, म.प्र.) में चंदेल शासकों की कला के इतिहास का प्रसिद्ध उदाहरण आज भी विद्यमान हैं। यहां के मंदिर विष्णु, शिव तथा जैन धर्म से संबंधित हैं। इनमें सर्वाधिक प्रसिद्ध कंदरिया महादेव मंदिर है। बादामी (कर्नाटक स्थित) चालुक्यों की राजधानी थी एवं पनमलै पल्लवों से संबंधित है।

16. निम्नलिखित में से कौन-सा एक प्राचीन भारत में व्यापारियों का निगम था ? [I.A.S. (Pre) 1997]

Correct Answer: (d) मणिग्रामम्
Solution:दक्षिण भारत में नगरों में व्यापारियों के विभिन्न संगठन थे; जैसे- मणिग्रामम्, वलंजीयर आदि। चोल काल में ब्राह्मणों को दान में दिए गए ग्राम को चतुर्वेदिमंगलम् कहा जाता था।

17. दक्षिणी भारत का प्रसिद्ध 'तक्कोलम का युद्ध' हुआ था- [U.P. U.D.A./L.D.A. (Pre) 2001]

Correct Answer: (b) चोल एवं राष्ट्रकूटों के मध्य
Solution:चोल शासक परांतक 1 के अंतिम दिनों में राष्ट्रकूट शासक कृष्णा III ने पश्चिमी गंगों (बुत्तुग II) की सहायता से तक्कोलम के युद्ध में चोलों को परास्त किया और तंजौर (वर्तमान तंजावुर) पर अधिकार कर लिया। कृष्ण III ने इस उपलक्ष्य में 'तंजैयुकोंड' की उपाधि धारण की थी।

18. चोल साम्राज्य को अंततः किसने समाप्त किया? [U.P. Lower Sub. (Pre) 2004]

Correct Answer: (d) मलिक काफूर ने
Solution:1250 ई. के आस-पास होयसल और पाण्ड्य राज्य ने चोल राजा राजेंद्र तृतीय को परास्त कर दिया था। चोल राजा पाण्ड्यों की अधीनता में लगभग 1279 ई. तक शासन करते रहे। उसके पश्चात चोल राज्य के स्वतंत्र अस्तित्व का कोई प्रमाण नहीं मिलता। मलिक काफूर ने लगभग 1310 ई. में दक्षिण विजय की थी, जिसमें उसने यादव, काकतीय, होयसल, पाण्ड्य आदि राजाओं को जीता था। फिर भी प्रश्नानुसार इसका निकटतम उत्तर विकल्प (d) हो सकता है।

19. संगम युग में 'उरैयूर' किसलिए विख्यात था? [39th B.P.S.C. (Pre) 1994]

Correct Answer: (b) कपास के व्यापार का महत्वपूर्ण केंद्र
Solution:तमिलनाडु के तिरुचिरापल्ली में कावेरी नदी के तट पर अवस्थित 'उरैयूर' संगमकालीन महत्वपूर्ण नगर था। संगम युग में 'उरैयूर' सूती वस्त्रों का बहुत बड़ा केंद्र था। इसका विवरण 'पेरिप्लस ऑफ दी एरीश्रियन सी' में मिलता है। (2)

20. उदियंजीरल किस वंश से संबंधित था? [Uttarakhand P.C.S. (Pre) 2021]

Correct Answer: (a) चेर वंश
Solution:उदियंजीरल चेर वंश से संबंधित था। चेर राज्य आधुनिक केरल प्रांत में स्थित था। यह संगम युग का प्रथम ऐतिहासिक शासक था। अनुश्रुतियों के अनुसार, इसने महाभारत के युद्ध में भाग लेने वाले सभी योद्धाओं को भोजन कराया था।