धातुकर्म-(रसायन विज्ञान)

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1. निम्नलिखित में से कौन सा एल्यूमीनियम का अयस्क है?

Correct Answer: (d) बॉक्साइट
Solution:बॉक्साइट। अयस्क भू-पर्पटी में एक या एक से से अधिक कीमती खनिजों का भंडार है। एल्युमीनियम के अयस्कः बॉक्साइट - Al₂O₃. 2H₂O, कोरन्डम Al₂O₃, क्रायोलाइट-Na₃AIF₆ । आयरन के अयस्क सिडेराईट-आयरन कार्बोनेट (FeCO₃), हेमेटाइट (फेरिक ऑक्साइड, Fe₂O₃), मैग्नेटाइट आयरन ऑक्साइड (Fe₂O₄)। मोनाज़ाइट थोरियम, लेण्टेनियुम और सेरियम के लिए एक अयस्क है। धातुकर्म - धातुओं का उनके अयस्कों से निष्कर्षण जो प्रकृति में स्वाभाविक रूप से होता है।

2. अयस्कों का भर्जन क्यों किया जाता है? [RRB JE 23/05/2019 (Evening)]

Correct Answer: (b) सल्फर निकालने के लिए
Solution:सल्फर निकालने के लिए। भेजन (रोस्टिंग) : अयस्क को धातु के गलनांक बिंदू से नीचे के तापमान पर भट्टी में हवा की नियमित आपूर्ति में गर्म किया जाता है ताकि उन्हें धातु ऑक्साइड में परिवर्तित किया जा सके। किसी धातु को उसके ऑक्साइड से प्राप्त करना उसके सल्फाइड और कार्बोनेट की तुलना में आसान है। इसलिए, अपचयन से पहले, धातु सल्फाइड और कार्बर्बोनेट को धातु ऑक्साइड में परिवर्तित किया जाना चाहिए। कैल्सीनेशनः कार्बोनेट अयस्कों को सीमित हवा में दृढ़ता से गर्म करके ऑक्साइड में बदल दिया जाता है। रोस्टिंग और कैल्सीनेशन दोनों प्रक्रियाएं अयस्कों के शोधन और धातुओं के निष्कर्षण में उपयोग की जाती हैं।

3. पत्थर के कोयले (कोक) का महत्वपूर्ण उपयोग क्या है? [RRB JE 28/05/2019 (Morning)]

Correct Answer: (b) धातुओं के निष्कर्षण में अपचयन अभिकर्मक के रूप में
Solution:कोक (धुआं रहित ईंधन) इसका उपयोग सामान्यतः आग, भट्टियों और लोहार के लिए ईंधन के रूप में किया जाता है। इसका उपयोग भट्टियों में अयस्क को पिघलाने में और पिघलाकर लोहा बनाने में किया जाता है। इसका उपयोग जल गैस {CO (कार्बन मोनोऑक्साइड) + H₂ (हाइड्रोजन)} और उत्पादक गैस (CO + N₂) के उत्पादन में किया जाता है। अपचायक दूसरों को अपचयित करता है जबकि स्वयं इलेक्ट्रॉन त्यागकर ऑक्सीकृत हो जाता है।

4. जस्ता के विद्युत अपघटनी शोधन के दौरान, यह______ | [RRB JE 29/05/2019 (Afternoon)]

Correct Answer: (d) कैथोड पर जमा हो जाता है
Solution:कैथोड पर जमा हो जाता है। इलेक्ट्रोलाइटिक शोधन प्रक्रिया में अशुद्ध धातु को एनोड और शुद्ध धातु की एक पतली पट्टी को कैथोड में परिवर्तित किया जाता है। धारा प्रवाहित करने पर इलेक्ट्रोलाइट से जिंक कैथोड पर एकत्र हो जाती है जबकि एनोड से जिंक की समतुल्य मात्रा इलेक्ट्रोलाइट में चली जाती है। अतः कैथोड पर शुद्ध जस्ता प्राप्त होता है। कैथोड पर अभिक्रिया: Zn²⁺ (aq) + 2e-Zn(s) |

5. धातु अयस्कों के अपचयन की धर्माइट प्रक्रिया में किस पदार्थ का उपयोग किया जाता है? [RRB JE 27/06/2019 (Evening)]

Correct Answer: (a) एल्यूमीनियम
Solution:एल्यूमिनियम (AI, परमाणु क्रमांक 13) का फेरिक ऑक्साइड के साथ ज्वलन धर्मिट अभिक्रिया कहलाता है। यह एक ऊष्माक्षेपी अभिक्रिया है जो अपने अंतिम उत्पादों के साथ ऊष्मा मुक्त करती है। इस चक्क में उत्पादित लौह द्रव/पिघली हुई अवस्था में होता है। अभिक्रिया - Fe₂O₃ (फेरिक ऑक्साइड) + Al (एल्यूमीनियम) AI₂O₃. (एल्यूमीनियम ऑक्साइड) + 2 Fe (आयरन)। धर्माइट अभिक्रिया का उपयोग रेल की वेल्डिंग (धातुओं को जोड़ने) के लिए किया जाता है जिसे धर्माइट वेल्डिंग कहा जाता है।

6. धातुकर्म एक प्रक्रिया है: [RRB Group D 24/09/2018 (Morning)]

Correct Answer: (c) अयस्क से धातुओं को निकालने की।
Solution:अयस्क से धातुओं को निकालने की। जंग लगना यह आर्द्र वायु की क्रिया के कारण लोहे की सतह पर लाल-भूरे रंग की परत बनने की घटना है। गैल्वनीकरण यह जंग लगने से बचाने के लिए स्टील या लोहे पर सुरक्षात्मक जस्ता कोटिंग लगाने की प्रक्रिया है।

7. निम्नलिखित में से कौन पारा का अयस्क है? [RRB Group D 18/09/2018 (Afternoon)]

Correct Answer: (b) सिनेबार
Solution:सिनेबार। अयस्क प्राकृतिक रूप से पाया जाने वाला एक ठोस पदार्थ जिससे लाभकारी रूप से धातु या मूल्यवान खनिज निकाला जा सकता है। महत्वपूर्ण धातुएँ और उनके अयस्क : एल्युमिनियम बॉक्साइट, एंटीमनी स्टिबनाइट, कैल्शियम और मैग्नीशियम -डोलोमाइट, सीसा (lead) गैलेना, टिन कैसिटराइट, सोना- कैलवेराइट।

8. ताँबे और जस्ते के साथ कांस्य बनाने के लिए तत्व जोड़ा जाता है। [RRB Group D 25/09/2018 (Morning)]

Correct Answer: (a) Sn
Solution:Sn (टिन)। कांस्य एक धातु मिश्र धातु है जिसमें मुख्य रूप से तांबा और लगभग 12% टिन होता है। अन्य तत्व जैसे एल्यूमीनियम, आर्सेनिक, मैगनीज, फॉस्फोरस और सिलिकॉन -को भी विभिन्न गुण प्राप्त करने के लिए मिलाया जाता है। तांबे की मजबूती, कठोरता और संक्षारण प्रतिरोध को बढ़ाने के लिए इसमें टिन मिलाया जाता है।

9. निम्न में से आघातवर्धनीय धातु कौन सी है? [RRB Group D 01/10/2018 (Afternoon)]

Correct Answer: (b) गोल्ड
Solution:गोल्ड। लचीलापन धातुओं का वह भौतिक गुण है जिसके द्वारा उन्हें बिना टूटे पतली शीट का आकार दिया जा सकता है।

10. फेन प्लवन विधि का उपयोग______अयस्क के सांद्रीकरण के लिए किया जाता है। [RRB Group D 5/11/2018 (Afternoon)]

Correct Answer: (c) सल्फाइड
Solution:सल्फाइड। फेन प्लवन एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें एक टैंक में बुलबुले बनाने के लिए जल और पाइन तेल के मिश्रण का उपयोग किया जाता है, जिससे आधात्री कणों की तुलना में उनके आर्द्रक गुणों में अंतर के आधार पर सल्फाइड अयस्कों को अलग किया जा सकता है।