दिल्ली सल्तनत : विविध (UPPCS)

Total Questions: 27

21. निम्नलिखित मध्यकालीन विद्वानों/लेखकों में कौन जैन धर्म का अनुयायी था? [U.P.P.C.S. (Mains) 2009]

Correct Answer: (b) हेमचंद्र सूरी
Solution:हेमचंद्र सूरी मध्यकालीन विद्वान/लेखकों में जैन धर्म का अनुयायी था। वह जयसिंह सिद्धराज के दरबार को सुशोभित करता था। उसी से प्रभावित होकर जयसिंह सिद्धराज ने आबू पर्वत पर एक मंडप का निर्माण करवाया था और उसमें जैन तीर्थंकरों की मूर्तियां स्थापित करवाई थीं, जो अनंतर एक जैन तीर्थ के नाम से जाना जाता है।

22. सूची-I को सूची-II से सुमेलित कीजिए तथा सूचियों के नीचे दिए गए कूट का प्रयोग करते हुए सही उत्तर चुनिए- [U.P. Lower Sub. (Pre) 2002 & U.P. Lower Sub. (Pre) 2003]

सूची-I (युद्ध)सूची-II (वर्ष)
A. प्लासी का युद्ध1. 261 ईस्वी पूर्व
B. कलिंग का युद्ध2. 1576 ईस्वी सन
C. हल्दीघाटी का युद्ध3. 1192 ईस्वी सन
D. तराइन का युद्ध4. 1757 ईस्वी सन

कूट :

(a) A-1, B-2, C-3, D-4
(b) A-2, B-1, C-3, D-4
(c) A-4, B-1, C-2, D-3
(d) A-3, B-4, C-1, D-2

Correct Answer: (c)
Solution:(i) प्लासी का युद्ध - 23 जून, 1757 को बंगाल के तत्कालीन नवाब सिराजुद्दौला तथा ईस्ट इंडिया कंपनी के बीच हुआ था। नवाब की सेना का नेतृत्व राजद्रोही-मीर जाफर, यार लतीफ तथा राय दुर्लभ ने किया, जिनके विश्वासघात के कारण नवाब की हार हुई।

(ii) कलिंग का युद्ध-अशोक ने 261 ई.पू. में कलिंग पर आक्रमण किया। इस युद्ध में लगभग एक लाख लोग मारे गए तथा पचास हजार बंदी बनाए गए। इसी युद्ध के बाद अशोक ने बौद्ध धर्म अपना लिया। कलिंग युद्ध तथा उसके परिणामों के बारे में अशोक के तेरहवें वृहद शिलालेख से विस्तृत जानकारी मिलती है।

(iii) हल्दीघाटी का युद्ध - 1576 ई. में मुगल सम्राट अकबर तथा महाराणा प्रताप के बीच लड़ा गया।

(iv) तराइन का द्वितीय युद्ध (1192 ई.) - पृथ्वीराज चौहान और मुहम्मद गोरी के बीच हुआ था, जिसमें गोरी की सजगता और श्रेष्ठ युद्ध प्रणाली के कारण उसकी जीत हुई।

23. सूची-I तथा सूची-II का सुमेल कीजिए तथा नीचे दिए गए कूट से सही उत्तर चुनिए- [U.P.P.C.S. (Pre) 1997]

               सूची-I

               सूची-II

A. अकबर

1. सड़क-ए-आजम

B. मुहम्मद तुगलक

2. चहलगानी अमीर

C. इल्तुतमिश

3. आइन-ए-दहसाला

D. शेरशाह

4. प्रतीक मुद्रा

कूट :

(A)

(B)

(C)

(D)

(a)

1

2

3

4

(b)

3

4

2

1

(c)

2

3

1

4

(d)

4

1

3

2

Correct Answer: (b)
Solution:शेरशाह द्वारा निर्मित सड़कों में विशेष उल्लेखनीय सड़क लाहौर से लेकर सोनारगांव (बांग्लादेश) तक जाती थी, जो सबसे लंबी थी तथा 'सड़क-ए-आजम' के नाम से जानी जाती थी। प्रतीक मुद्रा मुहम्मद तुगलक ने जारी की थी। 'आइन-ए-दहसाला' पद्धति का संबंध अकबर की भू-राजस्व व्यवस्था से है। 'चहलगानी अमीर' (तुर्कान-ए-चहलगानी) दल का गठन इल्तुतमिश ने किया था।

24. मध्यकालीन भारतीय इतिहास में 'पनही' तथा 'उपानह' का उल्लेख किस संदर्भ में मिलता है? [M.P.P.C.S. (Pre) 2020]

Correct Answer: (d) जूता
Solution:मध्यकालीन भारतीय इतिहास में 'पनही' तथा 'उपानह' का उल्लेख 'जूता' के संदर्भ में प्राप्त होता है।

25. मध्यकालीन भारत में, शब्द 'फणम' किसे निर्दिष्ट करता था? [I.A.S. (Pre) 2022]

Correct Answer: (b) सिक्के
Solution:दक्षिण भारत में मध्य काल से 19वीं शताब्दी के बीच जारी सोने के छोटे सिक्के फणम कहलाते थे।

26. तेरहवीं और चौहदवीं शताब्दियों में भारतीय कृषक, खेती नहीं करता था- [U.P. P.C.S. (Spl.) (Pre) 2008 & U.P.P.C.S. (Pre) 2011]

Correct Answer: (d) मक्का की
Solution:कृषि भारतीयों की जीविका का मुख्य आधार था। भारत की अधिकांश जनसंख्या कृषक ही थी। उर्वर भूमि एवं सिंचाई के साधनों की व्यवस्था के कारण यहां उपज बहुत अधिक होती थी। देश के विभिन्न क्षेत्रों में भिन्न-भिन्न फसलें बोई जाती थीं। 13-14वीं शताब्दी में भारतीय कृषक गेहूं, जौ, चावल, कपास और चना आदि की खेती करते थे; परंतु वे मक्के की खेती नहीं करते थे। इब्नबतूता के अनुसार किसान वर्ष में तीन फसलें काटते थे। धान, गेहूं, ईख और कपास की खेती बड़े पैमाने पर होती थी। मक्का मुख्यतः पुर्तगाली लेकर आए थे। दक्षिण भारत में विभिन्न मसाले उपजाए जाते थे।

27. मध्यकालीन भारत में 'महत्तर' और 'पट्टकिल' पदनाम किनके लिए प्रयुक्त होते थे? [I.A.S. (Pre) 2014]

Correct Answer: (b) ग्राम मुखिया
Solution:'भारतीय राजनीति विज्ञान एसोसिएशन' (Indian Political Science Association) के जनवरी-मार्च, 2004 अंक (Vol. 65, No. 1) में 'विलेज एडमिनिस्ट्रेशन इन एनशिएंट इंडिया' (Village Administration in Ancient India) शीर्षक के अंतर्गत प्रकाशित लेख के अनुसार, प्राचीन समय में (600 एवं 1200 AD के मध्य) भारत में प्रशासन का केंद्र-बिंदु गांव था। वैदिक साहित्य के अनुसार गांव का मुखिया 'ग्रामणी' कहलाता था। उत्तर भारत में उसे 'ग्रामिका' (Gramika) या 'ग्रामेयाका' (Grameyaka) कहा जाता था। महाराष्ट्र में उसे 'ग्रामाकुत' (Gramakuta) या 'पट्टकिल' (Pattakila), कर्नाटक में 'गबुंद' (Gavunda) तथा उत्तर प्रदेश में 'महत्तक' (Mahattaka) कहा जाता था। Indian Epigraphical Glossary (लेखक :- दिनेश चंद्र सरकार) में भी महत्तक (Mahattaka) को गांव के मुखिया या पंचायत बोर्ड के सदस्य के रूप में परिभाषित किया गया है। यहां यह उल्लेख कर देना भी समुचित है कि डॉ. हरिश्चंद्र वर्मा ने अपनी संपादित पुस्तक मध्यकालीन भारत का इतिहास प्रथम खंड में महत्तर का इस प्रकार उल्लेख किया है-"शिल्पकारों की श्रेणियों का उल्लेख अभिलेखों में भी मिलता है। इनके प्रधान महत्तर कहे जाते थे।" संघ लोक सेवा आयोग ने इस प्रश्न का सही उत्तर विकल्प (b) माना है।