प्राचीन से मध्य की ओर सामाजिक परिवर्तनों का अनुक्रमण

Total Questions: 40

31. निम्नलिखित में से कौन-सी भाषा दक्षिण भारत की सर्वाधिक प्राचीन भाषा है? []

Correct Answer: (a) तमिल
Note:

दक्षिण में तमिल भाषा सर्वाधिक प्राचीन भाषा है, इसके पश्चात कन्नड़ का उद्भव हुआ तथा तेलुगू और मलयालम बहुत बाद में विकसित हुईं।

 

32. निम्नलिखित में से किस सदी में प्रत्येक क्षेत्र में अपनी-अपनी लिपि विकसित हुई? []

Correct Answer: (c) सातवीं सदी में।
Note:

मौर्यकाल से गुप्तकाल तक अधिकांश भागों में आमतौर पर एक ही लिपि प्रचलित थी, लेकिन सातवीं सदी से प्रत्येक क्षेत्र में अपनी- अपनी क्षेत्रिय लिपि विकसित हुई।

 

33. निम्नलिखित में से मध्यकाल में प्राचीन मूलग्रंथों पर टीकाएं किस भाषा में लिखी गईं? []

Correct Answer: (d) उपर्युक्त सभी
Note:

मध्यकाल में अनेक प्राचीन मूलग्रंथों पर टीकाएं संस्कृत, पालि और प्राकृत भाषा में पांचवीं से अठारहवीं सदियों के बीच लिखी गई।

 

34. निम्नलिखित कथनों पर विचार करें- []

1. पालि मूलग्रंथों पर की गई टीकाओं को अट्टकथा कहते हैं।

2. प्राकृत मूलपाठों पर की गई टीकाओं को चूर्णि, भाष्य और निर्युक्ति कहते हैं।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से कथन सत्य हैं?

 

Correct Answer: (c) 1 और 2 दोनों
Note:

पालि मूलग्रंथों पर की गई टीकाओं को अट्टकथा कहते हैं। प्राकृत मूलपाठों पर की गई टीकाओं को चूर्णि, भाष्य और निर्युक्ति कहते हैं अतः दोनों कथन सत्यं हैं।

 

35. निम्नलिखित कथनों पर विचार करें- []

1. सातवीं-आठवीं सदियों में मूर्तियों और मंदिरों की निर्माण शैली हर प्रदेश में अलग-अलग हो गई।

2. पत्थर और कांसा के सहारे देवता साकार किए गए।

उपर्युक्त कथनों में से सही कथन का चयन करें?

 

Correct Answer: (c) दोनों 1 और 2
Note:

सातवीं-आठवीं सदियों से मूर्तियों और मंदिर के निर्माण की शैली हर प्रदेश में अलग-अलग हो गई, विशेषकर दक्षिण भारत में प्रस्तर-मंदिरों के क्षेत्र बन गए तथा इस काल में कांस्य-प्रतिमाएं बड़े पैमाने पर बनने लगीं।

 

36. पंचायतन शैली का संबंध किससे है? []

Correct Answer: (a) मंदिर स्थापत्य से।
Note:

पंचायतन शैली का संबंध 'मंदिर स्थापत्य' कला से है। इसके अंतर्गत मुख्य देवता के मंदिर के चारों ओर बने गौण मंदिरों में अन्य देवताओं की स्थापना की जाती है।

 

37. निम्नलिखित में से पंचदेवता के अंतर्गत कौन-सा देवता शामिल नहीं था ? []

Correct Answer: (b) इंद्र
Note:

सातवीं आठवीं सदी में जिस तरह समाज असमान कोटि में बंटा था, उसी तरह से देवगण भी असमान कोटियों में बांट दिए गए थे। हम इस काल में पांच देवताओं की पूजा का प्रचलन पाते हैं, जो सम्मिलित रूप से पंचदेवता कहलाते हैं, इसके अंतर्गत शिव, ब्रह्मा, गणपति, विष्णु, और शक्ति को शामिल किया गया था।

 

38. तांत्रिक संप्रदाय का सर्वाधिक प्रसार ईसा की किस सदी में हुआ? []

Correct Answer: (b) ईसा की छठी सदी में।
Note:

ईसा की छठी सदी के आस-पास भारत में धर्म के क्षेत्र में तांत्रिक संप्रदाय का फैलना सबसे बड़ी घटना थी। इसके अंतर्गत तांत्रिक ग्रंथों, तांत्रिक पीठों और तांत्रिक साधनों का प्रचार-प्रसार हुआ।

 

39. निम्नलिखित कथनों पर विचार करें- []

1. ईसा की छठी सदी के आस-पास तांत्रिक ग्रंथों को सुव्यवस्थित करके लिखा गया

2. तांत्रिक संप्रदाय में स्त्री और शूद्र दोनों के लिए द्वार खुले हुए थे।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से कथन सत्य हैं?

 

Correct Answer: (c) दोनों 1 और 2
Note:

तंत्र मार्ग से संबंधित कुछ अनुष्ठान पहले भी चलते थे, परंतु ईसा की छठी सदी के आस-पास इन्हें सुव्यवस्थित करके तांत्रिक ग्रंथों के रूप में लिखा जाने लगा तथा तंत्र मार्ग में स्त्री और शूद्र दोनों के लिए द्वार खुला था और इसमें जादुई अनुष्ठान प्रमुख थे, अतः दोनों कथन सत्य हैं।

 

40. निम्नलिखित में से किस रचनाकार की कृतियों में संस्कृत गद्य में शब्दाडांबर की पराकाष्ठा देखी जाती है? []

Correct Answer: (a) बाणभट्ट की कृतियों में।
Note:

संस्कृत गद्य में शब्दाडांबर की पराकाष्ठा बाणभट्ट की कृतियों में देखी जा सकती है। यद्यपि बाण की गद्य शैली का अनुकरण करना आसान नहीं था, तथापि मध्यकाल के संस्कृत लेखकों ने उसी गद्य शैली को अपना आदर्श बनाया है।