बंगाल विभाजन (1905) तथा स्वदेशी आंदोलन (UPPCS)

Total Questions: 34

21. भारत में स्वदेशी आंदोलन किस दौरान हुआ? [63rd B.P.S.C (Pre.) 2017]

Correct Answer: (b) बंगाल-विभाजन के विरुद्ध आंदोलन
Solution:स्वदेशी आंदोलन के प्रारंभ का तात्कालिक कारण बंगाल विभाजन था। इस अवधारणा के मुख्य प्रस्तुतकर्ता अरबिंद घोष, लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक, बिपिन चंद्र पाल तथा लाला लाजपत राय थे। ये लोग स्वदेशी आंदोलन को पूरे देश में लागू करना चाहते थे; किंतु उदारवादी गुट इसके विरुद्ध था।

22. बंगाल वर्ष 1905 में विभाजित हुआ, जिसके विरोध के फलस्वरूप यह दुबारा विभाजित हुआ- [46th B.P.S.C. (Pre) 2003]

Correct Answer: (c) 1911 में
Solution:दिसंबर, 1911 में ब्रिटिश सम्राट जॉर्ज पंचम और महारानी मैरी के भारत आगमन पर उनके स्वागत हेतु दिल्ली में एक दरबार का आयोजन किया गया। दिल्ली दरबार में ही 12 दिसंबर, 1911 को सम्राट ने बंगाल विभाजन को रद्द घोषित किया, साथ ही कलकत्ता की जगह दिल्ली को भारत की नई राजधानी बनाए जाने की घोषणा की। घोषणा के अनुरूप बंगाल को एक नए प्रांत के रूप में पुनर्गठित किया गया। उड़ीसा तथा बिहार को इससे अलग कर दिया गया। असम को एक नया प्रांत बनाया गया, जैसा कि उसकी स्थिति 1874 ई. में थी तथा सिलहट को इसमें जोड़ दिया गया।

23. वर्ष 1905 में लॉर्ड कर्जन द्वारा किया गया बंगाल का विभाजन कब तक बना रहा? [I.A.S. (Pre) 2014]

Correct Answer: (b) सम्राट जॉर्ज पंचम द्वारा दिल्ली में 1911 के शाही दरबार में कर्जन के अधिनियम को निराकृत किए जाने तक
Solution:स्वदेशी आंदोलन के प्रारंभ का तात्कालिक कारण बंगाल विभाजन था। इस अवधारणा के मुख्य प्रस्तुतकर्ता अरबिंद घोष, लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक, बिपिन चंद्र पाल तथा लाला लाजपत राय थे। ये लोग स्वदेशी आंदोलन को पूरे देश में लागू करना चाहते थे; किंतु उदारवादी गुट इसके विरुद्ध था।

24. लॉर्ड कर्जन द्वारा वर्ष 1905 में किया गया बंगाल विभाजन रद्द किस वर्ष हुआ? [48th to 52nd B.P.S.C. (Pre) 2008 U.P. P.C.S. (Pre) 1993 U.P. P.C.S (Pre) 1991]

Correct Answer: (a) 1911
Solution:स्वदेशी आंदोलन के प्रारंभ का तात्कालिक कारण बंगाल विभाजन था। इस अवधारणा के मुख्य प्रस्तुतकर्ता अरबिंद घोष, लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक, बिपिन चंद्र पाल तथा लाला लाजपत राय थे। ये लोग स्वदेशी आंदोलन को पूरे देश में लागू करना चाहते थे; किंतु उदारवादी गुट इसके विरुद्ध था।

25. भारतीयों के विरोध के कारण बंगाल को फिर से कब एकीकृत किया गया? [Uttarakhand P.C.S. (Pre) 2010]

Correct Answer: (b) 1911
Solution:स्वदेशी आंदोलन के प्रारंभ का तात्कालिक कारण बंगाल विभाजन था। इस अवधारणा के मुख्य प्रस्तुतकर्ता अरबिंद घोष, लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक, बिपिन चंद्र पाल तथा लाला लाजपत राय थे। ये लोग स्वदेशी आंदोलन को पूरे देश में लागू करना चाहते थे; किंतु उदारवादी गुट इसके विरुद्ध था।

26. मद्रास में स्वदेशी आंदोलन का नेतृत्व किसने किया था? [U.P. Lower Sub. (Pre) 2008]

Correct Answer: (c) चिदंबरम पिल्लै
Solution:बंगाल से प्रारंभ हुए स्वदेशी आंदोलन का लोकमान्य तिलक ने सारे देश विशेषकर बंबई और पुणे में, अजीत सिंह और लाला लाजपत राय ने पंजाब एवं उत्तर प्रदेश में, सैयद हैदर रजा ने दिल्ली में तथा चिदंबरम पिल्लै ने मद्रास प्रेसीडेंसी में नेतृत्व किया था।

27. निम्नलिखित में से किसने स्वदेशी आंदोलन का नेतृत्व दिल्ली में किया था? [U.P.P.C.S. (Pre) 2011]

Correct Answer: (d) सैयद हैदर रज़ा ने
Solution:बंगाल से प्रारंभ हुए स्वदेशी आंदोलन का लोकमान्य तिलक ने सारे देश विशेषकर बंबई और पुणे में, अजीत सिंह और लाला लाजपत राय ने पंजाब एवं उत्तर प्रदेश में, सैयद हैदर रजा ने दिल्ली में तथा चिदंबरम पिल्लै ने मद्रास प्रेसीडेंसी में नेतृत्व किया था।

28. निम्नलिखित वर्गों में कौन वर्ष 1905 के स्वदेशी आंदोलन से मुख्यतः अप्रभावित रहा? [40th B.P.S.C. (Pre) 1995]

(i) महिलाएं             (ii) कृषक

(iii) मुसलमान       (iv) बुद्धिजीवी

 

 

 

Correct Answer: (c) (ii) एवं (iii)
Solution:कर्जन ने 20 जुलाई, 1905 को बंगाल विभाजन की घोषणा की, जिसके परिणामस्वरूप 7 अगस्त, 1905 को कलकत्ता के टाउन हॉल में स्वदेशी आंदोलन की घोषणा की गई। इसी बैठक में ऐतिहासिक बहिष्कार प्रस्ताव पारित हुआ। स्वदेशी आंदोलन के समय आंदोलन के प्रति जन समर्थन एकत्र करने के उद्देश्य से अश्विनी कुमार दत्त ने 'स्वदेश बांधव समिति' की स्थापना की। तिलक, लाला लाजपत राय तथा अरबिंद घोष ने पूरे देश में स्वदेशी एवं बहिष्कार का प्रचार किया। इस आंदोलन की सबसे बड़ी विशेषता थी- महिलाओं का इसमें सक्रिय रूप से भाग लेना। किंतु किसान एवं बहुसंख्य मुस्लिम समुदाय स्वदेशी एवं बहिष्कार आंदोलन से अलग रहे। इस प्रकार विकल्प (c) सही उत्तर है।

29. निम्नांकित में से किस आंदोलन के दौरान 'वंदे मातरम' भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन का शीर्षक गीत बना? [U.P. P.C.S. (Mains) 2002 U.P. P.C.S. (Pre) 2005 Uttarakhand P.C.S (Mains) 2006 U.P. P.S.C. (GIC) 2010]

Correct Answer: (a) स्वदेशी आंदोलन
Solution:स्वदेशी आंदोलन के दौरान 16 अक्टूबर, 1905 का दिन (जिस दिन विभाजन प्रभावी हुआ) पूरे बंगाल में शोक दिवस के रूप में मनाया गया। घरों में चूल्हा नहीं जला, लोगों ने उपवास रखा और कलकत्ता में हड़ताल घोषित कर दी। जनता ने जुलूस निकाला। सवेरे जत्थे-के-जत्थे लोगों ने गंगा स्नान किया और फिर सड़कों पर 'वंदे मातरम' गाते हुए प्रदर्शन करने लगे। 'वंदे मातरम' इस आंदोलन का शीर्षक गीत बना । लोगों ने एक-दूसरे के हाथ पर राखियां बांधी थीं-यह जताने के लिए कि बंगाल को बांटकर अंग्रेज उनकी एकता में दरार नहीं डाल सकते।

30. स्वदेशी की भावना से ओत-प्रोत भारत के चरमपंथी राष्ट्रवादी आंदोलन काल के संदर्भ में, निम्नलिखित में से कौन-सा कथन सही नहीं है? [I.A.S. (Pre) 2002]

Correct Answer: (a) लियाकत हुसैन ने बारिसाल के मुस्लिम किसानों के आंदोलनों में उनका नेतृत्व किया।
Solution:उपर्युक्त कथनों में कथन (a) असत्य है। बारिसाल के मुस्लिम किसानों के आंदोलनों में उनका नेतृत्व अश्वनी कुमार दत्त ने किया था।