ध्वनि

Total Questions: 56

11. म्यूजिक कन्सर्ट्स के लिए हॉल की दीवारों को- [U.P.P.C.S.(Mains) 2007]

Correct Answer: (d) ध्वनि का अवशोषण करना चाहिए।
Solution:अधिकतर ठोस एवं कठोर सतहें ध्वनि को परावर्तित कर देती हैं, जबकि कोमल या नरम सतहें ध्वनि को अवशोषित कर लेती हैं। यदि म्यूजिक कन्सर्ट्स के लिए निर्मित हॉल की दीवारें ध्वनि को परावर्तित करेंगी, तो श्रोताओं को प्रतिध्वनि (Echo) सुनाई पड़ेगी। अतः प्रतिध्वनि को रोकने के लिए कन्सर्ट्स हाल की दीवारें एवं छत नरम पदार्थों जैसे फाइबर ग्लास की बनाई जाती हैं।

12. स्पष्ट रूप से प्रतिध्वनि सुनने के लिए परावर्तित सतह और सुनने वाले के मध्य कम-से-कम दूरी जो होनी चाहिए, वह है- [U.P.P.C.S.(Mains) 2007]

Correct Answer: (d) 16.5 मीटर
Solution:जब कोई ध्वनि होती है, तो उसकी संवेदना हमारे दिमाग में 1/10 सेकंड तक बनी रहती है। मनुष्य का कान केवल उन्हीं दो ध्वनियों के बीच विभेद कर सकता है, जो उसे न्यूनतम 1/10 सेकंड के समयान्तराल पर सुनाई दे। अतः प्रतिध्वनि सुनाई देने के लिए यह आवश्यक है कि किसी स्रोत से उत्पन्न ध्वनि आगे जाकर किसी वस्तु से टकराकर कम-से-कम 1/10 सेकंड में स्रोत के पास वापस लौटे। वायु में ध्वनि का वेग = लगभग 330 मीटर/सेकंड, 1/10 सेकंड में ध्वनि द्वारा चली गई न्यूनतम दूरी = 330× 1/10 = 33 मीटर। अतः प्रतिध्वनि सुनने के लिए परावर्तक सतह से ध्वनि के स्रोत की न्यूनतम दूरी = 33/2 = 16.5 मीटर (लगभग 17 मीटर)

13. ध्वनि के स्रोत व परावर्ती सतह के बीच न्यूनतम कितनी दूरी होनी चाहिए, जिससे कि प्रतिध्वनि स्पष्ट रूप से सुनाई दे सके ? [R.A.S./R.T.S. (Pre) 2007]

Correct Answer: (b) 17 मीटर
Solution:जब कोई ध्वनि होती है, तो उसकी संवेदना हमारे दिमाग में 1/10 सेकंड तक बनी रहती है। मनुष्य का कान केवल उन्हीं दो ध्वनियों के बीच विभेद कर सकता है, जो उसे न्यूनतम 1/10 सेकंड के समयान्तराल पर सुनाई दे। अतः प्रतिध्वनि सुनाई देने के लिए यह आवश्यक है कि किसी स्रोत से उत्पन्न ध्वनि आगे जाकर किसी वस्तु से टकराकर कम-से-कम 1/10 सेकंड में स्रोत के पास वापस लौटे। वायु में ध्वनि का वेग = लगभग 330 मीटर/सेकंड, 1/10 सेकंड में ध्वनि द्वारा चली गई न्यूनतम दूरी = 330× 1/10 = 33 मीटर। अतः प्रतिध्वनि सुनने के लिए परावर्तक सतह से ध्वनि के स्रोत की न्यूनतम दूरी = 33/2 = 16.5 मीटर (लगभग 17 मीटर)

14. किसी ध्वनि तरंग की आवृत्ति 4 KHz और उसकी तरंगदैर्ध्य 35 सेमी. है, तो वह 3 किमी. दूरी तय करने में कितना समय लेगी? [Chhattisgarh P.C.S. (Pre) 2021]

Correct Answer: (b) 2.14 सेकंड
Solution:ध्वनि तरंग की वेग Vw , उसकी आवृत्ति (f) तथा तरंगदैर्ध्य (λ) में निम्न संबंध है :-

Vw = f λ

दिया गया है -

आवृत्ति (f)= 4KHz = 4 × 1000Hz

तरंगदैर्ध्य (λ) = 35cm = 0.35m

दूरी ( l)= 3km .=3 × 1000 m

अतः Vw  = 4000 × 0.35

= 4000 × 35/100

= 1400 m/sec

Vw = 1.4 × 10³  m/sec

अब समय (T) = दूरी / वेग = (3 × 10³)/(1.4 × 10³)

समय=2.14 sec

15. ध्वनि का एक महत्वपूर्ण अभिलक्षण 'तारत्व' (पिच) है, जो निर्भर करता है - [U.P. P.C.S. (Mains) 2017]

Correct Answer: (b) आवृत्ति पर
Solution:किसी उत्सर्जित ध्वनि की आवृत्ति को मस्तिष्क किस प्रकार अनुभव करता है, उसे तारत्व (Pitch) कहते हैं। किसी स्रोत का कंपन जितनी शीघ्रता से होता है, आवृत्ति (Frequency) उतनी ही अधिक होती है और उसका तारत्व भी अधिक होता है। इसी प्रकार जिस ध्वनि का तारत्व कम होता है, उसकी आवृत्ति भी कम होती है। विभिन्न आकार तथा आकृति की वस्तुएं विभिन्न आवृत्तियों के साथ कंपन करती हैं और विभिन्न तारत्व की ध्वनियां उत्पन्न करती हैं।

16. चन्द्रमा के घरातल पर दो व्यक्ति एक-दूसरे की बात नहीं सुन सकते, क्योंकि- [U.P. U.D.A./L.D.A. (Pre) 2002]

Correct Answer: (b) चन्द्रमा पर वायुमंडल नहीं है।
Solution:ध्वनि तरंगों के संचरण के लिए द्रव्यात्मक माध्यम का होना आवश्यक है, परंतु चन्द्रमा पर वायुमंडल नहीं होने के कारण वहां द्रव्यात्मक माध्यम नहीं है, इसलिए चन्द्रमा पर ध्वनि तरंगों का संचरण नहीं हो पाता। फलतः चन्द्रमा के धरातल पर दो व्यक्ति एक-दूसरे की बात को नहीं सुन सकते हैं।

17. एक अंतरिक्ष यात्री अपने सहपाठी को चंद्रमा की सतह पर सुन नहीं सकता, क्योंकि - [U.P.P.C.S. (Mains) 2013]

Correct Answer: (c) ध्वनि प्रचारित करने का माध्यम नहीं होता है।
Solution:ध्वनि तरंगों के संचरण के लिए द्रव्यात्मक माध्यम का होना आवश्यक है, परंतु चन्द्रमा पर वायुमंडल नहीं होने के कारण वहां द्रव्यात्मक माध्यम नहीं है, इसलिए चन्द्रमा पर ध्वनि तरंगों का संचरण नहीं हो पाता। फलतः चन्द्रमा के धरातल पर दो व्यक्ति एक-दूसरे की बात को नहीं सुन सकते हैं।

18. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए ? [I.A.S. (Pre) 2007]

1. कम लंबाई की बांसुरी से निम्न आवृत्ति की तरंगें उत्पन्न होती हैं।

2. ध्वनि, शैलों में से केवल अनुदैर्ध्य प्रत्यास्थ तरंगों के रूप में प्रगामी होती है।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?

Correct Answer: (d) न तो 1 और न ही 2
Solution:लंबी बांसुरी से अधिक बड़ी तरंगदैर्ध्य वाली ध्वनि तरंगें उत्पन्न होती हैं। चूंकि किसी तरंग की आवृत्ति उसके तरंगदैर्ध्य के व्युत्क्रमानुपाती होती है, अतः कम लंबाई की बांसुरी से उच्च आवृत्ति की तरंगें उत्पन्न होंगी। इस प्रकार कथन 1 सही नहीं है। गैस, प्लाज्मा तथा तरल में ध्वनि तरंगें अनुदैर्ध्य तरंगों के रूप में प्रगामी होती हैं, जबकि ठोसों (शैल इत्यादि) में यह अनुदैर्ध्य तथा अनुप्रस्थ दोनों तरंगों के रूप में प्रगामी हो सकती हैं।

19. पराश्रव्य तरंगों के बारे में निम्नांकित कथनों पर विचार कीजिए- [U.P.P.C.S.(Mains) 2004]

1. ये कीड़ों को नष्ट कर सकती हैं।

2. ये कपड़ों से धूल हटाकर उन्हें साफ कर सकती हैं।

3. इनका उपयोग बीमारियों के उपचार के लिए किया जा सकता है।

4. ये स्वचालित दरवाजों को नियंत्रित कर सकती हैं।

उक्त कथनों में -

Correct Answer: (d) सभी सही हैं।
Solution:ध्वनि तरंगें तीन प्रकार की होती हैं। श्रव्य तरंगें, जिनकी आवृत्ति 20 हर्ट्ज से 20,000 हर्ट्ज तक होती है। अवश्रव्य ध्वनि तरंगों की आवृत्ति 20 हर्ट्ज से कम होती है। पराश्रव्य ध्वनि तरंगों की आवृत्ति 20,000 हर्ट्ज से अधिक होती है और मनुष्य की श्रवण क्षमता से परे होती है। इनका उपयोग संकेतक के रूप में, कीड़ों को नष्ट करने में, कपड़े से धूल हटाने में, स्वचालित दरवाजों को नियंत्रित करने में, समुद्र में गहराई की नाप लेने में, छिपी वस्तुओं की खोज करने में, द्रव को गरम करने में तथा विविध चिकित्सकीय अनुप्रयोग के लिए किया जाता है।

20. पराश्रव्य वे ध्वनियां हैं, जिनकी आवृत्ति होती है- [U.P.P.C.S. (Pre) 2012]

Correct Answer: (a) 20,000 हर्ट्ज से अधिक
Solution:पराश्रव्य (Ultrasonic) शब्द उस ध्वनि के लिए प्रयुक्त होता है, जिसकी आवृत्ति इतनी अधिक होती है कि वह मनुष्य के कानों को सुनाई नहीं देती। साधारणतया मानव श्रवण शक्ति का परास 20 से लेकर 20,000 कंपन प्रति सेकंड तक होता है। इसलिए 20,000 हर्ट्ज से अधिक आवृत्ति वाली ध्वनि को 'पराश्रव्य' कहते हैं।