1. ऋग्वैदिक समाज कुल मिलाकर जनजातीय पशुचारक, अर्धयायावर और समतावादी था।
2. ऋग्वैदिक समाज में सेवक वर्ग के रूप में शूद्र का अस्तित्व नहीं था।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सत्य हैं?
Correct Answer: (c) 1 और 2 दोनों
Note: यद्यपि शिल्पी, किसान, पुरोहित और योद्धा ऋग्वेद के पुराने भागों में भी मिलते हैं, तथापि समाज में कुल मिलाकर जनजातीय पशुचारक, अर्धयायावर और समतावादी ही था। ऋग्वैदिक समाज में सेवक वर्ग के रूप में शूद्र का अस्तित्व नहीं था। अतः दोनों कथन सत्य हैं।