बायोडीजल

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1. भारत में जैविक डीजल के उत्पादन के लिए जेट्रोफा करकास के अलावा पौंगामिया पिनाटा को भी क्यों एक उत्तम विकल्प माना जाता है? [I.A.S. (Pre) 2010]

1. भारत के अधिकांश शुष्क क्षेत्रों में पौंगामिया पिनाटा प्राकृतिक रूप से उगता है।

2. पौंगामिया पिनाटा के बीजों में लिपिड अंश बहुतायत में होता है। जिसमें से लगभग आधा ओलीइक अम्ल होता है।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?

Correct Answer: (c) 1 और 2 दोनों
Note:

पौंगामिया पिनाटा भारत के अधिकांश शुष्क क्षेत्रों में प्राकृतिक रूप से उगता है। पौंगामिया पिनाटा के बीजों में लिपिड अंश बहुतायत में होता है, जिसमें लगभग आधा ओलीइक अम्ल होता है। इसी कारण जेट्रोफा के अलावा इसको भी बायोडीजल का विकल्प माना जाता है।

2. अगस्त, 2018 में ए. टी. एफ. के रूप में बायो-फ्यूअल का प्रयोग करने वाली प्रथम भारतीय विमानन कंपनी कौन-सी है? [64th B.P.S.C. (Pre) 2018]

Correct Answer: (d) स्पाइसजेट
Note:

अगस्त, 2018 में एयरलाइन कंपनी स्पाइसजेट ने बायोजेट ईंधन के प्रयोग से देश की पहली परीक्षण उड़ान का संचालन किया। यह उडान स्पाइसजेट के बोम्बार्डियर Q400 द्वारा संचालित हुई। यह उड़ान देहरादून एवं दिल्ली के मध्य संचालित हुई।

3. निम्नलिखित में से कौन-सा कथन कंपोस्ट के संदर्भ में सही नहीं है? [R.A.S./R.T.S. (Pre) 2018]

Correct Answer: (c) गड्डों में अपशिष्ट पदार्थों की निम्नीकरण प्रक्रिया को केंचुए धीमा कर देते हैं।
Note:

कंपोस्ट या वर्मीकंपोस्ट पोषण पदार्थों से भरपूर एक उत्तम जैव उर्वरक है। इसे बनाने के लिए जैव-निम्नीकरणीय पदार्थों जैसे पशुओं का मल-मूत्र, वनस्पतियों एवं भोजन के कचरे आदि का निम्नीकरण केंचुए (Earthworms) द्वारा किया जाता है।

4. जैव ईंधन के संबंध में निम्न में से कौन-सा कथन सत्य नहीं है? [U.P. P.C.S. (Mains) 2014]

Correct Answer: (b) जैव ईंधन लागत प्रभावी होता है।
Note:

जैव ईंधन, जीवाश्म ईंधन (डीजल, पेट्रोल, कोयला आदि) की तुलना में लागत प्रभावी नहीं होता है। अतः विकल्प (b) सत्य नहीं है। प्रश्नगत शेष विकल्प सही हैं। जैव ईंधन जेट्रोफा से भी बनाया जा सकता है। करंज, महुआ व नीम आदि भी जैव ईंधन के रूप में प्रयोग में लाए जा सकते हैं। जैव ईंधन को लेकर आशंकाएं व्यक्त की जा रही हैं कि इससे अच्छी कमाई होने से किसान अपने खेतों में अन्य फसलों को उपजाना बंद न कर दें। इससे भारत की खाद्य सुरक्षा खतरे में पड़ सकती है।

5. निम्नलिखित में से कौन-सी बायोडीजल की फसल है? [U.P.P.C.S. (Pre) 2015]

Correct Answer: (c) जेट्रोफा
Note:

जेट्रोफा बायोडीजल की फसल है। जेट्रोफा पुष्पीय पादपों की प्रजाति का पौधा है, जो सूखे तथा विनाशकारी कीटों के प्रति प्रतिरोधी है। यह ऐसे बीज उत्पन्न करता है, जिसमें लगभग 27-40 प्रतिशत तक तेल होता है। जेट्रोफा के तेल को डीजल इंजनों में प्रयोग हेतु बायोडीजल में परिवर्तित कर दिया जाता है।

6. नीचे चार ऊर्जा फसलों के नाम दिए गए हैं। इनमें से किस एक की खेती एथेनॉल के लिए की जा सकती है? [I.A.S. (Pre) 2010]

Correct Answer: (b) मक्का
Note:

मक्का की खेती एथेनॉल के लिए की जा सकती है, जबकि जेट्रोफा, पौंगामिया और सूरजमुखी की खेती बायोडीजल के लिए की जा सकती है।

7. जीवभार गैसीकरण को भारत में ऊर्जा संकट के धारणीय (सस्टेनेबल) हलों में से एक समझा जाता है। इस संदर्भ में कौन-सा/से कथन सही है/हैं? [I.A.S. (Pre) 2012]

1. नारियल आवरण, मूंगफली का छिलका और धान की भूसी का उपयोग जीवभार गैसीकरण के लिए किया जा सकता है।

2. जीवभार गैसीकरण द्वारा जनित ज्वलनशील गैसों में केवल हाइड्रोजन और कार्बन डाइऑक्साइड होती है।

3. जीवभार गैसीकरण द्वारा जनित ज्वलनशील गैसों को ऊष्मा उत्पादन में सीधे ही उपयोग कर सकते हैं, लेकिन अंतर्दहन इंजनों में नहीं।

निम्नलिखित कूटों के आधार पर सही उत्तर चुनिए-

Correct Answer: (a) केवल 1
Note:

ऊष्मा-रासायनिक परिवर्तन द्वारा ठोस बायोमास का, दहन योग्य गैस मिश्रण में रूपांतरण ही बायोमास गैसीकरण है। इस प्रक्रिया में जैविक पदार्थों या जीवाश्म आधारित कार्बनयुक्त पदार्थों को कार्बन मोनोऑक्साइड, हाइड्रोजन, कार्बन डाइऑक्साइड और मीथेन में बदला जाता है। प्राप्त गैसों का मिश्रण ही प्रोड्यूसर गैस या सिंथेटिक गैस कहलाता है, जो स्वयं एक ईंधन है। इसका महत्व इस बात में है कि यह नवीकरणीय ऊर्जा प्राप्ति का एक महत्वपूर्ण स्रोत है। सबसे सामान्य रूप से उपलब्ध गैसीकारक में लकड़ी तथा लकड़ी वाले बायोमास का प्रयोग किया जाता है। ऐसे पदार्थों यथा-नारियल आवरण, मूंगफली के छिलके तथा धान की भूसी इत्यादि का भी उपयोग किया जा सकता है, जो अन्यथा कचरा समझकर फेंक दिए जाते हैं। इस प्रकार उत्पन्न गैस का उपयोग, बिजली पैदा करने वाले जेनरेटर से जुड़े उपयुक्त रूप से डिजाइन किए गए अंतर्दहन इंजन में, डीजल की जगह किया जा सकता है। ध्यातव्य है कि बायोमास से ऊर्जा का विमोचन जैविक परमाणुओं के बीच बने रासायनिक बंधों के टूटने से होता है। ये रासायनिक बंध प्रकाश-संश्लेषण की क्रिया द्वारा बनते हैं। अतः बायोमास में सौर ऊर्जा अप्रत्यक्ष रूप से पाई जाती है।