दिल्ली सल्तनत (मध्यकालीन भारतीय इतिहास) (भाग-I)

Total Questions: 50

1. दिल्ली सल्तनत काल के दौरान 'नौरोज' मनाने की प्रथा किसने प्रारंभ की थी? [CHSL (T-I) 07 अगस्त, 2023 (III-पाली)]

Correct Answer: (d) गयासुद्दीन बलबन
Solution:गयासुद्दीन बलबन गयासुद्दीन बलबन (1266-1287 ई.) ने दिल्ली सल्तनत में नौरोज (पारंपरिक फारसी नव वर्ष उत्सव) मनाने की प्रथा शुरू की थी।

यह प्रथा उसके राजत्व के ईरानी सिद्धांत का हिस्सा थी। बलबन ने यह उत्सव दरबार की भव्यता और सुल्तान की प्रतिष्ठा को बढ़ाने के लिए अपनाया, जिससे वह स्वयं को आम जनता से ऊपर एक दैवीय शासक के रूप में स्थापित कर सके। यह फारसी रीति-रिवाज दिल्ली सल्तनत के दरबार को प्रभावशाली और अनुशासित बनाने के लिए लागू किए गए थे, जो उसकी लौह एवं रक्त की नीति के अनुरूप था।

2. बलबन ने निम्नलिखित में से दिल्ली के किस सुल्तान के नायब के रूप में कार्य किया? [CHSI (T-I) 07 अगस्त, 2023 (IV-पाली)]

Correct Answer: (b) नासिरुद्दीन महमूद
Solution: नासिरुद्दीन महमूद गयासुद्दीन बलबन ने सुल्तान नासिरुद्दीन महमूद (1246-1266 ई.) के अधीन 'नायब-ए-ममलकत' (उपराजप्रतिनिधि) के रूप में कार्य किया।

नासिरुद्दीन महमूद एक धर्मपरायण और कमजोर शासक था, जिसने शासन की वास्तविक शक्तियाँ बलबन को सौंप दी थीं। लगभग बीस वर्षों तक, बलबन ने नायब के रूप में कार्य करते हुए अपनी शक्ति और प्रभाव को बढ़ाया। इस दौरान उसने 'चालीस तुर्की गुलामों का समूह' (चहलगानी या तुर्कान-ए-चहलगानी) को कमजोर किया और अपनी स्थिति को सुदृढ़ किया, जिसने उसे बाद में सुल्तान बनने का मार्ग प्रशस्त किया।

3. हौज-ए-सुल्तानी (Hauz-i-Sultani) का निर्माण ....... ने करवाया था। [MTS (T-I) 17 मई, 2023 (II-पाली)]

Correct Answer: (c) इल्तुतमिश
Solution:इल्तुतमिश हौज-ए-सुल्तानी (Hauz-i-Sultani), जिसे हौज-ए-शम्सी के नाम से भी जाना जाता है, का निर्माण शमसुद्दीन इल्तुतमिश (1211-1236 ई.) ने करवाया था। यह एक विशाल जलाशय था जो दिल्ली के पास महरौली में स्थित था। दिल्ली की बढ़ती आबादी के लिए जल आपूर्ति की आवश्यकता को पूरा करने के लिए इसका निर्माण किया गया था।

इल्तुतमिश ने दिल्ली को अपनी राजधानी बनाने के बाद कई महत्त्वपूर्ण निर्माण कार्य करवाए, जिनमें यह जलाशय भी शामिल है। यह दिल्ली सल्तनत के शुरुआती शासकों द्वारा सार्वजनिक कल्याण और बुनियादी ढाँचे पर ध्यान देने का एक महत्वपूर्ण उदाहरण है।

4. निम्नलिखित में से किसने दिल्ली के सुल्तान बलबन के विरुद्ध विद्रोह किया और स्वयं को 1279 में बंगाल का स्वतंत्र शासक घोषित किया? [CGL (T-I) 27 जुलाई, 2023 (I-पाली)]

Correct Answer: (d) तुगरिल बेग
Solution:तुगरिल बेग तुगरिल बेग ने 1279 ईस्वी में दिल्ली के सुल्तान गयासुद्दीन बलबन के विरुद्ध विद्रोह किया। वह बंगाल का राज्यपाल था। तुगरिल बेग ने सुल्तान की कमजोरियों का फायदा उठाकर स्वयं को स्वतंत्र शासक घोषित कर दिया और 'मुगिसुद्दीन' की उपाधि धारण की।

बलबन ने इस विद्रोह को अपनी संप्रभुता के लिए गंभीर खतरा माना। उसने विद्रोह को दबाने के लिए एक बड़ा सैन्य अभियान चलाया और अंततः तुगरिल बेग को पकड़वाकर कठोरता से मार डाला। यह घटना दिल्ली सल्तनत में केंद्र सरकार के विरुद्ध सबसे बड़े विद्रोहों में से एक थी।

5. गियासुद्दीन बलबन ने ....... शिष्टाचार के एक भाग के रूप में राजा को अभिवादन के सामान्य रूपों के रूप में 'सिजदा' और 'पायबोस' के रीति-रिवाजों की शुरुआत की। [CHSL (T-I) 4 अगस्त, 2023 (II-पाली)]

Correct Answer: (c) अदालत
Solution:अदालत गियासुद्दीन बलबन ने 'सिजदा' (घुटनों पर झुककर और माथा टेककर अभिवादन) और 'पायबोस' (सुल्तान के पैरों को चूमना) की रीति-रिवाजों की शुरुआत अदालत (दरबार) शिष्टाचार के एक भाग के रूप में की थी। ये दोनों ही फारसी परंपराएँ थीं।

बलबन का उद्देश्य इन रीति-रिवाजों के माध्यम से सुल्तान की प्रतिष्ठा को ऊँचा करना और दरबार में सख्त अनुशासन स्थापित करना था। ये प्रथाएँ उसके दैवीय राजत्व सिद्धांत को दर्शाती थीं, जिसके तहत सुल्तान को 'ईश्वर का प्रतिनिधि (जिल्ले-इलाही)' माना जाता था। ये रस्में सुल्तान के सामने सभी की अधीनता और सम्मान को सुनिश्चित करती थीं।

6. दिल्ली के निम्नलिखित सुल्तानों में से किस सुल्तान ने सिजदा और पैबोस की व्यवस्था शुरू की थी? [CGI. (T-I) 21 जुलाई, 2023 (II-पाली), CGL (T-I) 26 जुलाई, 2023 (III-पाली)]

Correct Answer: (a) गयासुद्दीन बलबन
Solution:गयासुद्दीन बलबन दिल्ली सल्तनत के सुल्तान गयासुद्दीन बलबन ने सिजदा (घुटने टेककर अभिवादन) और पैबोस (सुल्तान के पैर चूमना) की प्रथाओं की शुरुआत की थी। ये प्रथाएँ फारसी परंपराओं से ली गई थीं और बलबन के राजत्व के सिद्धांत का एक महत्त्वपूर्ण हिस्सा थीं।

बलबन का मानना था कि सुल्तान 'ईश्वर का प्रतिनिधि (जिल्ले-इलाही)' है, और इन प्रथाओं को दरबार में लागू करने का मुख्य उद्देश्य सुल्तान की प्रतिष्ठा और शक्ति को बढ़ाना था। इसका परिणाम यह हुआ कि सुल्तान का दरबार अत्यंत अनुशासित, औपचारिक और भव्य बन गया।

7. कुतुब मीनार ....... आर्किटेक्चर का एक उदाहरण है। [CHSL (T-I) 21 मार्च, 2023 (II-पाली)]

Correct Answer: (b) इंडो-इस्लामिक
Solution:इंडो-इस्लामिक कुतुब मीनार और उसके आस-पास के स्मारक, जैसे कुव्वत-उल-इस्लाम मस्जिद, इंडो-इस्लामिक आर्किटेक्चर (वास्तुकला) का एक उत्कृष्ट उदाहरण है। इंडो-इस्लामिक शैली वह वास्तुकला शैली है जो 12वीं शताब्दी के बाद भारत में इस्लामी शासकों के आगमन के साथ विकसित हुई।

यह भारतीय (जैसे कमल की डिज़ाइन और हिंदू मंदिर वास्तुकला के तत्व) और इस्लामी (जैसे मेहराब, गुंबद, और सुलेख) स्थापत्य परंपराओं के मेल से बनी है। कुतुब मीनार में लाल बलुआ पत्थर और संगमरमर का उपयोग, इसकी ऊँचाई, और इस पर कुरान की आयतों का सुलेखन इस शैली की विशिष्टता को दर्शाता है।

8. निम्नलिखित में से किस शहर में कुव्वत-उल-इस्लाम मस्जिद स्थित है? [CHSL (T-I) 27 जुलाई, 2023 (II-पाली)]

Correct Answer: (a) दिल्ली
Solution:दिल्ली कुव्वत-उल-इस्लाम मस्जिद भारत के दिल्ली शहर में स्थित है। यह मस्जिद कुतुब मीनार परिसर का एक हिस्सा है और इसे कुतुबुद्दीन ऐबक ने 1192 ईस्वी में बनवाया था।

जो इसे उत्तरी भारत में स्थापित होने वाली सबसे शुरुआती और सबसे पुरानी मस्जिदों में से एक बनाती है। इसका निर्माण हिंदू और जैन मंदिरों के अवशेषों पर किया गया था, जिसके कारण इसमें प्रारंभिक इंडो-इस्लामिक वास्तुकला का एक अनूठा मिश्रण देखने को मिलता है। इस मस्जिद का नाम, जिसका अर्थ है 'इस्लाम की शक्ति', भारत में मुस्लिम शासन की शुरुआत का प्रतीक है।

9. भारत में मामलुक राजवंश का संस्थापक कौन था? [CHSL (T-I) 5 अगस्त, 2021 (III-पाली)]

Correct Answer: (d) कुतुबुद्दीन ऐबक
Solution:कुतुबुद्दीन ऐबक भारत में मामलुक राजवंश (गुलाम वंश) का संस्थापक कुतुबुद्दीन ऐबक (1206-1210 ई.) था। वह मुहम्मद गोरी का एक तुर्की गुलाम था, जो उसकी मृत्यु के बाद 1206 ईस्वी में स्वतंत्र शासक बना। 'मामलुक' शब्द का अर्थ है 'गुलाम'। हालांकि, इल्तुतमिश को इस वंश का वास्तविक संस्थापक माना जाता है, जिसने दिल्ली सल्तनत को एक मजबूत आधार प्रदान किया। ऐबक ने ही कुतुब मीनार और कुव्वत-उल-इस्लाम मस्जिद जैसे स्मारकों का निर्माण शुरू करवाया था।

10. ....... की जीत ने भारत में दिल्ली सल्तनत की आधारशिला रखी। [दिल्ली पुलिस कांस्टेबिल 30 नवंबर, 2023 (II-पाली)]

Correct Answer: (b) तुर्कों
Solution:तुर्कों तुर्कों की जीत ने भारत में दिल्ली सल्तनत की आधारशिला रखी। विशेष रूप से मुहम्मद गोरी की विजयों (जैसे 1192 ईस्वी में तराइन का दूसरा युद्ध) और उसके बाद उसके सेनापतियों द्वारा भारतीय क्षेत्रों पर नियंत्रण स्थापित करने के कारण। मुहम्मद गोरी की मृत्यु के बाद, उसके तुर्की गुलाम सेनापति कुतुबुद्दीन ऐबक ने 1206 ईस्वी में स्वतंत्र रूप से शासन करना शुरू किया, जिससे गुलाम वंश (मामलुक) की स्थापना हुई।

इसके बाद के राजवंश (खिलजी, तुगलक, सैयद और लोदी) भी मूल रूप से तुर्की या अफगान मूल के थे, लेकिन तुर्कों द्वारा की गई प्रारंभिक विजयों ने ही इस सल्तनत की नींव रखी थी।