दिल्ली सल्तनत (मध्यकालीन भारतीय इतिहास) (भाग-II)

Total Questions: 26

11. तारीख-ए-फ़िरोजशाही के लेखक कौन हैं? [CGL (T-I) 17 जुलाई, 2023 (III-पाली)]

Correct Answer: (d) जियाउद्दीन बरनी
Solution:जियाउद्दीन बरनी तारीख-ए-फ़िरोजशाही (Tarikh-i-Firozshahi) के लेखक हैं। यह फ़ारसी भाषा में लिखा गया एक महत्वपूर्ण ऐतिहासिक वृत्तांत है, जो दिल्ली सल्तनत के इतिहास को गयासुद्दीन बलबन के शासनकाल से शुरू करके फ़िरोज शाह तुगलक के शासनकाल के छठे वर्ष तक कवर करता है।

बरनी एक समकालीन इतिहासकार थे और मुहम्मद बिन तुगलक और फ़िरोज शाह तुगलक के दरबार से जुड़े थे। उनका यह ग्रंथ तुगलक काल के राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक इतिहास को समझने का एक महत्वपूर्ण स्रोत है।

12. दीवान-ए-अर्ज दिल्ली सल्तनत के अधीन ....... का एक विभाग था। [CGL (T-I) 18 जुलाई, 2023 (IV-पाली)]

Correct Answer: (a) सैन्य सेवा
Solution:दीवान-ए-अर्ज (Diwan-i-Arz) दिल्ली सल्तनत के अधीन सैन्य सेवा या रक्षा का एक विभाग था। इस विभाग का प्रमुख आरिज-ए-मुमालिक (Ariz-i-Mumalik) कहलाता था।

आरिज-ए-मुमालिक का मुख्य कार्य सेना की भर्ती करना, सैनिकों को वेतन देना (हालांकि नकद वेतन अलाउद्दीन खिलजी ने शुरू किया था), घोड़ों का निरीक्षण करना, और युद्ध के दौरान सेना को संगठित करना था। इस विभाग को सुल्तान गयासुद्दीन बलबन ने सेना को अधिक संगठित और प्रभावी बनाने के लिए स्थापित किया था।

13. दिल्ली सल्तनत की निम्नलिखित में से किस प्रणाली/व्यवस्था का बहमनी और विजयनगर साम्राज्यों पर प्रभाव था? [CGL (T-I) 17 जुलाई, 2023 (I-पाली)]

Correct Answer: (c) इक्तादारी
Solution:दिल्ली सल्तनत की इक्तादारी प्रणाली (Iqtadari System) का प्रभाव दक्षिण के बहमनी और विजयनगर साम्राज्यों पर स्पष्ट रूप से पड़ा। इक्तादारी व्यवस्था में, सुल्तान अपने अधिकारियों को वेतन के बदले भूमि का एक टुकड़ा (इक्ता) देता था, जहाँ से वे राजस्व वसूलते थे।

बहमनी साम्राज्य में यह व्यवस्था जागीरदारी प्रणाली में विकसित हुई। विजयनगर में, यह प्रणाली नायन्कर प्रणाली (Nayankar System) के रूप में विकसित हुई, जिसमें सेनापतियों को उनकी सेवाओं के बदले राजस्व अधिकार दिए जाते थे, जो इक्ता प्रणाली से काफी मिलती-जुलती थी।

14. निम्नलिखित में से कौन दिल्ली सल्तनत के अधीन दीवान-ए-इंशा विभाग का प्रमुख था? [CGL. (T-I) 26 जुलाई, 2023 (II-पाली)]

Correct Answer: (c) दबीर-ए-खास
Solution:दिल्ली सल्तनत के अधीन दीवान-ए-इंशा (Diwan-i-Insha) विभाग का प्रमुख दबीर-ए-खास (Dabir-i-Khas) कहलाता था। दीवान-ए-इंशा शाही पत्राचार और सरकारी दस्तावेजों (शाही फरमान, घोषणाएँ आदि) को तैयार करने और रिकॉर्ड रखने का प्रभारी विभाग था।

दबीर-ए-खास का कार्य शाही आदेशों को सटीक रूप से मसौदा तैयार करना और उन्हें जारी करना होता था। वह सुल्तान और अन्य राज्यों के शासकों या अधिकारियों के बीच संपर्क का मुख्य केंद्र भी था।

15. दिल्ली सल्तनत के दौरान "उलेमा" शब्द का संबंध ....... से था। [MTS (T-I) 03 मई, 2023 (II-पाली)]

Correct Answer: (d) विद्वान धर्मशास्त्री और न्यासी-शास्त्री
Solution:दिल्ली सल्तनत के दौरान "उलेमा" (Ulama) शब्द का संबंध विद्वान धर्मशास्त्रियों और न्यासी-शास्त्रियों (इस्लामी कानूनविदों) से था। उलेमा वर्ग धार्मिक और न्यायिक मामलों में सुल्तान को सलाह देता था और इस्लामी कानूनों (शरियत) की व्याख्या करता था।

वे न्याय विभाग (काजी) और शिक्षा संस्थानों में महत्वपूर्ण पदों पर होते थे। यह वर्ग सुल्तान की सत्ता को धार्मिक वैधता प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता था, लेकिन कई बार ये अपनी शक्ति के लिए सुल्तान के लिए एक चुनौती भी बन जाते थे।

16. अनंग पाल किस राजवंश के शासक थे? [MTS (T-I) 13 जून, 2023 (III-पाली)]

Correct Answer: (b) राजपूत राजवंश
Solution:अनंग पाल (Anangpal) मुख्य रूप से तोमर वंश के शासक थे, जो राजपूत राजवंशों के समूह का हिस्सा था। तोमर राजपूतों ने 8वीं से 12वीं शताब्दी तक दिल्ली और उसके आसपास के क्षेत्रों पर शासन किया। अनंग पाल द्वितीय को दिल्ली (ढिल्लिका) के संस्थापक के रूप में श्रेय दिया जाता है।

उन्हें ऐतिहासिक रूप से उस स्थान पर शासन करने के लिए जाना जाता है जहाँ वर्तमान दिल्ली शहर स्थित है, और पृथ्वीराज चौहान उनके रिश्तेदार थे।

17. मध्यकालीन भारत के निम्नलिखित संगीतकारों में से किसे 'तूती-ए-हिंद (Tuti-e-Hind) कहा जाता है और कव्याली का जनक भी माना जाता है? [MTS (T-I) 12 सितंबर, 2023 (I-पाली)]

Correct Answer: (d) अमीर खुसरो
Solution:प्रसिद्ध संगीतकार और कवि अमीर खुसरो को 'तूती-ए-हिंद' (भारत का तोता) कहा जाता है। वह दिल्ली सल्तनत के दौरान सात से अधिक सुल्तानों के दरबार से जुड़े थे। उन्हें कव्वाली संगीत शैली का जनक माना जाता है, जो भारतीय और फारसी संगीत शैलियों के मिश्रण से विकसित हुई। खुसरो को सितार और तबला जैसे वाद्य यंत्रों के आविष्कार का श्रेय भी दिया जाता है।

18. यात्री इब्न बतूता निम्नलिखित में से किस देश से था? [CHSL (T-I) 8 अगस्त, 2023 (I-पाली)]

Correct Answer: (d) मोरक्को
Solution:प्रसिद्ध यात्री और लेखक इब्न बतूता (Ibn Battuta) अफ्रीका के मोरक्को देश के तंजियर (Tangier) शहर से था। वह मुहम्मद बिन तुगलक के शासनकाल (लगभग 1333 ई.) के दौरान भारत आया था और सुल्तान ने उसे दिल्ली का काज़ी (न्यायाधीश) नियुक्त किया था।

उसने अपने यात्रा वृत्तांत 'किताब-उल-रेहला' में दिल्ली सल्तनत और मुहम्मद बिन तुगलक के शासनकाल का विस्तृत वर्णन किया है।

19. दिल्ली के सुल्तानों ने उस क्षेत्र में कई शहरों का निर्माण किया, जो आज दिल्ली के नाम से जाना जाता है। निम्नलिखित में से कौन-सा उनके द्वारा नहीं बनाया गया था? [दिल्ली पुलिस कांस्टेबिल 22 नवंबर, 2023 (I-पाली)]

Correct Answer: (b) लाल कोट
Solution:लाल कोट दिल्ली के सुल्तानों द्वारा नहीं बनाया गया था। यह किला अनंग पाल द्वितीय नामक तोमर शासक द्वारा 11वीं शताब्दी में बनवाया गया था, जो दिल्ली सल्तनत की स्थापना (1206 ई.) से काफी पहले का है। सुल्तानों द्वारा बनाए गए शहरों में सिरी (अलाउद्दीन खिलजी), तुगलकाबाद (गयासुद्दीन तुगलक), और जहाँपनाह (मुहम्मद बिन तुगलक) शामिल हैं। कुतुबुद्दीन ऐबक ने लाल कोट को विस्तारित करके किला राय पिथौरा का निर्माण करवाया।

20. निम्नलिखित में से किसे विशेष रूप से दिल्ली सल्तनत के सैन्य संगठन की देखभाल के लिए स्थापित किया गया था? [दिल्ली पुलिस कांस्टेबिल 21 नवंबर, 2023 (I-पाली)]

Correct Answer: (c) दीवान-ए-अर्ज
Solution:दीवान-ए-अर्ज (Diwan-i-Arz) को विशेष रूप से दिल्ली सल्तनत के सैन्य संगठन की देखभाल के लिए स्थापित किया गया था। इस विभाग का मुख्य कार्य सेना की भर्ती करना, सैनिकों के वेतन का भुगतान (नकद या इक्ता के माध्यम से), घोड़ों का निरीक्षण करना, और सेना को युद्ध के लिए तैयार रखना था।

इस विभाग की स्थापना सुल्तान गयासुद्दीन बलबन ने केंद्रीय सेना को मजबूत और प्रभावी बनाने के लिए की थी।