नाभिकीय भौतिकी

Total Questions: 52

1. निम्नलिखित में से कौन-सा युग्म सुमेलित नहीं है- [U.P. P.C.S. (Pre) 2003, U.P. U.D.A./L.D.A. (Pre) 2002]

List - IList - II
(a)मेसान की खोजहिडेकी युकावा
(b)पॉजीट्रॉन की खोजसी.डी. एंडरसन एवं यू.एफ. हेस
(c)सूर्य तथा तारों में ऊर्जा उत्पादन का सिद्धांतएच.ए. बेथे
(d)परायूरेनियम तत्वों का संश्लेषणएनरिको फर्मी

 

Correct Answer: (d)
Solution:वर्ष 1938 में अमेरिकी वैज्ञानिक एच.ए. बेथे ने बताया कि सूर्य तथा ब्रह्मांड के अन्य तारों की ऊर्जा का स्रोत वहां होने वाला 'नाभिकीय संलयन' है। मेसान मूल कणों की खोज वर्ष 1935 में वैज्ञानिक हिडेकी युकावा ने की थी। पाजीट्रॉन नामक धनावेशित मूल कण की खोज वर्ष 1932 में सी.डी. एंडरसन तथा यू.एफ. हेस ने की थी। परायूरेनियम तत्वों के संश्लेषण में एनरिको फर्मी का नहीं बल्कि जी.टी. सीबोर्ग का महत्वपूर्ण योगदान है।

2. निम्नलिखित में से कौन सही नहीं है? [U.P. P.C.S. (Pre) 1999]

Correct Answer: (b) किसी परमाणु के नाभिक का टूटना संलयन कहलाता है।
Solution:कथन (b) सही नहीं है, क्योंकि नाभिकीय संलयन (Nuclear Fusion) में दो हल्के नाभिक आपस में मिलकर एक भारी नाभिक का निर्माण करते हैं। 'हाइड्रोजन बम' नाभिकीय संलयन की प्रक्रिया पर आधारित है। अन्य प्रश्नगत विकल्प सही हैं।

3. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए- [U.P. P.C.S. (Pre) 1994]

कथन (क) : अर्नेस्ट रदरफोर्ड ने रॉयल सोसायटी के समक्ष कहा था कि मनुष्य को नाभिकीय शक्ति कभी नहीं उपलब्ध होगी।

कारण (का): उसे यह विश्वास था कि आइंस्टाइन का नियम फेल हो जाएगा और मात्रा ऊर्जा में परिवर्तित नहीं होगी।

नीचे दी गई कोड योजना में से अपने उत्तर का चयन कीजिए-

Correct Answer: (a) दोनों (क) एवं (का) सत्य हैं और (का) सही स्पष्टीकरण है।
Solution:प्रश्नगत कथन एवं कारण दोनों सही हैं तथा कारण कथन का सही स्पष्टीकरण है।

4. निम्न कणों में से कौन एक, जिसका आविष्कार करने का दावा किया जा रहा है, अल्बर्ट आइंस्टाइन के सापेक्षवाद सिद्धांत को गलत साबित करने के जोखिम में डाल सकता है? [U.P.P.C.S.(Pre) 2009]

Correct Answer: (a) माइक्रोवेव फोटॉन
Solution:कोबेन्ज विश्वविद्यालय के भौतिकविदों गुन्दूर तथा अल्फांस स्टाहलोफन ने आइंस्टाइन के सापेक्षवाद सिद्धांत को गलत साबित करने का दावा किया है। उन्होंने माइक्रोवेव फोटॉनों को प्रकाश के वेग से अधिक वेग से संचारित करने का दावा किया है।

5. साइक्लोट्रॉन किसको त्वरित करने के लिए प्रयुक्त किया जाता है? [U.P. P.C.S. (Pre) 1997]

Correct Answer: (b) प्रोटॉन
Solution:साइक्लोट्रॉन एक ऐसा त्वरक उपकरण है, जिसके द्वारा प्रोटॉन, कण तथा ड्यूट्रॉन आदि में उच्च वेग उत्पन्न किया जाता है।

6. पेयजल में गामा उत्सर्जक समस्थानिक है या नहीं, इसकी पुष्टि निम्नलिखित में से किससे की जा सकती है? [I.A.S. (Pre) 1995]

Correct Answer: (c) प्रस्फुरण गणक
Solution:पेयजल में गामा उत्सर्जक समस्थानिक की उपस्थिति का पता 'प्रस्फुरण गणक' (Scintillation Counter) से लगाया जाता है। यह एक उपकरण है जो आयनकारी विकिरण, जैसे गामा किरणों का पता लगाने और मापने के लिए उपयोग किया जाता है। जब गामा किरणें एक प्रस्फुरण सामग्री (scintillation material) से टकराती हैं, तो वे प्रकाश के छोटे-छोटे चमक उत्पन्न करती हैं, जिन्हें एक फोटोमल्टीप्लायर ट्यूब द्वारा विद्युत संकेतों में परिवर्तित किया जाता है और गिना जाता है। यह पेयजल में गामा उत्सर्जक समस्थानिकों की उपस्थिति की पुष्टि के लिए एक प्रभावी तरीका है।

7. सूर्य पर ऊर्जा का निर्माण होता है- [42nd B.P.S.C. (Pre) 1997, R.A.S./R.T.S. (Pre) 1993]

Correct Answer: (b) नाभिकीय संलयन द्वारा
Solution:सूर्य तथा ब्रह्मांड के अन्य तारों की ऊर्जा का स्रोत वहां पर होने वाला नाभिकीय संलयन है। सूर्य का अधिकांश भाग हाइड्रोजन एवं हीलियम का बना है तथा इसके भीतर के भाग का ताप करीब 10⁷ केल्विन होता है। इतने अधिक ताप पर हाइड्रोजन नाभिकों का संलयन होता रहता है, तथा अपार ऊर्जा मुक्त होती है। इनके अतिरिक्त तारों में गुरुत्वीय संकुचन भी उनकी ऊर्जा का एक स्रोत होता है।

8. तारे अपनी ऊर्जा प्राप्त करते हैं- [U.P. P.C.S. (Pre) 2000]

1. नाभिकीय संलयन से

2. गुरुत्वीय संकुचन से

3. रासायनिक अभिक्रिया से

4. नाभिकीय विखण्डन से

अपने उत्तर का चयन नीचे दिए कूट से कीजिए-

कूट :

Correct Answer: (a) 1 तथा 2
Solution:सूर्य तथा ब्रह्मांड के अन्य तारों की ऊर्जा का स्रोत वहां पर होने वाला नाभिकीय संलयन है। सूर्य का अधिकांश भाग हाइड्रोजन एवं हीलियम का बना है तथा इसके भीतर के भाग का ताप करीब 10⁷ केल्विन होता है। इतने अधिक ताप पर हाइड्रोजन नाभिकों का संलयन होता रहता है, तथा अपार ऊर्जा मुक्त होती है। इनके अतिरिक्त तारों में गुरुत्वीय संकुचन भी उनकी ऊर्जा का एक स्रोत होता है।

9. तारे अपनीं ऊर्जा निम्न में से किस प्रकार प्राप्त करते हैं? [Uttarakhand P.C.S. (Pre) 2007]

Correct Answer: (a) नाभिकीय संयोजन के फलस्वरूप
Solution:सूर्य तथा ब्रह्मांड के अन्य तारों की ऊर्जा का स्रोत वहां पर होने वाला नाभिकीय संलयन है। सूर्य का अधिकांश भाग हाइड्रोजन एवं हीलियम का बना है तथा इसके भीतर के भाग का ताप करीब 10⁷ केल्विन होता है। इतने अधिक ताप पर हाइड्रोजन नाभिकों का संलयन होता रहता है, तथा अपार ऊर्जा मुक्त होती है। इनके अतिरिक्त तारों में गुरुत्वीय संकुचन भी उनकी ऊर्जा का एक स्रोत होता है।

10. सितारों में अक्षय ऊर्जा के स्रोत का कारण है- [U.P.P.C.S.(Pre) 2009]

Correct Answer: (a) हाइड्रोजन का हीलियम में परिवर्तन।
Solution:नाभिकीय संलयन प्रक्रिया में परमाणु के नाभिक आपस में संलयित होते हैं, यह अत्यधिक गर्म परिस्थितियों में ही होता है। अन्य तारों की तरह सूर्य भी नाभिकीय संलयन प्रक्रिया द्वारा ऊष्मा एवं प्रकाश उत्पन्न करता है। इस प्रक्रिया में हाइड्रोजन का नाभिक संलयित होकर हीलियम का निर्माण करता है।