दिल्ली सल्तनत (मध्यकालीन भारतीय इतिहास) (भाग-I)

Total Questions: 50

11. इल्तुतमिश का कुतुबुद्दीन ऐबक से क्या संबंध था? [दिल्ली पुलिस कांस्टेबिल 15 नवंबर, 2023 (III-पाली)]

Correct Answer: (a) दामाद
Solution:इल्तुतमिश (शमसुद्दीन इल्तुतमिश) कुतुबुद्दीन ऐबक का दामाद था। ऐबक ने पहले इल्तुतमिश को एक गुलाम के रूप में खरीदा था, लेकिन उसकी योग्यता से प्रभावित होकर उसे गुलामी से मुक्त किया और अपनी बेटी से उसका विवाह कर दिया। यह संबंध इल्तुतमिश के राजनीतिक करियर के लिए निर्णायक साबित हुआ।

ऐबक की मृत्यु के बाद, इल्तुतमिश ने दिल्ली सल्तनत के सिंहासन पर कब्ज़ा किया (1211 ई.), और उसे गुलाम वंश का वास्तविक संस्थापक माना गया, जिसने सल्तनत को एक स्वतंत्र और सुदृढ़ आधार प्रदान किया।

12. इल्बारी वंश (दिल्ली सल्तनत) का प्रथम शासक कौन था? [MTS (T-I) 11 जुलाई, 2022 (II-पाली]

Correct Answer: (d) इल्तुतमिश
Solution:गुलाम वंश (मामलुक राजवंश) के भीतर, इल्तुतमिश उस विशिष्ट उप-वंश का प्रथम शासक था, जिसे इतिहासकारों ने इल्बारी वंश नाम दिया है। इल्तुतमिश स्वयं इल्बारी तुर्क जनजाति से संबंधित था।

हालाँकि कुतुबुद्दीन ऐबक ने गुलाम वंश की नींव रखी थी, लेकिन इल्तुतमिश ही था जिसने दिल्ली को सल्तनत की स्थायी राजधानी बनाया, मुद्रा प्रणाली (टंका और जीतल) शुरू की, और 'चालीस तुर्कों का दल' (चहलगानी) बनाकर अपने शासन को संस्थागत रूप दिया।

13. किसने बदायूं (1197-98 ई.) पर कब्जा करके इल्तुतमिश को वहां के पहले मुस्लिम गवर्नर के रूप में नियुक्त किया? [MTS (T-I) 12 मई. 2023 (III-पाली)]

Correct Answer: (b) कुतुबुद्दीन ऐबक
Solution:कुतुबुद्दीन ऐबक ने 1197-98 ईस्वी में बदायूं पर विजय प्राप्त करने के बाद अपने योग्य गुलाम और दामाद इल्तुतमिश को वहाँ का पहला मुस्लिम गवर्नर (मुक्ति/इकतादार) नियुक्त किया।

बदायूं उस समय उत्तरी भारत में एक महत्वपूर्ण और रणनीतिक सैन्य और प्रशासनिक केंद्र था। इल्तुतमिश ने इस पद पर रहते हुए अपनी प्रशासनिक और सैन्य क्षमता का प्रदर्शन किया, जिससे उसकी प्रतिष्ठा और शक्ति में वृद्धि हुई, और वह अंततः दिल्ली सल्तनत का सिंहासन हासिल करने में सफल रहा।

14. निम्नलिखित में से किसने सल्तनत काल के दो मूल सिक्के 'चांदी का टंका' (silver tanka) और 'तांबे का जीतल' (copper jital) चलवाया था? [MTS (T-I) 02 मई, 2023 (II-पाली)]

Correct Answer: (c) इल्तुतमिश
Solution:सुल्तान इल्तुतमिश (1211-1236 ई.) को दिल्ली सल्तनत के मुद्रा सुधारों का जनक माना जाता है। उसने चाँदी का टंका और ताँबे का जीतल नामक दो मूल सिक्के चलवाए। ये सिक्के शुद्ध अरबी शैली में ढाले गए थे और इन पर टकसाल का नाम लिखा होता था। इन सिक्कों ने सल्तनत की मुद्रा प्रणाली को व्यवस्थित किया और दिल्ली सल्तनत को एक स्वतंत्र, संप्रभु राज्य के रूप में स्थापित करने में मदद की।

15. रजिया को दिल्ली सल्तनत के सिंहासन से किस वर्ष हटाया गया था? [CHSL (T-I) 09 मार्च, 2023 (I-पाली)]

Correct Answer: (a) 1240
Solution:दिल्ली की पहली महिला मुस्लिम शासक रजिया सुल्तान को 1240 ईस्वी में तुर्की सरदारों (जिन्हें 'चालीस का दल' या चहलगानी कहा जाता था) द्वारा किए गए विद्रोह के माध्यम से सिंहासन से हटाया गया था।

रजिया ने 1236 ईस्वी से 1240 ईस्वी तक लगभग साढ़े तीन वर्षों तक शासन किया। तुर्की अमीर एक महिला के प्रभुत्व और शासन को स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं थे, और उन्होंने उसकी हत्या करके उसके भाई बहराम शाह को सिंहासन पर बैठाया।

16. सुल्ताना रजिया के पिता कौन थे? [कांस्टेबल GD 13 फरवरी, 2019 (II-पाली)]

Correct Answer: (a) इल्तुतमिश
Solution:सुल्ताना रजिया (रजिया-उद-दीन सुल्तान) के पिता शमसुद्दीन इल्तुतमिश थे। इल्तुतमिश ने अपने बेटों को अक्षम मानते हुए, रजिया की प्रशासनिक और सैन्य क्षमताओं को देखते हुए, उसे अपना उत्तराधिकारी घोषित किया था। यह मध्यकालीन इतिहास में एक अभूतपूर्व निर्णय था, जिसके कारण बाद में रजिया को तुर्की अमीरों के भारी विरोध का सामना करना पड़ा।

17. भारत की पहली महिला मुस्लिम शासक कौन थी? [CHSL (T-I) 10 मार्च, 2023 (II-पाली)]

Correct Answer: (a) रजिया सुल्तान
Solution:रजिया सुल्तान (1236-1240 ईस्वी) भारत की पहली और एकमात्र महिला मुस्लिम शासक थीं, जिन्होंने दिल्ली के सिंहासन पर शासन किया। उन्होंने पर्दा प्रथा का त्याग करके पुरुषों के वेश (चोगा और टोपी) में दरबार में उपस्थित होकर सीधे शासन किया। उनकी प्रशासनिक और सैन्य क्षमताएँ उच्च थीं, लेकिन एक महिला शासक के रूप में उनकी पहचान उस समय के पितृसत्तात्मक तुर्की सरदारों के लिए अस्वीकार्य थी, जो उनके पतन का कारण बना।

18. दिल्ली सल्तनत काल के दौरान 'नौरोज' मनाने की प्रथा किसने प्रारंभ की थी? [CHSL (T-I) 07 अगस्त, 2023 (III-पाली)]

Correct Answer: (d) गयासुद्दीन बलबन
Solution:सुल्तान गयासुद्दीन बलबन (1266-1287 ई.) ने दिल्ली सल्तनत में नौरोज (पारंपरिक फारसी नव वर्ष उत्सव) मनाने की प्रथा प्रारंभ की। यह प्रथा उसके राजत्व के ईरानी सिद्धांत का हिस्सा थी।

बलबन ने यह भव्य उत्सव इसलिए अपनाया ताकि सुल्तान की प्रतिष्ठा को दैवीय सम्मान और भव्यता मिल सके, जिससे दरबार में कठोर अनुशासन स्थापित हो सके और आम जनता में सुल्तान का आतंक कायम रहे।

19. बलबन ने निम्नलिखित में से दिल्ली के किस सुल्तान के नायब के रूप में कार्य किया? [CHSI. (T-I) 07 अगस्त, 2023 (IV-पाली)]

Correct Answer: (b) नासिरुद्दीन महमूद
Solution:गयासुद्दीन बलबन ने सुल्तान नासिरुद्दीन महमूद (1246-1266 ई.) के अधीन 'नायब-ए-ममलकत' (उपराजप्रतिनिधि) के रूप में कार्य किया। नासिरुद्दीन महमूद एक कमजोर और धर्मपरायण शासक था, जिसने शासन की वास्तविक शक्तियाँ बलबन को सौंप दी थीं।

बलबन ने लगभग दो दशकों तक इस पद पर रहते हुए अपनी शक्ति को मजबूत किया, 'चालीस तुर्कों के दल' (चहलगानी) को कमजोर किया, और अंततः नासिरुद्दीन की मृत्यु के बाद स्वयं सुल्तान बन गया।

20. हौज-ए-सुल्तानी (Hauz-i-Sultani) का निर्माण ....... ने करवाया था। [MTS (T-I) 17 मई, 2023 (II-पाली)]

Correct Answer: (c) इल्तुतमिश
Solution:हौज-ए-सुल्तानी (Hauz-i-Sultani), जिसे हौज-ए-शम्सी भी कहा जाता है, का निर्माण सुल्तान शमसुद्दीन इल्तुतमिश ने करवाया था। यह एक विशाल जलाशय था

जो दिल्ली की बढ़ती जनसंख्या की जल आपूर्ति की आवश्यकता को पूरा करने के उद्देश्य से बनाया गया था। यह दिल्ली सल्तनत के शुरुआती शासकों द्वारा सार्वजनिक कल्याण और राजधानी के बुनियादी ढाँचे के विकास पर ध्यान देने का एक महत्वपूर्ण उदाहरण है।