Solution:जयमल और पत्ता (फत्ता) सिसोदिया वे वीर योद्धा थे, जिन्हें मेवाड़ के शासक राणा उदय सिंह द्वितीय के शासनकाल के दौरान चित्तौड़ के किले की रक्षा करने का प्रभार सौंपा गया था। उन्होंने 1567-68 ईस्वी में मुगल सम्राट अकबर द्वारा किए गएचित्तौड़गढ़ के तीसरे घेरे के दौरान असाधारण वीरता का प्रदर्शन किया। इस घेराबंदी में, जब राणा उदय सिंह किले से बाहर चले गए थे, तो जयमल और पत्ता ने किले की कमान संभाली और अंतिम सांस तक मुगलों का बहादुरी से मुकाबला किया, जिसके लिए उन्हें भारतीय इतिहास में हमेशा याद किया जाता है।