1. बोधिसत्व, बौद्धमत के हीनयान संप्रदाय की केंद्रीय संकल्पना है।
2. बोधिसत्व अपने प्रबोध के मार्ग पर बढ़ता हुआ करुणामय है।
3. बोधिसत्व समस्त सचेतन प्राणियों को उनके प्रबोध के मार्ग पर चलने में सहायता करने के लिए स्वयं की निर्वाण प्राप्ति विलंबित करता है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
Correct Answer: (b) केवल 2 और 3
Note: अजंता गुहा श्रेणियों में स्थित गुफा संख्या 1 की बोधिसत्व पद्मपाणि का चित्र चित्रकला की श्रेष्ठ कला कृतियों में से एक है। इसे छठी शताब्दी ई. के अंत में निष्पादित किया गया था। चित्र में बोधिसत्व पद्मपाणि ने राजसी शैली में एक नीलम जड़ित मुकुट पहना हुआ है, उनके लंबे काले बाल मनोहारी रूप से झुके हैं। रमणीय रीति से अलंकृत यह आकृति आदमकद से भी बड़ी है और इसमें उनका दाहिना हाथ कुछ-कुछ रुका हुआ तथा कमल के पुष्प को पकड़े हुए दर्शाया गया है।