Correct Answer: (b) जैन धर्म
Solution:राष्ट्रकूट शासकों के समय वैसे तो ब्राह्मण धर्म का महत्व था; किंतु ब्राह्मण धर्म की तुलना में जैन धर्म का अधिक प्रचार-प्रसार था तथा इसे राजकीय संरक्षण भी प्राप्त था। राष्ट्रकूट शासक अमोघवर्ष के गुरु जैनाचार्य जिनसेन थे, जिसने आदिपुराण की रचना की। उस समय शासकों तथा सामंतों के साथ-साथ सेनापति पदों पर भी अनेक जैन धर्मानुयायियों की नियुक्ति की जाती थी।