दिल्ली अधीनस्थ सेवा चयन बोर्ड परीक्षा, 2022 PGT उर्दू (महिला) 03-11-2022 (Shift-I)

Total Questions: 100

91. "वह पत्रिका पढ़ने के लिए पुस्तकालय गया है" इस वाक्य में से संयुक्त वाक्य का उचित प्रास रूप क्या होगा?

Correct Answer: (b) उसे पत्रिका पढ़ने है इसलिए पुस्तकालय गया है
Solution:"वह पत्रिका पढ़ने के लिए पुस्तकालय गया है" इस वाक्य का संयुक्त वाक्य "उसे पत्रिका पढ़नी है इसलिए पुस्तकालय गया है" होगा।

संयुक्त वाक्य

दो या दो से अधिक स्वतंत्र वाक्यांश योजक (और, अतः, किंतु, तो, सो, यदि, अन्यथा, फिर आदि) के प्रयोग से मिलाए जाते हैं जो कि एक दूसरे पर आश्रित नहीं होते।
इस प्रकार बना वाक्य संयुक्त वाक्य कहलाता है।

92. 'मुक्ति' शब्द का निम्न में से पर्यायवाची क्या नहीं है?

Correct Answer: (c) केवल्य
Solution:मुक्ति शब्द का 'केवल्य' पर्यायवाची नहीं है। यह 'मोक्ष' का पर्यायवाची है।

मोक्ष के अन्य पर्यायवाची : मुक्ति, परम् शान्ति, निर्वाण, परम्पद, अपवर्ग।

93. अनुप्रास अलंकार की क्या पहचान होती है?

Correct Answer: (d) जहाँ वर्णों की आवृत्ति हो
Solution:अनुप्रास अलंकार - जहाँ किसी पंक्ति में एक ही वर्ण जैसे 'त' की आवृत्ति बार-बार आती हो, वहाँ अनुप्रास अलंकार होता है।

जैसे -

तरनि तनुजा तट तमाल तरुवर बहु छाये।

यहाँ 'त' वर्ण की आवृत्ति हो रही है।

94. 'थोड़ा' शब्द का विलोम शब्द क्या होगा?

Correct Answer: (a) खुद्दर
Solution:'थोड़ा' का विलोम शब्द 'खुद्दर' शब्द होगा।

अन्य विकल्पों के विलोम शब्द -

शब्दविलोम शब्द
बहुतथोड़ा/कम
अल्प/न्यूनअधिक

95. "जो दोहा छंद का बिल्कुल उल्टा होता है, उसे कौन सा छंद कहा जाता है?"

Correct Answer: (a) सोरठा
Solution:जो दोहा छंद का बिल्कुल उल्टा होता है, उसे "सोरठा छंद" कहते हैं।

सोरठा छंद

सोरठा एक अर्ध सम मात्रिक छंद है। इसमें पहले एवं तीसरे चरण में 11-11 मात्राएं तथा दूसरे एवं चौथे चरण में 13-13 मात्राएं होती हैं। यह दोहा का उल्टा होता है।

उदाहरण -
जो सुमिरन सिद्ध होय, गंगाजल करिसान बदला।
करहु अनुब्रह साँच, बुद्धि रासि सुम युत ससला।।

96. हमारे देश के राष्ट्रगान "जन गण मन" की रचना किसने की?

निर्देश : 

एक गद्यांश दिया गया है। गद्यांश के आधार पर पाँच प्रश्न दिए गए हैं। गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़ें तथा प्रत्येक प्रश्न के चार विकल्पों में से सही विकल्प चुनें।

रवीन्द्रनाथ टैगोर एक महान भारतीय कवि थे। उनका जन्म 7 मई 1861 में कोलकाता के जोरासांको में हुआ था। उनके माता-पिता का नाम देवेन्द्रनाथ टैगोर (पिता) और शारदा देवी टैगोर (माता) था। उन्होंने अपनी शिक्षा घर में ही विभिन्न विषयों में निजी शिक्षकों के संरक्षण में ली। कविता लेखन की रुचि उनकी बाल्यावस्था से ही थी। वे एक कवि, लेखक, नाटककार, चित्रकार, संगीतकार और दर्शनशास्त्री भी थे। वे पहले ऐसे भारतीय बने जिन्हें "गीतांजलि" नामक अपने महान लेखन के लिए 1913 में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया। वे एक दार्शनिक, एक चित्रकार और एक महान देशभक्त भी थे जिन्होंने हमारे देश के राष्ट्रगान "जन गण मन" की रचना की।

टैगोर गुरुदेव के नाम से अधिक प्रसिद्ध थे। वे एक महान भारतीय कवि थे, जिन्होंने देश के लिए प्रसिद्ध लेखन कार्य किया। बंगाल, वे कोलकाता में बाद एक महानतम कवि थे। आज भी, वे पूरी दुनिया में एक महानतम कवि और एक लेखक के रूप में प्रसिद्ध हैं।

उनका जन्म महर्षि देवेन्द्रनाथ टैगोर (पिता) और शारदा देवी (माता) के घर 1861 में 7 मई को कोलकाता के जोरासांको में एक अमीर और सुव्यवस्थित परिवार में हुआ था। 1875 में जब वे केवल 14 वर्ष के थे, इनकी माता का देहांत हो गया था।

बहुत ही कम उम्र में उन्होंने कविता लिखने की अपनी रुचि को विकसित कर लिया था। वे चित्रकार, दार्शनिक, देशभक्त, शिक्षाविद, उपन्यासकार, निबंध लेखक, कहानीकार और रचनात्मक कलाकार भी थे।

 

Correct Answer: (c) रवीन्द्रनाथ टैगोर
Solution:दिये गए गद्यांश से स्पष्ट है कि, हमारे देश का राष्ट्रगान "जन गण मन" की रचना "रवीन्द्रनाथ टैगोर" ने की थी। जिनका जन्म 7 मई 1861 में कोलकाता के जोरासांको में हुआ था।

97. दिए गए अवतरण गद्यांश का शीर्षक क्या होगा?

निर्देश : 

एक गद्यांश दिया गया है। गद्यांश के आधार पर पाँच प्रश्न दिए गए हैं। गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़ें तथा प्रत्येक प्रश्न के चार विकल्पों में से सही विकल्प चुनें।

रवीन्द्रनाथ टैगोर एक महान भारतीय कवि थे। उनका जन्म 7 मई 1861 में कोलकाता के जोरासांको में हुआ था। उनके माता-पिता का नाम देवेन्द्रनाथ टैगोर (पिता) और शारदा देवी टैगोर (माता) था। उन्होंने अपनी शिक्षा घर में ही विभिन्न विषयों में निजी शिक्षकों के संरक्षण में ली। कविता लेखन की रुचि उनकी बाल्यावस्था से ही थी। वे एक कवि, लेखक, नाटककार, चित्रकार, संगीतकार और दर्शनशास्त्री भी थे। वे पहले ऐसे भारतीय बने जिन्हें "गीतांजलि" नामक अपने महान लेखन के लिए 1913 में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया। वे एक दार्शनिक, एक चित्रकार और एक महान देशभक्त भी थे जिन्होंने हमारे देश के राष्ट्रगान "जन गण मन" की रचना की।

टैगोर गुरुदेव के नाम से अधिक प्रसिद्ध थे। वे एक महान भारतीय कवि थे, जिन्होंने देश के लिए प्रसिद्ध लेखन कार्य किया। बंगाल, वे कोलकाता में बाद एक महानतम कवि थे। आज भी, वे पूरी दुनिया में एक महानतम कवि और एक लेखक के रूप में प्रसिद्ध हैं।

उनका जन्म महर्षि देवेन्द्रनाथ टैगोर (पिता) और शारदा देवी (माता) के घर 1861 में 7 मई को कोलकाता के जोरासांको में एक अमीर और सुव्यवस्थित परिवार में हुआ था। 1875 में जब वे केवल 14 वर्ष के थे, इनकी माता का देहांत हो गया था।

बहुत ही कम उम्र में उन्होंने कविता लिखने की अपनी रुचि को विकसित कर लिया था। वे चित्रकार, दार्शनिक, देशभक्त, शिक्षाविद, उपन्यासकार, निबंध लेखक, कहानीकार और रचनात्मक कलाकार भी थे।

 

Correct Answer: (a) रवीन्द्रनाथ टैगोर
Solution:दिए गए अवतरण गद्यांश का शीर्षक "रवीन्द्रनाथ टैगोर" जी हैं।

98. दिए गए वाक्य में रिक्त स्थान की पूर्ति कीजिए।

रवीन्द्रनाथ टैगोर एक महान भारतीय ............. थे।

 

निर्देश : 

एक गद्यांश दिया गया है। गद्यांश के आधार पर पाँच प्रश्न दिए गए हैं। गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़ें तथा प्रत्येक प्रश्न के चार विकल्पों में से सही विकल्प चुनें।

रवीन्द्रनाथ टैगोर एक महान भारतीय कवि थे। उनका जन्म 7 मई 1861 में कोलकाता के जोरासांको में हुआ था। उनके माता-पिता का नाम देवेन्द्रनाथ टैगोर (पिता) और शारदा देवी टैगोर (माता) था। उन्होंने अपनी शिक्षा घर में ही विभिन्न विषयों में निजी शिक्षकों के संरक्षण में ली। कविता लेखन की रुचि उनकी बाल्यावस्था से ही थी। वे एक कवि, लेखक, नाटककार, चित्रकार, संगीतकार और दर्शनशास्त्री भी थे। वे पहले ऐसे भारतीय बने जिन्हें "गीतांजलि" नामक अपने महान लेखन के लिए 1913 में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया। वे एक दार्शनिक, एक चित्रकार और एक महान देशभक्त भी थे जिन्होंने हमारे देश के राष्ट्रगान "जन गण मन" की रचना की।

टैगोर गुरुदेव के नाम से अधिक प्रसिद्ध थे। वे एक महान भारतीय कवि थे, जिन्होंने देश के लिए प्रसिद्ध लेखन कार्य किया। बंगाल, वे कोलकाता में बाद एक महानतम कवि थे। आज भी, वे पूरी दुनिया में एक महानतम कवि और एक लेखक के रूप में प्रसिद्ध हैं।

उनका जन्म महर्षि देवेन्द्रनाथ टैगोर (पिता) और शारदा देवी (माता) के घर 1861 में 7 मई को कोलकाता के जोरासांको में एक अमीर और सुव्यवस्थित परिवार में हुआ था। 1875 में जब वे केवल 14 वर्ष के थे, इनकी माता का देहांत हो गया था।

बहुत ही कम उम्र में उन्होंने कविता लिखने की अपनी रुचि को विकसित कर लिया था। वे चित्रकार, दार्शनिक, देशभक्त, शिक्षाविद, उपन्यासकार, निबंध लेखक, कहानीकार और रचनात्मक कलाकार भी थे।

 

Correct Answer: (a) कवि
Solution:दिए गए गद्यांश के प्रथम पंक्ति के अनुसार, रवीन्द्रनाथ टैगोर एक महान भारतीय "कवि" थे।

99. रवीन्द्रनाथ टैगोर का जन्म कब हुआ?

निर्देश : 

एक गद्यांश दिया गया है। गद्यांश के आधार पर पाँच प्रश्न दिए गए हैं। गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़ें तथा प्रत्येक प्रश्न के चार विकल्पों में से सही विकल्प चुनें।

रवीन्द्रनाथ टैगोर एक महान भारतीय कवि थे। उनका जन्म 7 मई 1861 में कोलकाता के जोरासांको में हुआ था। उनके माता-पिता का नाम देवेन्द्रनाथ टैगोर (पिता) और शारदा देवी टैगोर (माता) था। उन्होंने अपनी शिक्षा घर में ही विभिन्न विषयों में निजी शिक्षकों के संरक्षण में ली। कविता लेखन की रुचि उनकी बाल्यावस्था से ही थी। वे एक कवि, लेखक, नाटककार, चित्रकार, संगीतकार और दर्शनशास्त्री भी थे। वे पहले ऐसे भारतीय बने जिन्हें "गीतांजलि" नामक अपने महान लेखन के लिए 1913 में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया। वे एक दार्शनिक, एक चित्रकार और एक महान देशभक्त भी थे जिन्होंने हमारे देश के राष्ट्रगान "जन गण मन" की रचना की।

टैगोर गुरुदेव के नाम से अधिक प्रसिद्ध थे। वे एक महान भारतीय कवि थे, जिन्होंने देश के लिए प्रसिद्ध लेखन कार्य किया। बंगाल, वे कोलकाता में बाद एक महानतम कवि थे। आज भी, वे पूरी दुनिया में एक महानतम कवि और एक लेखक के रूप में प्रसिद्ध हैं।

उनका जन्म महर्षि देवेन्द्रनाथ टैगोर (पिता) और शारदा देवी (माता) के घर 1861 में 7 मई को कोलकाता के जोरासांको में एक अमीर और सुव्यवस्थित परिवार में हुआ था। 1875 में जब वे केवल 14 वर्ष के थे, इनकी माता का देहांत हो गया था।

बहुत ही कम उम्र में उन्होंने कविता लिखने की अपनी रुचि को विकसित कर लिया था। वे चित्रकार, दार्शनिक, देशभक्त, शिक्षाविद, उपन्यासकार, निबंध लेखक, कहानीकार और रचनात्मक कलाकार भी थे।

 

Correct Answer: (d) 7 मई 1861
Solution:दिए गए गद्यांश से स्पष्ट है कि, रवीन्द्रनाथ टैगोर का जन्म "7 मई 1861" को कोलकाता के जोरासांको में हुआ था।

100. रवीन्द्रनाथ टैगोर को नोबेल पुरस्कार किस रचना के लिये मिला?

निर्देश : 

एक गद्यांश दिया गया है। गद्यांश के आधार पर पाँच प्रश्न दिए गए हैं। गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़ें तथा प्रत्येक प्रश्न के चार विकल्पों में से सही विकल्प चुनें।

रवीन्द्रनाथ टैगोर एक महान भारतीय कवि थे। उनका जन्म 7 मई 1861 में कोलकाता के जोरासांको में हुआ था। उनके माता-पिता का नाम देवेन्द्रनाथ टैगोर (पिता) और शारदा देवी टैगोर (माता) था। उन्होंने अपनी शिक्षा घर में ही विभिन्न विषयों में निजी शिक्षकों के संरक्षण में ली। कविता लेखन की रुचि उनकी बाल्यावस्था से ही थी। वे एक कवि, लेखक, नाटककार, चित्रकार, संगीतकार और दर्शनशास्त्री भी थे। वे पहले ऐसे भारतीय बने जिन्हें "गीतांजलि" नामक अपने महान लेखन के लिए 1913 में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया। वे एक दार्शनिक, एक चित्रकार और एक महान देशभक्त भी थे जिन्होंने हमारे देश के राष्ट्रगान "जन गण मन" की रचना की।

टैगोर गुरुदेव के नाम से अधिक प्रसिद्ध थे। वे एक महान भारतीय कवि थे, जिन्होंने देश के लिए प्रसिद्ध लेखन कार्य किया। बंगाल, वे कोलकाता में बाद एक महानतम कवि थे। आज भी, वे पूरी दुनिया में एक महानतम कवि और एक लेखक के रूप में प्रसिद्ध हैं।

उनका जन्म महर्षि देवेन्द्रनाथ टैगोर (पिता) और शारदा देवी (माता) के घर 1861 में 7 मई को कोलकाता के जोरासांको में एक अमीर और सुव्यवस्थित परिवार में हुआ था। 1875 में जब वे केवल 14 वर्ष के थे, इनकी माता का देहांत हो गया था।

बहुत ही कम उम्र में उन्होंने कविता लिखने की अपनी रुचि को विकसित कर लिया था। वे चित्रकार, दार्शनिक, देशभक्त, शिक्षाविद, उपन्यासकार, निबंध लेखक, कहानीकार और रचनात्मक कलाकार भी थे।

 

Correct Answer: (c) गीतांजलि
Solution:दिए गए गद्यांश से स्पष्ट है कि, रवीन्द्रनाथ टैगोर को नोबेल पुरस्कार "गीतांजलि" के लिए 1913 में सम्मानित किया गया था।