भाषा भावों की वाहिका और विचारों का माध्यम होती है। अतएव किसी भी जाति अथवा राष्ट्र का भावोत्कर्ष और विचारों की समर्थता उसकी भाषा से स्पष्ट होती है। जब से मनुष्य ने इस भूमंडल पर होश संभाला है, तभी से भाषा की आवश्यकता रही है। भाषा व्यक्ति को व्यक्ति से, जाति को जाति से तथा राष्ट्र को राष्ट्र से मिलाती है। भाषा द्वारा ही राष्ट्र को एकता के सूत्र में पिरोया जा सकता है। राष्ट्र को सक्षम और धनवान बनाने के लिए भाषा और साहित्य की सम्पन्नता और उसका विकास परमावश्यक है।
Correct Answer: (b) चेतना
Solution:उपर्युक्त गद्यांश में दिये गए 'होश' शब्द का अर्थ 'चेतना' है। 'होश' शब्द के अन्य अर्थ है- स्मरण, सुध, याद, स्मृति इत्यादि।