पर्यावरण एवं सतत विकास

पर्यावरण एवं सतत विकास

Total Questions: 110

1. पर्यावरण से अभिप्राय है [UP.PC.S. (Pre) 2006]

Correct Answer: (d) उपर्युक्त सभी।
Note:

पृथ्वी पर पाए जाने वाले भूमि, जल, वायु, जीवों (पौधों और जंतुओ) का समूह जो हमारे बारों ओर है, सामूहिक रूप में पर्यावरण कहलाता है। पर्यावरण के ये अजैविक और जैदिक संघटक आपस में अंतक्रिया भी करते हैं। यह संपूर्ण प्रक्रिया एक तंत्र के रूप में संचालित होती है, जिसे पारिस्थितिक तंत्र के रूप में परिभाषित किया जाता है। पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम, 1986 के अनुसार, पर्यावरण किसी जीव के चारों तरफ घिरे भौतिक (अजैविक) एवं जैविक दशाएं और उनके साथ अंतःक्रिया को सम्मिलित करता है। जैविक तथा अजैविक (भौतिक) घटकों के अंतर्गत सांस्कृतिक तत्वों की अंतः क्रियात्मक व्यवस्था जैसे धर्म, नैतिकता, प्रथाएं, लोकाचार विधि, व्यवहार, प्रतिमान आदि शामिल होती है।

 

2. पर्यावरण किससे बनता है? [53rd to 55th B.P.S.C. (Pre) 2011]

Correct Answer: (d) उपर्युक्त सभी
Note:

पर्यावरण एक अविभाज्य समष्टि है। जैविक एवं अजैविक तत्वों वाले पारस्परिक क्रियाशील तंत्रों से इसकी रचना होती है। इसमें जैविक, अजैविक (भौतिक) व भू-आकृतिक घटक शामिल होते हैं। अतः विकल्प (d) अभीष्ट उत्तर होगा।

3. सामान्यतया पर्यावरण को निम्न प्रकार से वर्गीकृत किया जा सकता है। निम्नलिखित में से कौन-सा एक इस वर्गीकरण का अंश नहीं है? [U.P.P.C.S. (Pre) 2020]

Correct Answer: (a) परिचालन पर्यावरण
Note:

पर्यावरण को (1) भौतिक (अजैविक) पर्यावरण (Physical Envi- ronment), (2) जैविक पर्यावरण (Biological Environment) में वर्गीकृत किया जाता है। भौतिक पर्यावरण के अंतर्गत भू-आकृतियां, जलाशय, जलवायु, मृदा, चट्टानें, खनिज आदि आते हैं, जबकि जैविक पर्यावरण के अंतर्गत वनस्पतियां, जंतु (मानव सहित) तथा सूक्ष्म जीव शामिल होते हैं। जैविक तथा अजैविक (भौतिक) पर्यावरण के अंतक्रिया द्वारा सांस्कृतिक पर्यावरण के तहत धर्म, नैतिकता, प्रथाएं, लोकाचार, विधि, व्यवहार प्रतिमान आदि गतिविधियां शामिल होती हैं। इसलिए सामान्यतया पर्यावरण को भौतिक (अजैविक), जैविक तथा सांस्कृतिक पर्यावरण में वर्गीकृत किया जा सकता है।

4. नीचे दो कथन दिए गए हैं जिनमें एक को कथन (A) तथा दूसरे को कारण (R) कहा गया है। कथन (A): सतत विकास मानव समाज के कल्याण हेतु महत्वपूर्ण है। कारण (R): सतत विकास से अभिप्राय ऐसे विकास से है, जो मावी पीढ़ियों की जरूरतें पूरी करने की योग्यता को प्रभावित किए बिना वर्तमान समय की आवश्यकता पूरी करे। नीचे दिए कूटों में से सही उत्तर चुनिए- [U.P.P.C.S. (Pre) 2019]

Correct Answer: (a) (A) तथा (R) दोनों सही हैं तथा (R) कथन (A) की सही व्याख्या है।
Note:

वर्ल्ड कमीशन ऑन एनवायरनमेंट एंड डेवलपमेंट (WCED) द्वारा वर्ष 1987 में प्रकाशित रिपोर्ट 'अवर कॉमन फ्यूचर' (जिसे बंटलैंड रिपोर्ट के नाम से भी जाना जाता है) के अनुसार, सतत विकास से अभिप्राय ऐसे विकास से है, जो भावी पीढ़ियों की जरूरतें पूरी करने की योग्यता को प्रभावित किए बिना वर्तमान समय की आवश्यकता पूरी करे। इसका तात्पर्य है कि मानव समाज का सतत भविष्य तभी सुनिश्चित हो सकता है, जबकि आर्थिक गतिविधियों और मानव कल्याण के समर्थन हेतु आवश्यक जैव-भौतिक और सामाजिक-पारिस्थितिकीय परिस्थितियां पीढ़ी-दर-पीढ़ी पोषित या संघृत की जा सकें। इस प्रकार प्रश्नगत कथन एवं कारण दोनों सही हैं तथा कारण, कथन की सही व्याख्या है।

5. वर्ष 1987 में संयुक्त राष्ट्र में पर्यावरण से संबंधित एक प्रतिवेदन की प्रस्तुति के उपरांत 'धारणीय विकास' (सस्टेनेबल डेवलपमेंट) पर चर्चा आरंभ हुई। वह प्रतिवेदन था- [U.P.P.C.S. (Pre) 2020]

Correct Answer: (b) अवर कॉमन फ्यूचर
Note:

वर्ल्ड कमीशन ऑन एनवायरनमेंट एंड डेवलपमेंट (WCED) द्वारा वर्ष 1987 में प्रकाशित रिपोर्ट 'अवर कॉमन फ्यूचर' (जिसे बंटलैंड रिपोर्ट के नाम से भी जाना जाता है) के अनुसार, सतत विकास से अभिप्राय ऐसे विकास से है, जो भावी पीढ़ियों की जरूरतें पूरी करने की योग्यता को प्रभावित किए बिना वर्तमान समय की आवश्यकता पूरी करे। इसका तात्पर्य है कि मानव समाज का सतत भविष्य तभी सुनिश्चित हो सकता है, जबकि आर्थिक गतिविधियों और मानव कल्याण के समर्थन हेतु आवश्यक जैव-भौतिक और सामाजिक-पारिस्थितिकीय परिस्थितियां पीढ़ी-दर-पीढ़ी पोषित या संघृत की जा सकें। इस प्रकार प्रश्नगत कथन एवं कारण दोनों सही हैं तथा कारण, कथन की सही व्याख्या है।

6. निम्नलिखित घटनाओं को कालानुक्रमिक क्रम में व्यवस्थित कीजिए तथा नीचे दिए गए कूट से सही उत्तर चुनिए। [U.P.P.C.S. (Pre) 2020]

Correct Answer: (b) IV, II, III, I
Note:

घटना                                                                                     वर्ष

'द लिमिट टु ग्रोथ' रिपोर्ट का प्रकाशन                                      1972

इंटलैंड आयोग रिपोर्ट का प्रकाशन                                          1987

मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल का प्रवर्तन                                               1989

रियो पृथ्वी शिखर सम्मेलन                                                      1992

7. धारणीय विकास किसके उपयोग के संदर्भ में अंतर-पीढ़ीगत संवेदनशीलता का विषय है? [U.P.P.C.S. (Pre) 2012]

Correct Answer: (a) प्राकृतिक संसाधन
Note:

'धारणीय विकास' विकास की वह अवधारणा है, जिसके तहत वर्तमान की आवश्यकताओं के साथ-साथ भविष्य की आवश्यकताओं को भी ध्यान में रखा जाता है। धारणीय विकास प्राकृतिक संसाधनों के उपयोग के संदर्भ में अंतर-पीढ़ीगत संवेदनशीलता का विषय है। धारणीय विकास का मुख्य उद्देश्य पृथ्वी के प्राकृतिक संसाधनों का न्यायसंगत उपयोग, संरक्षण तथा उचित प्रबंधन करना है।

8. सतत विकास के लिए आवश्यक है- [U.P. Lower Sub. (Pre) 2004]

Correct Answer: (d) उपर्युक्त सभी
Note:

सतत विकास के लिए जैविक (जैव) विविधता का संरक्षण, प्रदूषण का निरोध एवं नियंत्रण तथा निर्धनता घटाना सभी आवश्यक हैं। आर्थिक विकास और पर्यावरण सुरक्षा के मध्य एक वांछित संतुलन बनाए रखना ही टिकाऊ विकास या सतत विकास है। वर्तमान राजनीतिक परिदृश्य में यह एक भूमंडलीय दृष्टिकोण बन चुका है। टिकाऊ विकास की जो अनिवार्य शर्ते हैं, वे सूचनाओं की उपलब्धता पर आधारित होती हैं।

9. निम्नलिखित में से कौन-सा सतत विकास का लक्ष्य नहीं है, जिसे वर्ष 2030 तक प्राप्त करने का लक्ष्य रखा गया है? [U.P.P.C.S.(Pre) 2023]

Correct Answer: (b) अंतरिक्ष अनुसंधान
Note:

SDG-5 लैंगिक समानता से, SDG-2 शून्य भूख से तथा SDG-3 अच्छा स्वास्थ्य एवं भलाई से संबंधित है।

10. निम्नलिखित पर विचार कीजिए : 1. प्रकाश संश्लेषण 2. श्वसन 3. जैव पदार्थों का अपक्षय 4. ज्वालामुखी क्रियाएं उपर्युक्त में से कौन-सी क्रियाएं पृथ्वी के कार्बन चक्र में कार्बन डाइऑक्साइड जोड़ती हैं? [I.A.S. (Pre) 2014, 2011]

Correct Answer: (c) केवल 2, 3 और 4
Note:

पृथ्वी के कार्बन चक्र में कार्बनिक पदार्थों के अपघटन, जीवधारियों द्वारा श्वसन प्रक्रिया से, ज्वालामुखी प्रक्रियाओं से, जीवाश्म ईंधनों के दहन इत्यादि से कार्बन डाइऑक्साइड वायुमंडल में पहुंचती है। स्वपोषित पौधे प्रकाश-संश्लेषण की क्रिया द्वारा कार्बोहाइड्रेट्स के निर्माण में वायुमंडलीय कार्बन डाइऑक्साइड ग्रहण करते हैं न कि विमोचित करते अथवा जोड़ते हैं।