दक्षिण भारत (चोल, चालुक्य, पल्लव एवं संगम युग) (UPPCS)

Total Questions: 50

21. शिव की 'दक्षिणामूर्ति' प्रतिमा उन्हें किस रूप में प्रदर्शित करती है? [U.P. P.C.S. (Pre) 2013]

Correct Answer: (a) शिक्षक
Solution:शिव की 'दक्षिणामूर्ति' प्रतिमा उन्हें गुरु (शिक्षक) के रूप में प्रदर्शित करती है। इस रूप में शिव अपने भक्तों को सभी प्रकार का ज्ञान प्रदान करते हुए माने गए हैं। इस रूप में शिव की दक्षिण दिशा में मुख किए हुए प्रतिमा स्थापित की गई है।

22. 'नटराज नृत्य के भगवान' की मूर्ति के संदर्भ में, निम्नलिखित में से कौन-सा/से कथन सही है/हैं? [U.P.R.O./A.R.O. (Mains) 2021]

1. यह मूर्ति नृत्य करते हुए चार हाथों वाले शिव का प्रतिनिधित्व करती है।

2. अपने दाएं कान में, वह एक पुरुष का कुंडल पहने हैं, बाएं में एक महिला का।

नीचे दिए गए कूट से सही उत्तर का चयन कीजिए-

कूट :

Correct Answer: (c) दोनों 1 और 2
Solution:भगवान शिव की नटराज मुद्रा की मूर्ति नृत्य करते हुए चार हाथों वाले शिव का प्रतिनिधित्व करती है। इस मूर्ति में उनके ऊपरी दाएं हाथ में डमरू (सृजन का प्रतीक) और ऊपरी बाएं हाथ में अग्नि (विनाश का प्रतीक) प्रदर्शित है। उनका दूसरा दाहिना हाथ अभय मुद्रा प्रदर्शित कर रहा है, जबकि दूसरा बायां हाथ उनके उठे हुए बाएं पैर की ओर इशारा कर रहा है, जो कि मोक्ष मार्ग का प्रतीक है। नटराज की इस मूर्ति में शिव को 'अर्द्धनारीश्वर' के रूप में दाहिने कान में पुरुष का कुंडल और बाएं कान में महिला का कुंडल पहने प्रदर्शित किया गया है।

23. 72 व्यापारी, चीन में किसके कार्यकाल में भेजे गए थे? [U.P.P.C.S. (Pre) 1992]

Correct Answer: (a) कुलोत्तुंग-I
Solution:चोल शासक कुलोत्तुंग-I के शासनकाल में 1077 ई. में 72 सौदागरों का एक चोल दूत मंडल चीन भेजा गया था।

24. निम्न में से दक्षिण भारत का कौन-सा राजवंश अपनी नौसैनिक शक्ति के लिए प्रसिद्ध था? [R.A.S./R.T.S. (Pre) 1993 & U.P. P.C.S. (Pre) 1992 & U.P. P.C.S. (Pre) 2004]

Correct Answer: (a) चोल
Solution:चोल राजाओं ने एक विशाल संगठित सेना का निर्माण किया था। चोलों के पास अश्व, गज एवं पैदल सैनिकों के साथ ही साथ एक अत्यंत शक्तिशाली नौसेना भी थी। इसी नौसेना की सहायता से उन्होंने श्रीविजय, सिंहल, मालदीव आदि द्वीपों की विजय की थी।

25. निम्नांकित राजवंशों में से किसके शासक अपने शासनकाल में ही अपना उत्तराधिकारी घोषित कर देते थे? [U.P. U.D.A./L.D.A. (Pre) 2001]

Correct Answer: (b) चोल
Solution:प्राचीन हिंदू राजवंशों के सभी सम्राट प्रायः अपने जीवन काल में ही युवराज का चुनाव कर लेते थे, जो उसके बाद उसका उत्तराधिकारी बनता था। यह प्रवृत्ति चोल वंश में सर्वाधिक दिखाई देती है।

26. निम्नलिखित चोल शासकों में जिसने बंगाल की खाड़ी को 'चोल झील' का स्वरूप प्रदान कर दिया, वह कौन था? [U.P. P.C.S. (Spl.) (Pre) 2008]

Correct Answer: (b) राजेंद्र प्रथम
Solution:राजराज प्रथम की मृत्यु के बाद उसका योग्यतम पुत्र राजेंद्र प्रथम सम्राट बना। उसने अपने पिता की साम्राज्यवादी नीति को आगे बढ़ाया।

राजेंद्र प्रथम का काल चोल शक्ति का चरमोत्कर्ष काल था। राजेंद्र प्रथम के बारे में कहा गया है कि उसने बंगाल की खाड़ी को 'चोल झील' का स्वरूप प्रदान कर दिया था। 1017 ई. में उसने संपूर्ण सिंहल द्वीप (श्रीलंका) को जीत लिया तथा सिंहल राजा महेंद्र पंचम को बंदी बनाकर चोल राज्य में लाया। उसने पवित्र गंगा जल लाने के उद्देश्य से गंगा घाटी में अभियान किया तथा पाल शासक महीपाल को पराजित किया। इस विजय के उपलक्ष्य में उसने 'गंगैकोंड' की उपाधि ग्रहण की तथा 'गंगैकोंडचोलपुरम्' नामक नई राजधानी की स्थापना की। नवीन राजधानी के निकट ही उसने सिंचाई के लिए 'चोलगंगम्' नामक विशाल तालाब का भी निर्माण कराया।

27. गंगैकोंडचोलपुरम्' की स्थापना किसने की थी? [U.P.P.C.S. (Spl.) (Mains) 2008]

Correct Answer: (c) राजेंद्र I
Solution:राजेंद्र प्रथम का काल चोल शक्ति का चरमोत्कर्ष काल था। राजेंद्र प्रथम के बारे में कहा गया है कि उसने बंगाल की खाड़ी को 'चोल झील' का स्वरूप प्रदान कर दिया था। 1017 ई. में उसने संपूर्ण सिंहल द्वीप (श्रीलंका) को जीत लिया तथा सिंहल राजा महेंद्र पंचम को बंदी बनाकर चोल राज्य में लाया। उसने पवित्र गंगा जल लाने के उद्देश्य से गंगा घाटी में अभियान किया तथा पाल शासक महीपाल को पराजित किया। इस विजय के उपलक्ष्य में उसने 'गंगैकोंड' की उपाधि ग्रहण की तथा 'गंगैकोंडचोलपुरम्' नामक नई राजधानी की स्थापना की। नवीन राजधानी के निकट ही उसने सिंचाई के लिए 'चोलगंगम्' नामक विशाल तालाब का भी निर्माण कराया।

28. निम्नलिखित में से किस चोल शासक को चोलगंगम् नामक वृहद कृत्रिम झील बनवाने का श्रेय दिया जाता है? [U.P.P.C.S (Mains) 2016]

Correct Answer: (b) राजेंद्र
Solution:राजेंद्र प्रथम का काल चोल शक्ति का चरमोत्कर्ष काल था। राजेंद्र प्रथम के बारे में कहा गया है कि उसने बंगाल की खाड़ी को 'चोल झील' का स्वरूप प्रदान कर दिया था। 1017 ई. में उसने संपूर्ण सिंहल द्वीप (श्रीलंका) को जीत लिया तथा सिंहल राजा महेंद्र पंचम को बंदी बनाकर चोल राज्य में लाया। उसने पवित्र गंगा जल लाने के उद्देश्य से गंगा घाटी में अभियान किया तथा पाल शासक महीपाल को पराजित किया। इस विजय के उपलक्ष्य में उसने 'गंगैकोंड' की उपाधि ग्रहण की तथा 'गंगैकोंडचोलपुरम्' नामक नई राजधानी की स्थापना की। नवीन राजधानी के निकट ही उसने सिंचाई के लिए 'चोलगंगम्' नामक विशाल तालाब का भी निर्माण कराया।

29. किस चोल राजा ने जल सेना प्रारंभ की थी? [Chhattisgarh P.C.S. (Pre) 2014]

Correct Answer: (c) राजराज प्रथम
Solution:चोल साम्राज्य की महत्ता का वास्तविक संस्थापक परांतक द्वितीय (सुंदर चोल) का पुत्र अरिमोलिवर्मन था, जो 985 ई. में 'राजराज' के नाम से गद्दी पर बैठा। यह विजेता के साथ-साथ कुशल प्रशासक तथा महान निर्माता भी था। राजराज प्रथम ने एक स्थायी सेना तथा विशाल नौसेना का गठन किया। उसने समस्त भूमि की नाप कराई।

30. चोल शासक का नाम बताइए, जिसने श्रीलंका के उत्तरी भाग पर विजय प्राप्त की। [U.P.P.C.S. (Mains) 2014]

Correct Answer: (a) राजराज प्रथम
Solution:चोल शासक राजराज प्रथम ने सिंहल (श्रीलंका) पर आक्रमण करके उत्तरी सिंहल को जीतकर अपने राज्य में मिला लिया। विजित क्षेत्र में राजराज ने अनुराधापुर को नष्ट कर पोलोन्नरुवा को इस क्षेत्र की राजधानी बनाया और इसका नाम 'जननाथ मंगलम्' रखा। राजराज शैव मतावलम्बी था, उसने 'शिवपादशेखर' की उपाधि धारण की थी।