नाभिकीय भौतिकी

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11. सूर्य से उत्पन्न ऊर्जा का स्रोत है- [Uttarakhand U.D.A./L.D.A. (Mains) 2006]

Correct Answer: (b) नाभिकीय संलयन
Solution:सूर्य और अन्य तारों में ऊर्जा का मुख्य स्रोत नाभिकीय संलयन (Nuclear Fusion) है। इस प्रक्रिया में, हल्के परमाणु नाभिक (मुख्यतः हाइड्रोजन) अत्यधिक उच्च तापमान और दबाव में मिलकर भारी नाभिक (हीलियम) बनाते हैं। इस प्रक्रिया में द्रव्यमान की एक छोटी मात्रा ऊर्जा में परिवर्तित हो जाती है, जो आइंस्टीन के  समीकरण के अनुसार विशाल मात्रा में ऊर्जा छोड़ती है।

12. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए : [I.A.S. (Pre) 2001]

नाभिकीय रिएक्टर (Nuclear Reactor) में स्व-पोषित श्रृंखला अभिक्रिया (Self-sustained Chain Reaction) संभव है, क्योंकि-

1. प्रत्येक विखण्डन अभिक्रिया में अपेक्षाकृत अधिक न्यूट्रॉन निर्मुक्त होते हैं।

2. न्यूट्रॉन विखण्डन प्रक्रियाओं में तुरंत हिस्सा लेते हैं।

3. द्रुत न्यूट्रॉन ग्रेफाइट द्वारा धीमे किए जाते हैं।

4. विखण्डन प्रक्रियाओं में निर्मुक्त हर न्यूट्रॉन आगे और विखण्डन की शुरुआत करता है।

इन कथनों में से कौन-कौन से सही हैं?

Correct Answer: (b) 1 और 3
Solution:'नाभिकीय रिएक्टर' एक विशेष प्रकार की आणविक भट्टी है, जिसमें ईंधन के रूप में प्रायः 'यूरेनियम-235' और प्लूटोनियम-239 को प्रयोग में लाया जाता है। इसमें श्रृंखला अभिक्रिया नियंत्रित होती है। जब इन विस्फोटक पदार्थों पर न्यूट्रॉनों की बमबारी की जाती है। तो नए न्यूट्रॉन उत्पन्न होते हैं। न्यूट्रॉनों की गति धीमी करने के लिए H₂O (हल्का जल), भारी जल, ग्रेफाइट या बेरीलियम ऑक्साइड को मंदक के रूप में प्रयोग करते हैं। इस प्रकार नाभिकीय रिएक्टर में स्वपोषित श्रृंखला अभिक्रिया संभव होती है। अतः कथन । और 3 तो सत्य हैं। परंतु कथन 2 और 4 सत्य नहीं हैं। अतः विकल्प (b) अभीष्ट उत्तर होगा।

13. परमाणु रिएक्टर क्या है- [U.P. P.C.S. (Pre) 1992]

Correct Answer: (d) आणविक भट्टी
Solution:

परमाणु रिएक्टर (Nuclear Reactor) को एक आणविक भट्टी (Atomic Furnace) के रूप में भी जाना जाता है। यह एक ऐसा उपकरण है जिसमें नियंत्रित नाभिकीय श्रृंखला अभिक्रिया को बनाए रखा जाता है और ऊर्जा उत्पन्न की जाती है। इस ऊर्जा का उपयोग आमतौर पर बिजली उत्पादन के लिए भाप बनाने या अनुसंधान उद्देश्यों के लिए किया जाता है।

14. कौन-सा कथन नाभिकीय विखण्डन से संबंधित नहीं है? [Uttarakhand P.C.S. (Pre) Exam. 2016]

Correct Answer: (b) तारों में ऊर्जा उत्पन्न करना
Solution:नाभिकीय विखण्डन में एक 'भारी' नाभिक न्यूट्रॉनों की बमबारी से दो अपेक्षाकृत हल्के रेडियोएक्टिव नाभिकों में टूटता है, जिनका सम्मिलित द्रव्यमान मूल नाभिक के द्रव्यमान से कम होता है, द्रव्यमान की यह क्षति ऊर्जा के रूप में मुक्त होती है। इसके विपरीत, नाभिकीय संलयन में दो अथवा अधिक 'हल्के' नाभिक एक अकेले नाभिक में संलयित (Fuse) हो जाते हैं, जिसका द्रव्यमान संलयित होने वाले नाभिकों के द्रव्यमानों के योग से कम होता है, द्रव्यमान की यह क्षति ऊर्जा के रूप में मुक्त होती है। सूर्य व अन्य तारों तथा हाइड्रोजन बम द्वारा ऊर्जा उत्पन्न करने की प्रक्रिया नाभिकीय संलयन पर आधारित है, जबकि उपर्युक्त अन्य तीनों विकल्प (a, c तथा d) नाभिकीय विखण्डन से संबंधित हैं।

15. नाभिकीय संलयन रिएक्टरों के विषय में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए : [U.P.R.O./A.R.O. (Pre) 2016]

i. वे भारी नाभिकों के विखण्डन के सिद्धांत पर कार्य करते हैं।

ii. साधारणतया उनकी टोकमाक डिजाइन होती है।

iii. वे बहुत अधिक तापक्रम पर कार्य करते हैं।

इनमें से

Correct Answer: (c) केवल ii और iii सही हैं।
Solution:नाभिकीय संलयन (Nuclear Fusion) में दो हल्के नाभिक आपस में मिलकर एक भारी नाभिक का निर्माण करते हैं। अतः कथन (i) सही नहीं है। नाभिकीय संलयन अभिक्रियाओं को ताप-नाभिकीय अभिक्रियाएं (Thermonuclear Reactions) कहते हैं, क्योंकि ये अभिक्रियाएं बहुत ऊंचे ताप पर होती हैं। साधारणतया नाभिकीय संलयन रिएक्टरों की टोकमाक (Tokamak) डिजाइन होती है।

16. नाभिकीय रिएक्टर और परमाणु बम में यह अंतर है कि- [I.A.S. (Pre) 1995, U.P.P.C.S. (Pre) 1999]

Correct Answer: (b) नाभिकीय रिएक्टर में श्रृंखला अभिक्रिया नियंत्रित होती है।
Solution:नाभिकीय रिएक्टर और नाभिकीय बम समान सिद्धांत पर कार्य करते हैं, लेकिन नाभिकीय रिएक्टर में होने वाला नाभिकीय विखण्डन मंदक द्वारा नियंत्रित होता है, जबकि नाभिकीय बम में यह अभिक्रिया अनियंत्रित होती है। ज्ञातव्य है कि नाभिकीय विखण्डन एक श्रृंखला अभिक्रिया है।

17. रेडियोधर्मिता के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं? [U.P. R.O./A.R.O. (Mains) 2016, U.P.P.C.S. (Pre) 2021]

1. रेडियोधर्मिता एक नाभिकीय गुण है।

2. नाभिकीय विखंडन (Nuclear fission) के सिद्धांत पर हाइड्रोजन बम बनाया जाता है।

नीचे दिए गए कूट की सहायता से सही उत्तर चुनिए।

कूट :

Correct Answer: (a) केवल 1
Solution:रेडियोधर्मिता एक नाभिकीय गुण है। हाइड्रोजन बम नाभिकीय संलयन (Nuclear fusion) के सिद्धांत पर कार्य करता है।

18. भारत के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए - [I.A.S. (Pre) 2022]

1. मोनाजाइट दुर्लभ मृदाओं का स्रोत है।

2. मोनाजाइट में थोरियम होता है।

3. भारत की समस्त तटवर्ती बालुकाओं में मोनाजाइट प्राकृतिक रूप में होता है।

4. भारत में, केवल सरकारी निकाय ही मोनाजाइट संसाधित या निर्यात कर सकते हैं।

उपर्युक्त कथनों में कौन-से सही हैं?

Correct Answer: (b) केवल 1, 2 और 4
Solution:भारत में मोनाजाइट दुर्लभ मृदाओं (Rare earths) एवं थोरियम का स्रोत है। मोनाजाइट, थोरियम एवं दुर्लभ मृदा खनिजों का मिश्रित फॉस्फेट [(Ce, La, Nd, Th, Y) PO₄ ] है और ये रेडियोएक्टिव है। यह भारत के तटीय एवं आंतरिक (Inland) प्लेसर बालुकाओं के साथ पाया जाता है। परंतु मोनाजाइट भारत की समस्त बालुकाओं में नहीं पाया जाता है। यह ओडिशा, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, केरल, महाराष्ट्र, गुजरात, पश्चिम बंगाल एवं झारखंड में पाया जाता है। अतः कथन 3 गलत है। भारत में केवल सरकारी निकाय ही मोनाजाइट संसाधित या निर्यात कर सकते हैं, जबकि निजी निकायों के ऐसा करने पर प्रतिबंध है। भारत में सार्वजनिक लोक उद्यम 'इंडियन रेयर अर्ब्स लिमिटेड (IREL) एकमात्र ऐसा निकाय है, जो मोनाजाइट के प्रसंस्करण से दुर्लभ मृदा यौगिकों का उत्पादन करता है।

19. भारत में प्रचुर मात्रा में उपलब्ध महत्वपूर्ण नाभिकीय ईंधन है- [U.P. Lower Sub. (Spl) (Pre) 2003, R.A.S./R.T.S. (Pre) 1992]

Correct Answer: (b) थोरियम
Solution:थोरियम एक ऐसा महत्वपूर्ण नाभिकीय ईंधन है, जो भारत में प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है। थोरियम का मुख्य स्रोत मोनाजाइट है। थोरियम, केरल, झारखंड, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश तथा राजस्थान में पाया जाता है। भारत में थोरियम के अनुमानतः भंडार 4.5 लाख टन हैं।

20. एक रेडियोधर्मी तत्व जिसके भारत वर्ष में बड़े भंडार पाए जाते हैं- [Uttarakhand P.C.S. (Pre) 2006]

Correct Answer: (c) थोरियम
Solution:थोरियम एक ऐसा महत्वपूर्ण नाभिकीय ईंधन है, जो भारत में प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है। थोरियम का मुख्य स्रोत मोनाजाइट है। थोरियम, केरल, झारखंड, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश तथा राजस्थान में पाया जाता है। भारत में थोरियम के अनुमानतः भंडार 4.5 लाख टन हैं।