Solution:भारत-भारती सम्मान (पुरस्कार) सर्वप्रथम महादेवी वर्मा को वर्ष 1981 हेतु प्रदान किया गया था। यह पुरस्कार उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान द्वारा दिए जाने वाले पुरस्कारों में सबसे बड़ा पुरस्कार है।अन्य महत्त्वपूर्ण तथ्य
भारत-भारती सम्मान प्राप्त हिन्दी साहित्यकार
→वर्ष 1981 महादेवी वर्मा
→वर्ष 1982 व 1983 में क्रमशः जैनेन्द्र कुमार व अज्ञेय
→वर्ष 1984 व 1985 में क्रमशः रामकुमार वर्मा व अमृतलाल नागर
→वर्ष 1986 में श्रीनारायण चतुर्वेदी ने लेने से मना कर दिया।
→वर्ष 1987 व 1988 में क्रमशः नागार्जुन व डॉ. रामविलास शर्मा
→वर्ष 1989 व 1990 में क्रमशः धर्मवीर भारती व नरेश मेहता
→वर्ष 1991 व 1992 में क्रमशः डॉ. कुँवर चन्द्रप्रकाश सिंह व डॉ. नगेन्द्र
→वर्ष 1993 व 1994 में क्रमशः डॉ. शिवमंगल सिंह 'सुमन' व डॉ. रघुवंश
→वर्ष 1995 व 1996 में क्रमशः अमृतराय व विजयेन्द्र स्नातक
→वर्ष 1997 व 1998 में क्रमशः विद्यानिवास मिश्र व जगदीश गुप्त
→वर्ष 1999 व 2000 में क्रमशः डॉ. लक्ष्मीशंकर मिश्र 'निशंक' व आचार्य जानकी वल्लभ शास्त्री
→वर्ष 1989 व 1990 में क्रमशः धर्मवीर भारती व नरेश मेहता
→वर्ष 1991 व 1992 में क्रमशः डॉ. कुँवर चन्द्रप्रकाश सिंह व डॉ. नगेन्द्र
→वर्ष 1993 व 1994 में क्रमशः डॉ. शिवमंगल सिंह 'सुमन' व डॉ. रघुवंश
→वर्ष 1995 व 1996 में क्रमशः अमृतराय व विजयेन्द्र स्नातक
→वर्ष 1997 व 1998 में क्रमशः विद्यानिवास मिश्र व जगदीश गुप्त
→वर्ष 1999 व 2000 में क्रमशः डॉ. लक्ष्मीशंकर मिश्र 'निशंक' व आचार्य जानकी वल्लभ शास्त्री
→वर्ष 2001 व 2002 में क्रमशः राममूर्ति त्रिपाठी व कमलेश्वर
→वर्ष 2003 व 2004 में क्रमशः डॉ. विश्वम्भर नाथ उपाध्याय व डॉ. नामवर सिंह
→वर्ष 2005 व 2006 में क्रमशः डॉ. रामदरश मिश्र व डॉ. परमानन्द श्रीवास्तव
→वर्ष 2007 व 2008 में क्रमशः डॉ. केदारनाथ सिंह, जबकि अशोक वाजपेयी ने मना कर दिया।
→वर्ष 2009 व 2010 में क्रमशः डॉ. महीप सिंह व डॉ. कैलाश वाजपेयी
→वर्ष 2011 व 2012 में क्रमशः गोविन्द मिश्र व गोपालदास नीरज
→वर्ष 2013 व 2014 में क्रमशः दूधनाथ सिंह व काशीनाथ सिंह
→वर्ष 2015 व 2016 में क्रमशः डॉ. विश्वम्भर त्रिपाठी व डॉ. आनन्द प्रकाश दीक्षित
→वर्ष 2017 व 2018 में क्रमशः डॉ. रमेश चन्द्र शाह व डॉ. उषा किरण खान
→वर्ष 2019 व 2020 में क्रमशः सूर्यबाला व पाण्डेय शशिभूषण 'शीतांशु'
→ वर्ष 2021 में डॉ. रमानाथ त्रिपाठी