Correct Answer: (b) उसका ताप
Solution:विशाल तारे स्वतः चमकदार गैसों के पिण्ड हैं, जो स्वयं के गुरुत्वाकर्षण बल से परस्पर बंधे रहते हैं। भार के अनुपात में तारों में 70% हाइड्रोजन, 28% हीलियम, 1.5% कार्बन, नाइट्रोजन एवं ऑक्सीजन तथा 0.5% लौह तथा अन्य भारी तत्व होते हैं। तारों का सतत स्पेक्ट्रम ही इनके रंगों का निर्धारण करता है। किसी तारे का रंग वस्तुतः उसके ताप को दर्शाता है। सर्वाधिक गर्म तारों में स्पेक्ट्रम के नीले भाग से अधिकांश ऊर्जा उत्सर्जित होती है। अतः ये नीले दिखाई देते हैं, जबकि सबसे कम गर्म तारे लाल दिखाई देते हैं। सबसे गर्म तारों से सबसे कम गर्म तारों के रंगों का क्रम (उनके ताप के साथ) इस प्रकार है- नीला (50,000- 28,000 K), नीला-श्वेत (28,000-10,000 K), श्वेत (10,000-7,500 K), श्वेत-पीला (7,500-6,000K), पीला (6,000-4,900 K), नारंगी (4,900-3,500 K) एवं लाल (3,500-2,000 K)। तारों का जीवनकाल इनके द्रव्यमान एवं चमक पर निर्भर करता है, जो तारा जितना अधिक चमकीला होता है, उसका जीवन काल उतना ही कम होता है।