प्राचीन भारतीय इतिहास का अध्ययन

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11. मेगस्थनीज की पुस्तक के संदर्भ में कौन से कथन सत्य हैं?

(I) मेगस्थनीज की पुस्तक का नाम 'इण्डिका' है।

(II) मेगस्थनीज ने अपनी पुस्तक में भारत को 7 वर्गों में विभाजित किया है।

Correct Answer: (c) I और II
Solution:यूनानी राजदूत मेगस्थनीज चंद्रगुप्त मौर्य के दरबार में आया था, उसकी पुस्तक का नाम 'इण्डिका' है। हालांकि इण्डिका पुस्तक आज मौजूद नहीं है, लेकिन हमें इस पुस्तक की बातों का पता डायोडोरस, स्ट्रैबो और एरियन के लेखों में शामिल अनेक उद्धरणों से चलता है। शायद मेगस्थनीज को भारतीय समाज और सामाजिक व्यवस्था पर बहुत अच्छी समझ नहीं थी, क्योंकि मेगस्थनीज ने लिखा है कि भारतीय समाज 7 वर्गों पर आधारित था।

12. निम्न कथनों को पढ़कर सही विकल्प का चयन करें-

कथन 1- वाल्टेयर ने लिखा कि - "मिस्रवासियों, यूनानियों और रोमनों का मिथक विज्ञान और सृष्टि मीमांसा ब्राह्मणों के सिद्धातों से उधार ली गई हैं।"

कथन 2- हॉलवेल ने लिखा कि शतरंज बैकगैमन (पासे का खेल), रेखागणित हमारी अपनी बन चुकी है, हम भारतीय लोगों के ऋणी है।

Correct Answer: (d) न तो 1 न ही 2
Solution:वाल्टेयर ने भारतीयों का वर्णन करते हुए लिखा है कि "अपने अंकों, बैकगैमन (पासे के खेल) और शतरंज के खेल, रेखागणित के अपने प्रथम सिद्धांतों और अपनी कथा-कहानियों, जो हमारी अपनी बन चुकी है, के लिए हम भारतीयों के ऋणी हैं।" संक्षेप में मेरी यह मान्यता है, कि हमारी प्रत्येक चीज गंगा के तट से आई है, जिसमें- खगोल विद्या, ज्योतिष विद्या, अध्यात्मिक विद्या तथा तत्व मीमांसा शामिल हैं। उपर्युक्त कारणों से वाल्टेयर ने भारत को विश्वसभ्यता का पालन कहा है। अतः कथन 2 गलत है।

• हॉलवेल ने लिखा है, "कि हिंदू ग्रंथों ने ईसाई ग्रंथों में उद्घाटित सत्य से कहीं अधिक श्रेष्ठ सत्य का उद्घाटन किया है।" हॉलवेल ने यह भी लिखा, कि -'' मिस्रवासियों, यूनानियों और रोमनों की मिथक विद्या (पौराणिक कथाएं) और सृष्टि मीमांसा ब्राह्मणों के सिद्धातों से उधार ली गई हैं। अतः कथन 1 गलत है। जॉन हॉलवेल, नेन्थेनियल हालहेड और अलेक्जेंडर डी. सभी ब्रिटिश ईस्ट इण्डिया कंपनी से जुड़े थे, परंतु इन्होंने प्राचीन संसार में भारतीय सभ्यता की श्रेष्ठता सिद्ध की। इस प्रकार कथन 1 और 2 दोनों गलत हैं।

13. निम्न कथनों को पढ़कर सही विकल्प का चयन करें-

कथन 1- मेगस्थनीज की पुस्तक 'इंडिका' वर्तमान में उपलब्ध नहीं है।

कथन 2- अलबरूनी संस्कृत भाषा नहीं जानता था।

Correct Answer: (a) कथन 1
Solution:मेगस्थनीज ने अपनी इण्डिका नामक पुस्तक में तत्कालीन साम्राज्यों के बारे में विस्तारपूर्वक लिखा है, लेकिन यह पुस्तक वर्तमान में उपलब्ध नहीं है। मेगस्थनीज को भारतीय समाज और सामाजिक व्यवस्था की बहुत कम जानकारी थी। मेगस्थनीज को किसी भारतीय भाषा का ज्ञान नहीं था। मेगस्थनीज के विपरीत, अलबरूनी ने संस्कृत भाषा का अध्ययन किया और भारतीय स्रोतों का सही- सही ज्ञान प्राप्त करने की कोशिश की।

14. 1776 ई. में प्रकाशित कानूनी पुस्तक 'ए कोड ऑफ जेंटू लॉज' पहले किस नाम से जानी जाती थी?

Correct Answer: (d) मनुस्मृति
Solution:जब 1765 में बंगाल व बिहार ईस्ट इण्डिया कंपनी के शासन में आया, तब शासकों को हिंदुओं में उत्तराधिकार की न्याय व्यवस्था स्थापित करने में कठिनाई का अनुभव हुआ। अतः 1776 ई. में सबसे अधिक प्रामाणिक मानी जाने वाली मनुस्मृति का अंग्रेजी अनुवाद 'ए कोड ऑफ जेंटू लॉज' के नाम से कराया गया।

15. 'एशियाटिक सोसाइटी ऑफ बंगाल' की स्थापना किस सन् में की गयी थी?

Correct Answer: (b) 1784
Solution:प्राचीन कानूनों और रीति-रिवाजों को समझने के लिए प्रयास आरंभ हुआ, जो व्यापक रूप से अठारहवीं सदी तक चलता रहा। इसी के परिणाम स्वरूप 1784 ई. में कलकत्ता में एशियाटिक सोसाइटी ऑफ बंगाल नामक शोध संस्था की स्थापना हुई।

16. 1785 ई. मे भगवद्‌गीता का अंग्रेजी अनुवाद किस अंग्रेज द्वारा किया गया?

Correct Answer: (c) विल्किंसन
Solution:सर चार्ल्स विल्किंसन अंग्रेजी भाषा में भगवद्‌गीता के पहले अनुवादक थे। 1784 ई. में विल्किंसन ने विलियम जोन्स की एशियाटिक सोसाइटी ऑफ बंगाल की स्थापना करने में मदद की। राल्फ ग्रिफिथ वेदों का अंग्रेजी में अनुवाद करने वाले पहले यूरोपियन थे।

17. निम्नलिखित का सही मिलान करें-

List-IList-II
(A) एशियाटिक सोसाइटी (बम्बई) की स्थापना(i) 1784
(B) लंदन एशियाटिक सोसाइटी का गठन(ii) 1804
(C) कलकत्ता एशियाटिक सोसाइटी का गठन(iii) 1823

 

          A           B           C
(a)iiiiii
(b)iiiiii
(c)iiiiii
(d)iiiiii
Correct Answer: (b)
Solution:

एशियाटिक सोसाइटी (बम्बई) की स्थापना 1804 ई. में, लंदन एशियाटिक सोसाइटी का गठन 1823 ई. में, कलकत्ता एशियाटिक सोसाइटी का गठन 1784 ई. में। उपर्युक्त सभी संस्थानों की स्थापना भारत में प्राचीन ग्रंथों व विज्ञान, दर्शन पर शोध के दृष्टिकोण से की गयी थी।

18. मैक्समूलर के संपादकत्व में विशाल प्राचीन धर्मग्रथों का अनुवाद किस नाम से जाना गया?

Correct Answer: (a) सेक्रेड बुक्स ऑफ द ईस्ट सीरीज
Solution:यह अनुवाद 1857 के विद्रोह के पश्चात अंग्रेजों ने महसूस किया, कि जिन विदेशी लोगों पर उन्हें शासन करना है, उनके रीति- रिवाजों और सामाजिक व्यवस्थाओं का उन्हें गहन ज्ञान प्राप्त करना होगा। अतः अंग्रेजी धर्मप्रचारकों ने भी भारतीय धर्म की दुर्बलताओं को जानना आवश्यक समझा, ताकि वे धर्म परिवर्तन करा सकें और भारत में ब्रिटिश सम्राज्य को मजबूत बना सकें। इन आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु मैक्समूलर के संपादकत्व में विशाल मात्रा में प्राचीन धर्मग्रंथों का अंग्रेजी अनुवाद किया गया। 'सेक्रेड बुक्स ऑफ द ईस्ट सीरीज' कुल मिलाकर 50 खण्डों में प्रकाशित हुई, जिसमें प्राचीन भारतीय ग्रंथों को समाहित किया गया।

19. 1904 में 'अर्ली हिस्ट्री ऑफ इण्डिया' नाम से प्रकाशित पुस्तक में प्राचीन भारत का पहला सुव्यवस्थित इतिहास तैयार किया गया, यह किस इतिहासकार द्वारा लिखी गयी थी?

Correct Answer: (b) विंसेंट आर्थर स्मिथ
Solution:विन्सेंट आर्थर स्मिथ की दृष्टि साम्राज्यवादी थी। वे इण्डियन सिविल सर्विस के निष्ठावान सदस्य थे। उन्होंने अपनी पुस्तक में लिखा है, कि "भारतवासियों को न तो राष्ट्रीय भावना का एहसास था और न ही किसी प्रकार के स्वशासन का अनुभव।" ऐसे बहुत सारे निष्कर्ष विन्सेंट आर्थर स्मिथ की पुस्तक 'अर्ली हिस्ट्री ऑफ इंडिया', में प्रकाशित हैं। उसने प्राचीन भारत का सुव्यवस्थित इतिहास 1904 ई. में तैयार किया। जिसमें राजनीतिक इतिहास की प्रधानता है। स्मिथ की पुस्तक के एक-तिहाई भाग में केवल सिकंदर का आक्रमण वर्णित है

20. 'इण्डो-एरियंस' नामक पुस्तक किस भारतीय इतिहासकार ने लिखी?

Correct Answer: (d) राजेंद्र लाल मित्र
Solution:राजेंद्र लाल मित्र (1822-1891) की पुस्तक 'इण्डो-एरियंस

प्राचीन समाज को तर्कनिष्ठ दृष्टि से देखते हुए सर्वश्रेष्ठ पुस्तक मानी जाती है। इन्होंने पुस्तिका के माध्यम से यह सिद्ध किया है, कि प्राचीन काल में लोग गोमांस खाते थे।