कथनः
भूमंडलीय तापक्रम वृद्धि, प्रजाति विलुप्त होने और वनोन्मूलन पर्यावरण के लिए खतरा पैदा कर रही है।
धारणाएँ:
I. जितना अधिक हम अपने पर्यावरण का शोषण और पदच्युत करते हैं, उतना अधिक पारिस्थितक असंतुलन हम बनाते हैं, अंततः मानव जीवन के अस्तित्व को संकट में डालते हैं।
II. प्रत्येक प्रजातियां जीवित रहने के लिए, प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से हर दूसरी प्रजातियों पर निर्भर होती हैं। मनुष्य वे हैं जो न केवल अपने अस्तित्व के लिए बल्कि अपनी विकास की आवश्यकताओं के लिए प्रजातियों की अधिकतम संख्या पर निर्भर रहते हैं।
Correct Answer: (2) दोनों ही धारणाएँ I और II अंतर्निहित हैं
Solution:दोनों ही धारणाएँ कथन से पूर्णतः संबंधित हैं। क्योंकि ग्लोबल वार्मिंग की घटना में वृद्धि होने से पृथ्वी के तापमान में वृद्धि होगी, जो पूरे पारिस्थितिकी तंत्र में असंतुलन का कार्य करेगी।