दक्षिण भारत (चोल, चालुक्य, पल्लव एवं संगम युग) (UPPCS)

Total Questions: 50

41. संस्कृत के कवि और नाटककार कालिदास का उल्लेख हुआ है- [U.P.P.C.S. (Mains) 2013]

Correct Answer: (a) पुलकेशिन II के ऐहोल अभिलेख में
Solution:ऐहोल प्रशस्ति बादामी के शासक पुलकेशिन II के इतिहास को जानने का एक सशक्त माध्यम है। इस लेख की भाषा संस्कृत तथा लिपि दक्षिण ब्राह्मी है। इस लेख की रचना रविकीर्ति ने की थी। प्रशस्ति के अंत में लेखक ने यह दावा किया है कि उसने इसे लिखकर कालिदास तथा भारवि के समान यश प्राप्त किया है। अतः इस अभिलेख में कालिदास के नाम का उल्लेख हुआ है।

42. किस शासक ने सिंहल द्वीप के विरुद्ध 642 ई. में दो समुद्री अभियान भेजा था? [U.P.R.O./A.R.O. (Mains) 2016]

Correct Answer: (b) नरसिंह वर्मन I
Solution:नरसिंह वर्मन 1 (630-668 ई.) पल्लव वंशीय शासक था। 642 ई. में चालुक्यों के विरुद्ध युद्ध में नरसिंह वर्मन को लंका के एक राजकुमार मानवर्मा से सहायता मिली थी। अतः उसने मानवर्मा को पुनः सिंहल की गद्दी दिलाने के लिए शक्तिशाली नौसेना को दो बार उसकी सहायता हेतु सिंहल द्वीप भेजा।

43. प्राचीन संस्कृत ग्रंथों में प्राप्य 'यवनप्रिय' शब्द द्योतक था- [I.A.S. (Pre) 1995]

Correct Answer: (d) काली मिर्च का
Solution:'भारतीय काली मिर्च' यूनानियों एवं रोमवासियों को बहुत प्रिय थी, इसलिए प्राचीन संस्कृत ग्रंथों में इसे 'यवनप्रिय' कहा गया है। इसकी यूनान एवं रोम में बहुत अधिक मांग थी।

44. 'हल्बी' किस भाषा परिवार से संबद्ध है? [Chhattisagarh P.C.S. (Pre) 2018]

Correct Answer: (a) आर्य
Solution:'हल्बी भाषा' छत्तीसगढ़, ओडिशा एवं आंध्र प्रदेश आदि भू-भागों में बोली जाने वाली भाषा है जो कि इंडो-आर्यन भाषा परिवार का हिस्सा है। इसे ओडिया एवं मराठी भाषा की विकास यात्रा के मध्य संक्रमण कालीन भी माना जाता है।

45. तोल्काप्पियम ग्रंथ संबंधित है- [U.P.P.C.S. (Pre) 1997]

Correct Answer: (c) व्याकरण और काव्य से
Solution:'तोल्काप्पियम' के प्रणयनकर्ता 'तोल्काप्पियर' ऋषि अगस्त्य के बारह योग्य शिष्यों में से एक थे। यह एक तमिल व्याकरण ग्रंथ है। इसकी रचना सूत्र शैली में की गई है।

46. संगम साहित्य में 'तोल्काप्पियम' एक ग्रंथ है- [U.P.P.C.S. (Mains) 2014]

Correct Answer: (b) तमिल व्याकरण का
Solution:'तोल्काप्पियम' के प्रणयनकर्ता 'तोल्काप्पियर' ऋषि अगस्त्य के बारह योग्य शिष्यों में से एक थे। यह एक तमिल व्याकरण ग्रंथ है। इसकी रचना सूत्र शैली में की गई है।

47. संगम ग्रंथ 'तोलकाप्पियम' कार्य है- [Jharkhand P.C.S. (Pre) 2023]

Correct Answer: (b) व्याकरण पर
Solution:द्वितीय संगम के दौरान एकमात्र संकलित प्रमुख ग्रंथ 'तोलकाप्पियम' है। यह तोलकाप्पियर द्वारा लिखा गया प्राचीनतम तमिल व्याकरण ग्रंथ है। व्याकरण के साथ-साथ इसमें धर्म, अर्थ, काम तथा मोक्ष का भी वर्णन है। इस ग्रंथ में बताया गया है कि तमिल देश में आर्यों ने ही अनेक विधियों से युक्त एक धार्मिक संस्कार के रूप में विवाह प्रथा शुरू की।

48. शिलप्पादिकारम का लेखक था- [U.P.P.C.S. (Mains) 2002]

Correct Answer: (a) इलंगो
Solution:'शिलप्पादिकारम' का लेखक इलंगो आडिगल था। यह संगम साहित्य का महत्वपूर्ण महाकाव्य है। इसका लेखक चोल नरेश करिकाल का पौत्र था।

49. सूची-1 के पदों को सूची-II के पदों के साथ सुमेलित कीजिए तथा सूचियों के नीचे दिए कूटों से सही उत्तर चुनिए : [U.P.P.S.C. (R.I.) 2014]

सूची-Iसूची-II
A. तिरुक्कुरल1. प्रेम कथा
B. तोल्काप्पियम2. दर्शन
C. शिल्पादिकारम3. वणिक कथा
D. मणिमेकलै4. व्याकरण
कूट :
ABCD
(a)1243
(b)2341
(c)4231
(d)2413

 

Correct Answer: (d)
Solution:सूची-1 और सूची-II का सही सुमेलन है-
सूची-Iसूची-II
तिरुक्कुरलदर्शन
तोल्काप्पियमव्याकरण
शिल्पादिकारमप्रेम कथा
मणिमेकलैवणिक कथा

50. शैव संतों के लेखन के संग्रह को पांचवां वेद भी समझा जाता है। उपर्युक्त संग्रह का क्या नाम है? [Jharkhand P.C.S. (Pre) 2021]

Correct Answer: (d) तिरुमुराय
Solution:शैव संतों के लेखन के संग्रह 'तिरुमुराय' (Tirumurai) को पांचवां वेद भी समझा जाता है। 'तिरुमुराय' तमिल भाषा में शिव की स्तुति में 6वीं से 11वीं शताब्दी तक तमिलनाडु के विभिन्न कवियों द्वारा गीतों या भजनों का बारह-खंड का संकलन है। वेदों तथा शैव आगमों के साथ 'तिरुमुराय' तमिलनाडु में शैव सिद्धांत दर्शन का आधार है।