Correct Answer: (b) प्राप्यतम ऊर्जा, स्थितिज ऊर्जा में परिवर्तित होती है और संचित हो जाती है।
Solution:प्रकाश संश्लेषण की क्रिया मुख्यतः पौधों में संपन्न होती है, जिसके द्वारा सूर्य के प्रकाश (मुक्त ऊर्जा) को रासायनिक ऊर्जा में परिवर्तित किया जाता है। यह ऊर्जा बाद में पौधों की विभिन्न क्रियाओं में प्रयुक्त होती है। इस रासायनिक ऊर्जा का संचयन कार्बोहाइड्रेट अणुओं यथा शर्करा के रूप में होता है, जिनका संश्लेषण कार्बन डाइऑक्साइड और जल की सहायता से किया जाता है। रासायनिक ऊर्जा एक प्रकार की स्थितिज ऊर्जा है, जो परमाणुओं व अणुओं के बंधन (Bonds) में संचित होती है। प्रकाश संश्लेषण की क्रिया दो चरणों में संपन्न होती है। पहले चरण में प्रकाश पर निर्भर प्रतिक्रियाओं के द्वारा प्रकाश की ऊर्जा ATP और NADPH के ऊर्जा संचित करने वाले अणुओं के निर्माण में प्रयुक्त होती है। दूसरे चरण में प्रकाश से स्वतंत्र प्रतिक्रियाओं द्वारा इन उत्पादों का प्रयोग कार्बन डाइऑक्साइड के संग्रहण और न्यूनीकरण में किया जाता है।