पठार

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11. नीचे दिए गए चित्र पर विचार कीजिए- [I.A.S. (Pre) 1997]

मानचित्र में A, B, C तथा D द्वारा अंकित स्थान क्रमशः हैं-

Correct Answer: (c) रिफ्ट घाटी क्षेत्र, छत्तीसगढ़ मैदान, छोटानागपुर पठार और वर्षा छाया क्षेत्र
Note:

उपर्युक्त दिए गए मानचित्र में A, B, C और D द्वारा अंकित क्षेत्र इस प्रकार हैं-
A- नर्मदा-ताप्ती रिफ्ट घाटी क्षेत्र
B- छत्तीसगढ़ मैदान
C- छोटानागपुर पठार
D- पश्चिमी घाट के पूर्व में वृष्टि छाया क्षेत्र
अतः सही उत्तर विकल्प (c) है।

12. अलबामा हिल स्थित है- [Chhattisgarh P.C.S. (Pre) 2018]

Correct Answer: (c) बीजापुर अपलैंड के दक्षिण में।
Note:

अलबामा हिल बीजापुर अपलैंड के दक्षिण में स्थित है।

13. प्रायद्वीपीय पठार के बारे में निम्नलिखित कथनों पर विचार करें। [Chhattisgarh P.C.S. (Pre) 2023]

1) नदी के मैदानों से 150 मीटर की ऊंचाई से 600-900 मीटर की ऊंचाई तक उठने वाला अनियमित त्रिभुज प्रायद्वीपीय पठार के रूप में जाना जाता है।
(2) उत्तर पश्चिम में दिल्ली पर्वतमाला, पूर्व में राजमहल की पहाड़ियां, पश्चिम में गिर पर्वतमाला और दक्षिण में कार्डामम पहाड़ियां प्रायद्वीपीय पठार की बाहरी सीमा बनाती है।
उपर्युक्त में से कौन-सा/से कथन सही हैं?

Correct Answer: (c) दोनों (1) और (2)
Note:

नदियों के मैदान से 150 मीटर की ऊंचाई से ऊपर उठता हुआ प्रायद्वीपीय पठार 600 से 900 मीटर ऊपर उठा हुआ है। प्रायद्वीपीय पठार अनियमित तिकोन/त्रिभुज आकार वाला कटा-फटा भूखंड है। उत्तर-पश्चिम में दिल्ली कटक (अरावली का विस्तार), पूर्व में राजमहल पहाड़ियां, पश्चिम में गिर पहाड़ियां और दक्षिण में इलायची (कार्डामम) पहाड़ियां प्रायद्वीपीय पठार की सीमाएं निर्धारित करती हैं। उत्तर-पूर्व में शिलांग तथा कार्बी-ऐंगलोंग पठार भी प्रायद्वीपीय पठार का विस्तार है। यह भारत के प्राचीनतम एवं स्थिर भूभागों में से एक है।

14. प्रायद्वीपीय पठार के संबंध में क्या सही नहीं हैं? [Chhattisgarh P.C.S. (Pre) 2022]

(i) इस भूखंड की ऊंचाई लगभग 1000-1500 मीटर है।
(ii) प्रायद्वीप की ऊंचाई सामान्यतः पश्चिम से पूर्व की ओर कहोती जाती है।

 (iii) इसके पूर्व में गिर पहाड़ियां तथा पश्चिम में राजमहल पहाड़ियां हैं।

Correct Answer: (c) (i) और (iii)
Note:

नदियों के मैदान से 150 मीटर ऊंचाई से ऊपर उठता हुआ प्रायद्वीपीय पठार तिकोने आकार वाला कटा-फटा भूखंड है, जिसकी ऊंचाई लगभग 600-900 मीटर है। उत्तर पश्चिम में दिल्ली, कटक (अरावली विस्तार), पूर्व में राजमहल पहाड़ियां, पश्चिम में गिर पहाड़ियां और दक्षिण में इलायची (कार्डामम) पहाड़ियां, प्रायद्वीपीय पठार की सीमा निर्धारित करती हैं। सामान्य तौर पर प्रायद्वीपीय पठार की ऊंचाई पश्चिम से पूर्व को कम होती चली जाती है। जिसका प्रमाण यहां की नदियों के बहाव की दिशा से भी मिलता है। सामान्य ढाल उत्तर-पश्चिम से दक्षिण-पूर्व की ओर है। इस प्रकार प्रायद्वीपीय पठार को प्रमुख रूप से तीन भागों में बांटा जा सकता है: दक्कन का पठार, मध्य उच्च भूभाग और उत्तरी-पूर्वी पठार। दक्कन के पठार की पश्चिमी घाट की औसत ऊंचाई लगभग 1500 मीटर और समुद्र तल से उच्च भू-भाग की ऊंचाई 700-1000 मीटर के मध्य में है।

15. अरावली एवं विध्य श्रृंखलाओं के मध्य कौन-सा पठार स्थित है? [M.P.P.C.S. (Pre) 2008]

Correct Answer: (a) मालवा का पठार
Note:

अरावली एवं विंध्य श्रृंखलाओं के मध्य मालवा का पठार स्थित है। इसकी उत्तरी सीमा अरावली एवं दक्षिणी सीमा विंध्य श्रेणी और पूर्वी सीमा बुंदेलखंड पठार द्वारा निर्धारित की जाती है।

16. कौन-सा पठार अरावली एवं विंध्य श्रेणियों के मध्य स्थित है? [Uttarakhand P.C.S. (Pre) 2021]

Correct Answer: (a) मालवा
Note:

अरावली एवं विंध्य श्रृंखलाओं के मध्य मालवा का पठार स्थित है। इसकी उत्तरी सीमा अरावली एवं दक्षिणी सीमा विंध्य श्रेणी और पूर्वी सीमा बुंदेलखंड पठार द्वारा निर्धारित की जाती है।