ध्वनि

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51. टेलीविज़न प्रसारणों में श्रव्य संकेतों को प्रेषित करने के लिए प्रयुक्त तकनीक है- [U.P. U.D.A./L.D.A. (Spl) (Pre) 2010]

Correct Answer: (c) आवृत्ति आरोपण
Solution:दूरदर्शन प्रसारण में ध्वनि संचरण के लिए आवृत्ति माडुलन तथा चित्र- संदेशों के संचरण के लिए आयाम माडुलन का प्रयोग किया जाता है।

52. निम्न में से प्रतिध्वनि का कारण क्या है? [Jharkhand P.C.S. (Pre) 2023]

Correct Answer: (c) ध्वनि का परावर्तन
Solution:किसी परावर्तक वस्तु के निकट तीव्र ध्वनि उत्पन्न करने पर कुछ  समय बाद वही ध्वनि फिर से सुनाई देती है, जिसे प्रतिध्वनि (Echo)  कहते हैं। प्रतिध्वनि अनेक परावर्तनों के परिणामस्वरूप उत्पन्न होती है।

53. ध्वनि की तीव्रता किसके द्वारा निर्धारित की जाती है? [68th B.P.S.C. (Pre) 2022]

Correct Answer: (b) ध्वनि का आयाम
Solution:

ध्वनि की तीव्रता (Intensity) या प्रबलता (Loudness) मुख्य रूप से ध्वनि तरंग के आयाम (Amplitude) पर निर्भर करती है। आयाम जितना बड़ा होगा, ध्वनि उतनी ही तीव्र या प्रबल होगी।

ध्वनि का वेग माध्यम के प्रकार और तापमान पर निर्भर करता है, यह तीव्रता से सीधा संबंधित नहीं है।

ध्वनि का तरंगदैर्ध्य और आवृत्ति एक-दूसरे से संबंधित हैं और ध्वनि के तारत्व (pitch) से संबंधित हैं, न कि तीव्रता से।

54. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए - [I.A.S. (Pre) 2023]

1. भूकंपलेखी (सीस्मोग्राफ) में S तरंगों से पूर्व P तरंगें अभिलिखि  (Recorded) की जाती हैं।

2. P तरंगों में, अलग-अलग कण तरंग प्रसार की दिशा में आगे पीछे कंपन करते हैं, जबकि S तरंगों में कण तरंग प्रसार की  दिशा के समकोणीय ऊपर-नीचे कंपन करते हैं।

उपयुक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?

Correct Answer: (c) 1 और 2 दोनों
Solution:भूकंप के दौरान मुख्य रूप से दो प्रकार की तरंगें धरातल से होकर  गुजरती हैं। इन्हें 'P' तरंग व 'S' तरंग कहते हैं। 'P' तरंगें तीव्र गति  से चलने वाली तरंगें हैं और धरातल पर सबसे पहले पहुँचती हैं। इन्हें  'प्राथमिक तरंगें' (Primary waves) कहते हैं। 'P' तरंगें ध्वनि तरंगों जैसी होती हैं। ये गैस, तरल व ठोस तीनों प्रकार के माध्यम में गुजरती हैं। 'S' तरंगें धरातल पर कुछ समय अंतराल के बाद पहुंचती हैं, इन्हें 'द्वितीयक तरंग' (Secondary waves) कहते हैं। यह केवल ठोस माध्यम में से गुजरती हैं। अतः भूकंप लेखी (Seismograph) में S तरंगों से पूर्व P तरंगें अभिलिखित की जाती हैं। अतः कथन 1 सत्य है। 'P' तरंगों से कंपन की दिशा तरंगों के प्रसार की दिशा के समानांतर ही होती हैं। 'S' तरंगें ऊर्ध्वाधर तल में तरंगों के प्रसार की दिशा के लंबवत (Perpendicular) कंपन पैदा करती हैं। अतः ये जिस पदार्थ से गुजरती हैं, उसमें उभार व गर्त बनाती हैं। अतः कथन 2 भी सत्य है।

55. निम्न में से क्या सही नहीं है/हैं? [Chhattisgarh P.C.S. (Pre) 2022 ]

(i) मनुष्य में श्रव्यता का परिसर लगभग 20 Hz से 10 kHz है।

(ii) 10 kHz की आवृत्ति से अधिक की ध्वनियों को पराश्रव्य ध्वनि कहते हैं।

(iii) भूकंप में, मुख्य प्रघाती तरंगों से पहले पराश्रव्य ध्वनियां उत्पन्न होती हैं।

Correct Answer: (c) (i), (ii) और (iii)
Solution:मनुष्य में श्रव्यता का परिसर (Audible range of sound) लगभग 20 Hz से 20 kHz या 20000 हर्ट्ज होता है। 20000 हर्ट्ज की आवृत्ति से अधिक आवृत्ति की ध्वनि 'पराश्रव्य ध्वनि' (Ultrasounds) कहलाती है। यह ध्वनि मनुष्यों को सुनाई नहीं पड़ती। भूकंप आने पर मुख्य प्रघाती तरंगों (Main shock waves) के प्रारंभ होने से पूर्व निम्न आवृत्ति की अवश्रव्य ध्वनि (Infrasound) उत्पन्न होती है। डॉल्फिन, चमगादड़ और पोर्पोइज (Porpoise) जैसे जंतु पराध्वनि (Ultrasound) उत्पन्न करते हैं।

56. एक संगीत कार्यक्रम में ऑर्केस्ट्रा बजाने से पहले, एक सितार-वादक तनाव को समायोजित करने की कोशिश करता है और स्ट्रिंग को उपयुक्त रूप से बांधता है। ऐसा करके वह क्या ठीक करने की कोशिश करता है? [68th B.P.S.C. (Pre) 2022 ]

Correct Answer: (a) अन्य वाद्य यंत्रों की आवृत्ति के साथ सितार स्ट्रिंग की आवृत्ति
Solution:
सितार में तार की लंबाई, व्यास (Diameter), घनत्व (Density) और तनाव (Tension) उस आवृत्ति (Frequency) को निर्धारित करता है, जिसमें वह कंपन करेगा। चूंकि तनाव के अतिरिक्त अन्य तीन स्थिर (Fixed) हैं, अतः यह तनाव ही है, जिसे सितारवादक अपनी प्राकृतिक आवृत्ति के अनुरूप समायोजित करने का प्रयास करता है। सितार बजाने के दौरान सितारवादक अपनी अंगुली से तार के विभिन्न बिंदुओं को छूने के माध्यम से तार की प्रभावी लंबाई (Effective length) को बदल देता है। इस प्रकार हमें अलग-अलग सुरीले नोट्स (भिन्न-भिन्न आवृत्ति के) सुनाई पड़ते हैं।