प्राचीन साहित्य एवं साहित्यकार (UPPCS) (Part-2)

Total Questions: 30

1. कालिदास की साहित्यिक कृति कौन-सी नहीं है? [Chhattisgarh P.C.S. (Pre) 2005]

Correct Answer: (a) मृच्छकटिकम्
Solution:'मृच्छकटिकम्' कालिदास की नहीं, बल्कि शूद्रक की रचना है।

2. कालिदास द्वारा रचित 'मालविकाग्निमित्र' नाटक का नायक था- [U.P.P.C.S. (Pre) 1998]

Correct Answer: (c) अग्निमित्र
Solution:कालिदास द्वारा रचित 'मालविकाग्निमित्रम्' पांच अंकों का नाटक है, जिसमें मालविका और अग्निमित्र की प्रणय कथा वर्णित है। अग्निमित्र शुंग शासक, पुष्यमित्र शुंग का पुत्र था।

3. प्राचीन भारत की निम्नलिखित पुस्तकों में से किस एक में शुंग राजवंश के संस्थापक के पुत्र की प्रेम कहानी है? [I.A.S. (Pre) 2016]

Correct Answer: (b) मालविकाग्निमित्र
Solution:कालिदास द्वारा रचित 'मालविकाग्निमित्रम्' पांच अंकों का नाटक है, जिसमें मालविका और अग्निमित्र की प्रणय कथा वर्णित है। अग्निमित्र शुंग शासक, पुष्यमित्र शुंग का पुत्र था।

4. 'स्वप्नवासवदत्ता' के लेखक हैं- [43rd B.P.S.C. (Pre) 1999]

Correct Answer: (b) भास
Solution:महाकवि भास के नाम से 13 नाटक उपलब्ध हुए हैं, जिन्हें टी. गणपति शास्त्री ने त्रिवेंद्रम (तिरुवनंतपुरम) से प्रकाशित कराया था। स्वप्नवास- वदत्ता और चारुदत्त महाकवि भास की प्रमुख रचना है।

5. 'गीत गोविंद' काव्य के रचयिता कौन हैं? [M.P.P.C.S. (Pre) 1997 & Uttarakhand U.D.A./L.D.A. (Pre) 2007]

Correct Answer: (a) जयदेव
Solution:गीत गोविंद के रचयिता जयदेव बंगाल के अंतिम सेन शासक लक्ष्मणसेन के आश्रित महाकवि थे। अतः जयदेव ने बारहवीं शताब्दी में गीत गोविंद की रचना की है। इसे गीतिकाव्य कहना उचित होगा। इसमें 12 सर्ग हैं तथा प्रत्येक सर्ग गीतों से समन्वित हैं।

6. गीत गोविंद के गीतकार जयदेव किसकी सभा को अलंकृत करते थे ? [U.P.P.C.S. (Pre) 1999]

Correct Answer: (d) लक्ष्मणसेन
Solution:गीत गोविंद के रचयिता जयदेव बंगाल के अंतिम सेन शासक लक्ष्मणसेन के आश्रित महाकवि थे। अतः जयदेव ने बारहवीं शताब्दी में गीत गोविंद की रचना की है। इसे गीतिकाव्य कहना उचित होगा। इसमें 12 सर्ग हैं तथा प्रत्येक सर्ग गीतों से समन्वित हैं।

7. 'गीत गोविंद' का रचयिता कौन था? [U.P.P.C.S. (Pre) 2010]

Correct Answer: (c) जयदेव
Solution:गीत गोविंद के रचयिता जयदेव बंगाल के अंतिम सेन शासक लक्ष्मणसेन के आश्रित महाकवि थे। अतः जयदेव ने बारहवीं शताब्दी में गीत गोविंद की रचना की है। इसे गीतिकाव्य कहना उचित होगा। इसमें 12 सर्ग हैं तथा प्रत्येक सर्ग गीतों से समन्वित हैं।

8. सूची-I को सूची-II से सुमेलित कीजिए तथा सूचियों के नीचे दिए गए कूट से सही उत्तर का चयन कीजिए- [U.P. Lower Sub. (Pre) 2002]

सूची-I (रचनाएं)सूची-II (विषय)
A. अष्टांग-संग्रह1. नाट्यकला
B. दशरूपक2. व्याकरण
C. लीलावती3. गणित
D. महाभाष्य4. आयुर्विज्ञान

कूट :

Correct Answer: (b)
Solution:अष्टांग-संग्रह आयुर्विज्ञान से, दशरूपक नाट्यकला से, लीलावती गणित से एवं महाभाष्य व्याकरण से संबंधित ग्रंथ है।

9. 'तुम्हारा अधिकार कर्म पर है, फल की प्राप्ति पर नहीं', यह निम्न में से किस ग्रंथ में कहा गया है? [U.P.P.C.S. (Pre) 1992]

Correct Answer: (c) गीता
Solution:कर्म सिद्धांत पर विशेष बल देते हुए गीता में श्रीकृष्ण ने कहा है कि 'तुम्हारा अधिकार सिर्फ कर्म करने पर है, फल की प्राप्ति पर नहीं'- (कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन्......)।

10. उस स्रोत का नाम बताइए जो प्राचीन भारत के व्यापारिक मार्गों के बारे में मौन है? [B.P.S.C. (Pre) 1994]

Correct Answer: (a) संगम साहित्य
Solution:संगम साहित्य मुख्यतः सांस्कृतिक एवं सामाजिक विषयों से संबंधित दक्षिण भारत की प्राचीनतम साहित्यिक रचनाएं हैं, जो भारत के व्यापारिक मार्गों के संबंध में प्रायः मौन हैं। ध्यातव्य है कि मिलिंदपन्हो एवं जातक कथाओं में तत्कालीन व्यापारिक मार्गों का विशद वर्णन प्राप्त होता है।