दिल्ली सल्तनत : गुलाम वंश (UPPCS)

Total Questions: 37

31. अपनी शक्ति को समेकित करने के बाद बलबन ने भव्य उपाधि धारण की- [I.A.S. (Pre) 1997]

Correct Answer: (c) जिल्ले-इलाही
Solution:बलबन ने फारस के लोक-प्रचलित वीरों से प्रेरणा लेकर अपना राजनीतिक आदर्श निर्मित किया था। उनका अनुकरण करते हुए उसने राजत्व की प्रतिष्ठा को उच्च सम्मान दिलाने का प्रयत्न किया। राजा को धरती पर ईश्वर का प्रतिनिधि 'नियामत-ए-खुदाई' माना गया। बलबन के अनुसार, मान-मर्यादा में वह केवल पैगंबर के बाद है। राजा 'जिल्ले अल्लाह' या 'जिल्ले इलाही' अर्थात 'ईश्वर का प्रतिबिंब' है।

32. वह प्रथम मुस्लिम शासक कौन था, जिसने शासन के सिद्धांत (Theory Of Kingship) को राजाओं के ईश्वरीय अधिकार सिद्धांत (Theory Of Divine Right) के समान प्रतिपादित किया था? [63rd B.P.S.C. (Pre) 2017]

Correct Answer: (c) बलबन
Solution:बलबन ने फारस के लोक-प्रचलित वीरों से प्रेरणा लेकर अपना राजनीतिक आदर्श निर्मित किया था। उनका अनुकरण करते हुए उसने राजत्व की प्रतिष्ठा को उच्च सम्मान दिलाने का प्रयत्न किया। राजा को धरती पर ईश्वर का प्रतिनिधि 'नियामत-ए-खुदाई' माना गया। बलबन के अनुसार, मान-मर्यादा में वह केवल पैगंबर के बाद है। राजा 'जिल्ले अल्लाह' या 'जिल्ले इलाही' अर्थात 'ईश्वर का प्रतिबिंब' है।

33. निम्नलिखित में से किसने भारत में प्रसिद्ध फारसी त्यौहार 'नौरोज' को आरंभ करवाया ? [I.A.S. (Pre) 1993]

Correct Answer: (a) बलबन
Solution:अपने दरबार के लिए बलबन ने एक बड़े सुल्तान के दरबार के अनुरूप नियम बनाए और उन्हें कठोरता से लागू किया। इस क्षेत्र में उसका आदर्श ईरानी बादशाह थे और उसने उनकी कई परंपराओं को अपने दरबार में आरंभ किया। उसने सिजदा (भूमि पर लेटकर अभिवादन करना) और पाबोस (सुल्तान के चरणों को चूमना) की प्रथा आरंभ की। उसने अपने दरबार में प्रतिवर्ष फारसी त्यौहार 'नौरोज' बड़ी शानो-शौकत के साथ मनाने की प्रथा आरंभ की।

34. इनमें से किसने भारत में फारसी त्योहार नौरोज की शुरुआत की? [69th B.P.S.C (Pre) 2023]

Correct Answer: (c) बलबन
Solution:अपने दरबार के लिए बलबन ने एक बड़े सुल्तान के दरबार के अनुरूप नियम बनाए और उन्हें कठोरता से लागू किया। इस क्षेत्र में उसका आदर्श ईरानी बादशाह थे और उसने उनकी कई परंपराओं को अपने दरबार में आरंभ किया। उसने सिजदा (भूमि पर लेटकर अभिवादन करना) और पाबोस (सुल्तान के चरणों को चूमना) की प्रथा आरंभ की। उसने अपने दरबार में प्रतिवर्ष फारसी त्यौहार 'नौरोज' बड़ी शानो-शौकत के साथ मनाने की प्रथा आरंभ की।

35. निम्नलिखित में से कौन-सा कथन बलबन के संबंध में सही नहीं है? [Chhattisgarh P.C.S. (Pre) 2008]

Correct Answer: (b) उसने इक्तादारी व्यवस्था का प्रारंभ किया।
Solution:बलबन का वास्तविक नाम बहाउद्दीन था। नासिरुद्दीन महमूद ने उसे 'उलुग खां' की उपाधि दी थी। 'जिल्ले अल्लाह' की उपाधि उसने स्वयं धारण की थी। उसका शासनकाल 1266 से 1286 ई. तक था। बलबन अपने राजत्व संबंधी विचारों के लिए प्रसिद्ध है। उसके राजत्व के सिद्धांत का स्वरूप और सार फारस के राजत्व से प्रेरित था। बलबन ने राजा को नियामते खुदाई (ईश्वर का प्रतिनिधि) बताया है। सत्ता ग्रहण करने के बाद बलबन ने इल्तुतमिश द्वारा गठित 'तुर्कान-ए-चहलगानी' को समाप्त किया। बलबन के काल में एकमात्र विद्रोह 1279 ई. में बंगाल के सूबेदार तुगरिल खां ने किया था, जिसे बलबन ने दबाया तथा विद्रोहियों को मृत्युदंड दिया। इक्तादारी व्यवस्था का प्रचलन बलबन ने नहीं, बल्कि इल्तुतमिश ने किया था।

36. निम्नलिखित सुल्तानों में से किसने गढ़मुक्तेश्वर की मस्जिद की दीवारों पर अपने शिलालेख में स्वयं को 'खलीफा का सहायक' कहा है? [U.P.R.O./A.R.O. (Mains) 2014]

Correct Answer: (a) बलबन
Solution:बलबन ने गढ़मुक्तेश्वर के मस्जिद के दीवारों पर उत्कीर्ण शिलालेख पर स्वयं को 'खलीफा का सहायक' कहा है।

37. तुगरिल खां ने किसके शासनकाल के दौरान विद्रोह किया था? [67th B.P.S.C. (Pre) (Re. Exam) 2022]

Correct Answer: (a) बलबन
Solution:तुगरिल खां ने बलबन के काल में विद्रोह किया था। यह विद्रोह बंगाल में अमीन खान की नियुक्ति के विरोध में हुआ था। कालांतर में बलबन के बंगाल अभियान से डरकर तुगरिल भाग गया।